दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, लखनऊ, पटना समेत कई शहरों में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन निकाले गए हैं. पुलिस ने सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया है.
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नागरिकता कानून के खिलाफ आज भारत के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इनमें से कुछ का आयोजन छात्र संगठनों ने किया है जबकि कुछ का नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने. इनके अलावा कुछ राजनीतिक दल भी विरोध प्रदर्शन करने निकले हैं.
वामपंथी दलों ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन का आयोजन किया है और आम जनता को बड़ी से बड़ी संख्या में प्रदर्शनों से जुड़ने की अपील की है.
इसके अलावा, लेफ्ट दलों ने बिहार में बिहार बंद का भी आह्वान किया है.
दिल्ली में वाम दलों के प्रदर्शन के अलावा छात्रों और कुछ सामजिक कार्यकर्ताओं ने भी ऐतिहासिक लाल किले के पास एक प्रदर्शन निकालने की कोशिश की. लेकिन वहां पुलिस ने पहले से ही निषेधाज्ञा लागू कर दी थी. लिहाजा प्रदर्शनकारियों को विरोध जताने की इजाजत नहीं मिली और उनमें से कुछ को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया. इनमें स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव भी शामिल थे.
दिल्ली के मंडी हाउस इलाके में भी यही हुआ. वहां वाम दलों ने प्रदर्शन का आयोजन किया था, लेकिन वहां भी पुलिस ने प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया.
दिल्ली में मेट्रो सेवायें चल रही हैं लेकिन लगभग 20 मेट्रो स्टेशनों के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं.
कई इलाकों में मोबाइल पर वॉइस, इंटरनेट और एसएमएस सेवायें रोक दी गई हैं.
दिल्ली के अलावा कम से कम 10 और शहरों में इस तरह के प्रदर्शन की इजाजत पुलिस ने नहीं दी और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया.
बेंगलुरु में जाने माने इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा को इसी क्रम में हिरासत में ले लिया गया.
हैदराबाद से भी लोगों को हिरासत में लिए जाने की खबरें आई.
लखनऊ से भी प्रदर्शनों की और पुलिस की कार्रवाई की खबर आई.
मुंबई जैसे कई और शहरों में प्रदर्शन आयोजित किये गए हैं.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भारत के कई शहरों में विरोध हो रहा है. इस कानून के खिलाफ छात्र विशेष तौर पर अपनी आवाज उठा रहे हैं. कई यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ-साथ नागरिक समाज, अधिकार समूह के सदस्य सड़क पर उतर आए हैं.
तस्वीर: Surender Kumar/Student Union of Jamia Milia University
कानून का विरोध
जामिया मिल्लिया के छात्रों पर कार्रवाई करती दिल्ली पुलिस. सादी वर्दी में पुलिस के जवान को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि पुलिस कब से ड्यूटी के दौरान सादी वर्दी पहनने लगी. सोशल मीडिया पर पुलिस कार्रवाई की बहुत सारी तस्वीरें वायरल हो रही हैं.
तस्वीर: Surender Kumar/Student Union of Jamia Milia University
आगजनी
दिल्ली के जामिया नगर में हिंसक प्रदर्शन के दौरान डीटीसी की चार बसों में आग लगा दी गई. छात्रों का कहना है कि वह शांति के साथ अपना प्रदर्शन कर रहे थे. छात्रों के मुताबिक रविवार को हुई हिंसा उन्होंने नहीं शुरू की.
तस्वीर: Surender Kumar/Student Union of Jamia Milia University
यूनिवर्सिटी के बाहर जुटे छात्र
रविवार को भारी संख्या में जामिया यूनिवर्सिटी के छात्र विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. उनका आरोप है कि नागरिकता कानून के जरिए देश में विभाजनकारी नीति लागू करने की साजिश है.
तस्वीर: Surender Kumar/Student Union of Jamia Milia University
पुलिस पर पथराव
दिल्ली पुलिस का कहना है कि रविवार को प्रदर्शन कर रही भीड़ को रोकने की कोशिश कर रही टीम पर पथराव किया गया. दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस दौरान कुछ पुलिस के जवान भी घायल भी हुए हैं. उधर जामिया यूनिवर्सिटी का कहना है कि पुलिस कार्रवाई में करीब 200 छात्र घायल हुए हैं.
तस्वीर: Surender Kumar/Student Union of Jamia Milia University
पुलिस ज्यादती के खिलाफ एकजुट हुए लोग
दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर रविवार रात नागरिक समाज, छात्र, राजनीतिक दल के सदस्य एकत्रित होकर छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का विरोध किया. लोगों ने महात्मा गांधी और बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीरों के साथ अपनी मांग रखते हुए दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
तस्वीर: Reuters/A. Abidi
पुलिस की सख्ती के खिलाफ विरोध
जामिया मिल्लिया के छात्रों के साथ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में कई कॉलेजों में रविवार रात और सोमवार सुबह प्रदर्शन हुए. हैदराबाद, अलीगढ़, जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने पुलिस के बल प्रयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया.
तस्वीर: Surender Kumar
कई शहरों में विरोध की आवाज
नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक दल के साथ-साथ अधिकार समूह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. असम, बंगाल, त्रिपुरा और मेघालय में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कुछ जगहों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भी हुई. जिनमें गुवाहाटी, डिब्रुगढ़, तिनसुकिया, मालदा, उत्तर 24 परगना, हावड़ा और मुर्शिदाबाद शामिल हैं.
तस्वीर: Surender Kumar
जानलेवा प्रदर्शन
असम में नागरिकता कानून के खिलाफ हुई हिंसा में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि असम के गुवाहाटी और डिब्रुगढ़ में अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. हालात को देखते हुए इन इलाकों में कर्फ्यू में भी ढील दी जा रही है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Boro
अफवाह से फैलती है हिंसा
सोशल मीडिया के जरिए भ्रामक और अफवाह को फैलने से रोकने के लिए कई राज्यों की पुलिस सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी कर रही है. ऐसे में राज्यों की पुलिस समय-समय पर समीक्षा कर इंटरनेट पर रोक लगा देती है जिससे अफवाह ना फैल सकें.