पाकिस्तान जेआईटी रिपोर्ट के दावे पर बवाल
५ अप्रैल २०१६पाकिस्तान के अखबार 'पाकिस्तान टुडे' ने अपने सूत्रों के हवाले से पठानकोट हमलों की जांच के लिए बनाए गई पाकिस्तान की जेआईटी रिपोर्ट के दावों को कथित तौर पर सार्वजनिक किया है. 'पाकिस्तान टुडे' द्वारा प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है, ''जेआईटी रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि भारतीय अधिकारियों को इस हमले की जानकारी पहले से ही थी. भारत ने इस हमले को पाकिस्तान के खिलाफ बिना किसी ठोस सबूत के अपने शातिर प्रचार अभियान के तहत इस्तेमाल किया.''
इस रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि भारतीय अधिकारियों ने जांच में जेआईटी की मदद नहीं की. यह भी कहा गया है कि उन्हें मुख्य द्वार से अंदर नहीं ले जाया गया और महज 55 मिनट के लिए ही अंदर रहने दिया गया, जो कि जांच के लिए काफी नहीं था. रिपोर्ट में पठानकोट हमले की जांच कर रहे एनआईए अधिकारी तंजील अहमद की शनिवार को हुई निर्मम हत्या का भी जिक्र है जिसके साथ जेआईटी के एक सदस्य का बयान भी छापा गया है, ''मुस्लिम जांचकर्ता की इस तरह की निर्मम हत्या बताती है कि भारत सरकार इस मामले की असलियत छिपाए रखना चाहती है.''
पाकिस्तानी मीडिया में जेआईटी की रिपोर्ट के इन दावों के बाद से भारत में राजनीतिक हलचल दिखाई देने लगी है. पठानाकोट हमलों की जांच में पाकिस्तान की जेआईटी को शामिल करने का शुरुआत से विरोध कर रही आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के खिलाफ सख्ती के साथ मोर्चा खोल दिया है. पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर तल्ख ट्वीट किया है.
केजरीवाल ने इस मसले पर एक प्रेस कॉन्फरेंस भी आयोजित की और केंद्र सरकार पर जेआईटी को भारत आकर जांच करने देने की आलोचना करते हुए कहा, ''जिन लोगों ने हमला किया सरकार ने उन्हीं को जांच करने के लिए बुलाया.''
हालांकि अब तक केंद्र में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की ओर से इस मसले पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दिखाई दी है. पाकिस्तान की ओर से पठानकोट हमले की जांच के लिए गठित ज्वाइंट इनवेस्टिगेशन टीम के सदस्यों ने बीती 29 मार्च को हमलों की जांच के सिलसिले में वायुसेना बेस का दौरा किया था. हालांकि पाकिस्तानी मीडिया चैनल जिओ न्यूज ने इस टीम से जुड़े अपने करीबी सूत्रों के हवाले से यह खबर भी प्रसारित की थी कि जेआईटी के सदस्यों ने भारतीय अधिकारियों पर जांच में सहयोग न करने के आरोप लगाए थे. जेआईटी की इस टीम में पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी के लोग भी शामिल हैं.
नए साल की शुरूआत में पठानकोट वायुसेना बेस पर हुए हमले के बाद सुरक्षा बलों और हमलावरों के बीच तकरीबन 80 घंटे तक गोलीबारी चलती रही थी. इस घटना में सात जवान और चार आतंकवादी मारे गए थे.