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नाटक में एप्पल का 'सच' बताते हैं माइक डेजी

१७ अक्टूबर २०११

आमतौर पर जब एप्पल की कोई नई चीज बाजार में आती तो माइक डेजी का दिल बल्लियों उछलने लगता. लेकिन इस बार आईफोन 4एस आया तो उनके मन में कोई उत्साह नहीं था. एप्पल की फैक्ट्री देखकर उनका दिल टूट गया है.

तस्वीर: AP

माइक डेजी स्टेज कलाकार हैं. और एप्पल के फैन भी. लेकिन जब से वह चीन से लौटे हैं, उन्होंने अपना एप्पल आईफोन अपडेट नहीं किया है. क्योंकि चीन में उन्होंने देखा ये एप्पल की बेहद खूबसूरत और कमाऊ चीजें बनती कैसे हैं.

चीन में डेजी ने जो देखा वह भयानक था. मजदूरों की बदहाली, काम के अनगिनत घंटे और उनमें पिसते बच्चे. डेजी ऐसे बहुत से मजदूरों से मिले जिनके हाथों के जोड़ एक ही काम बार बार कर करके खराब हो गए थे. वह बताते हैं, "अपनी जिंदगी का ज्यादातर हिस्सा मैंने सच जाने बिना ही बिता दिया. हालांकि मैं इन मशीनों से बेहद प्यार करता हूं, लेकिन मैंने सोचा भी नहीं था कि ये कैसे बनती हैं."

तस्वीर: AP

भ्रम टूट गया

डेजी को लगता था कि एप्पल को रोबोट्स बनाते होंगे. लेकिन चीन में एप्पल की फैक्ट्री ने उनकी सोच समझ को उलट पलट कर रख दिया. वह कहते हैं, "मैं जानता हूं कि जो लोग इंचार्ज हैं वे इन बातों को जानते हैं और उन्होंने इन्हें जानबूझकर नजरअंदाज किया. जब आप इसकी वजह से होने वाला नुकसान देख चुके हैं, तब इसे नजरअंदाज करना मुश्किल है. और वह भी तब जब आपको पता है कि आपकी थोड़ी सी कोशिश कुछ लोगों की जिंदगी बदल सकती है."

अपने अगले नाटक में डेजी इस बात को मुद्दा बना रहे हैं. डेजी मोनोलॉग करते हैं यानी स्टेज पर एकल प्रदर्शन. उनके अगले मोनोलॉग का नाम है द एगनी एंड द एक्सटेसी ऑफ स्टीव जॉब्स. इसके लिए उन्होंने अंडरकवर रिसर्च की है. इस पर वह 16 महीने से लगे थे. लेकिन इस महीने स्टीव जॉब्स की वजह से उन्होंने इसे कुछ दिन के लिए टाल दिया है. वह एप्पल के पूर्व प्रमुख स्टीव जॉब्स का सम्मान करते हैं. लेकिन इससे उनका मोनोलॉग बदलेगा नहीं. वह कहते हैं, "इसमें जो कहा गया है वह तेज हवा की तरह सब कुछ हिलाकर रख देगा. मुझे लगता है कि इसका असर बहुत सारी चीजों पर पड़ने वाला है."

फिलहाल उनका शो न्यूयॉर्क के पब्लिक थिएटर में चल रहा है. स्टीव जॉब्स की मौत की वजह से इसका तीखापन कम नहीं हुआ है. वह जॉब्स को दूरदर्शी मानते थे लेकिन अपने मोनोलॉग में वह उन्हें क्रूर तानाशाह कहते हैं, ऐसा तानाशाह जो किसी और चीज के बारे में कभी सोच ही नहीं पाया.

डेजी के शो का निर्देशन उनकी पत्नी ज्याँ-मिशेल ग्रेगोरी करती हैं. वह कहती हैं कि डेजी को धोखा खाने जैसा अहसास हुआ है क्योंकि वह एप्पल की बहुत इज्जत करते थे और उन्हें लगता है कि जॉब्स अपने कामगारों की जिंदगी बदल सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. ज्याँ-मिशेल ग्रेगोरी कहती हैं, "माइक के लिए स्टीव जॉब्स हीरो थे और उनका यकीन था कि इस मोनोलॉग से जॉब्स अपना बिजनस करने का तरीका बदल सकते थे."

तस्वीर: AP

कैसे बदली नजर

डेजी की आंखें तब खुलीं, जब वह एक बिजनसमैन बनकर चीन के श्नेहेजेन पहुंचे. वहां उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी फॉक्सकॉम टेक्नॉलजी ग्रुप की लुकी छिपी फैक्ट्री के बाहर सैकड़ों लोगों का इंटरव्यू किया. उन्हें पता चला कि छावनीनुमा फैक्ट्रियों में आत्महत्याओं का सिलसिला दिल तोड़ने वाला था.

एप्पल के प्रवक्ता स्टीव डॉलिंग कहते हैं कि उनकी कंपनी की एक अचार संहिता है और सभी सप्लायर्स को इस अचार संहिता का पालन करना होता है. डॉलिंग कहते हैं, "अपनी सप्लाई चेन के जरिए एप्पल सामाजिक जिम्मेदारी के सर्वोच्च मानकों के लिए प्रतिबद्ध है. हमारे सप्लायर्स को काम का सुरक्षित माहौल मुहैया कराना होता हैं. कामगारों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना होता है और प्रक्रिया को पर्यावरण के लिए सुरक्षित बनाना होता है. यह उन सभी के लिए है जो एप्पल के प्रॉडक्ट बनाते हैं."

लेकिन डेजी कहते हैं कि एप्पल ने अपनी प्रक्रियाएं बदली नहीं हैं. उन्होंने अपने मोनोलॉग में जो कहा है वह एप्पल पर ही केंद्रित है, लेकिन वह हाईटेक चीजें बनाने वाली ज्यादातर कंपनियों का सच है. कुछ लोग तर्क देते हैं कि कामगारों के लिए हालात सुधारने से फोन और कंप्यूटर की कीमतें बढ़ती हैं, तो डेजी कहते हैं, "एक आईफोन की कुल मजदूरी सिर्फ 8 डॉलर है...आठ डॉलर!!! हम कैसे बहाने बना लेते हैं अपने फायदे के लिए. हम किसी को जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराते."

अपने मोनोलॉग्स में डेजी पहले भी ऐसे मुद्दे उठा चुके हैं. उन्हें अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट पर काम किया है. उनके मोनोलॉग्स पर फिल्म भी बनी है, जिसका नाम था इफ यू सी समथिंग, से समथिंग. यानी अगर आप कुछ देखते हैं, तो कुछ कहिए.

रिपोर्टः एपी/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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