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नाटो ने कहा, पारदर्शिता दिखाए रूस

१५ दिसम्बर २०१७

सैन्य संगठन नाटो ने अमेरिका को अपना समर्थन दिखाते हुए रूस से पारदर्शिता बरतने की अपील की है. अमेरिका का दावा है कि रूस का क्रूज मिसाइल सिस्टम दोनों देशों के बीच तय की गई साल 1987 की संधि का उल्लंघन करती है.

Belgien NATO Stoltenberg
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/V. Mayo

सैन्य संगठन नाटो में शामिल देशों ने रूस के क्रूज मिसाइल सिस्टम को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. इस क्रूज मिसाइल सिस्टम को तैयार करने से लेकर इसकी तैनाती तक अमेरिका लगातार सवाल उठाता रहा है. सदस्य देशों को डर सता रहा है कि कही यह मिसाइल सिस्टम शीत युद्ध के दौर में रूस और अमेरिका के बीच हुए समझौते ना तोड़ दे. नाटो का यह बयान अमेरिका के समर्थन में आया है.

अमेरिका के मुताबिक रूस एक ऐसा क्रूज मिसाइल सिस्टम तैयार कर रहा है जो इसकी परमाणु क्षमता में इजाफा करता है. साथ ही यह मिसाइल सिस्टम साल 1987 में तय इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्स (आईएनएफ) संधि को भी तोड़ता है. नाटो ने रूस से इन चिंताओं को दूर करने कि अपील की है. साथ ही अमेरिका के साथ तकनीकी रूप से एक सक्रिय और पारदर्शी वार्ता प्रक्रिया में शामिल होने को कहा है. वहीं रूस ने आईएनएफ संधि के उल्लंघन से इनकार किया है.

आईएनएफ संधि, अमेरिका और रूस पर जमीनी स्तर पर मिसाइल तैनाती को लेकर प्रतिबंध लगाती है. लेकिन इस संधि में समुद्र से जुड़े लॉन्च शामिल नहीं है.

नाटो का ये रुख रूस और पश्चिमी देशों के बीच रिश्तों को और भी प्रभावित कर सकता है. क्रीमिया पर रूस के रुख और अमेरिकी चुनावों में रूस के शामिल होने जैसी खबरों ने पहले ही दोनों पक्षों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा कर दिया है. हालांकि रूस ने अमेरिकी चुनावों में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है. नाटो का यह बयान, रूस और अमेरिका की बैठक के ठीक पहले आया है. रूस और अमेरिका दोनों ही पक्ष जेनेवा में इस संधि की 30वीं सालगिरह के मौके पर बैठक करेंगे. रूस के विदेश मंत्रालय ने कुछ दिन पहले एक बयान में कहा था कि, रूस अमेरिका के साथ संधि से जुड़े मसले पर बातचीत करने के लिए तैयार है.

 

एए/एनआर (रॉयटर्स)

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