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नाटो पर जर्मनी का कितना कर्ज

नीना वैर्कहॉयजर
१२ जुलाई २०१८

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का आरोप है कि जर्मनी रक्षा बजट पर बहुत कम खर्च कर रहा है और उससे अपने सैन्य बजट को सकल राष्ट्रीय उत्पादन का 2 प्रतिशत करने की मांग कर रहे हैं. क्या अमेरिकी राष्ट्रपति की शिकायत जायज है?

Brüssel Nato-Gipfel - Merkel
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Mori

इस साल के शुरू में जब जर्मनी की कैबिनेट वीकएंड पर विचार विमर्श के लिए मिली तो वहां एक प्रमुख मेहमान भी था. येंस स्टॉल्टेनबर्ग 2014 से नाटो के महासचिव हैं और जर्मन सेना की कमजोरियों से पूरी तरह वाकिफ हैं. शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद जर्मन सेना में इतनी भारी कटौती की गई कि वह आज उचित साजोसामान के बहुत ही दूर है. हर कहीं खबर फैल गई है कि नाटो के अभियानों के लिए जर्मनी को साजोसामान पूरे देश में फैली छावनियों से जुटाना पड़ता है.

अहम योगदान

इसके बावजूद स्टॉल्टेनबर्ग ने चेतावनी के शब्दों के साथ तारीफ के शब्द भी बोले. जर्मन सेना बुंडेसवेयर लिथुआनिया में नाटो के पूर्वी सदस्यों की रक्षा के लिए एक बहुराष्ट्रीय टुकड़ी का नेतृत्व कर रही है और अफगानिस्तान, कोसोवो और भूमध्यसागर में चल रहे अभियानों में महत्वपूर्ण भागीदारी कर रही है. इसके अलावा उल्म में गठित किए जा रहे दो नाटो कमांडों में से एक जर्मनी मुहैया करा रहा है जिसका मकसद यूरोप में टुकड़ियों को तेजी से तैनात करना है.

तस्वीर: Reuters/P. Hanna

नाटो के महासचिव से इन्हें अहम योगदान बताया. इसके साथ उन्होंने जर्मनी को तीन श्रेणियों में से एक में अव्वल दर्जा दिया. नाटो सदस्य देशों को योगदान, रक्षा बजट और क्षमता वाली श्रेणियों में आंका जाता है. रक्षा पर खर्च के मामले में स्टॉल्टेनबर्ग जर्मनी से ज्यादा सक्रिय होने की उम्मीद रखते हैं ताकि वह 2024 तक रक्षा बजट को सकल घरेलू उत्पादन का 2 प्रतिशत करने का लक्ष्य हासिल कर सके. इस समय ये हिस्सा 1.24 प्रतिशत है, लेकिन 2013 से 2017 के बीच जर्मनी के रक्षा बजट में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. अगले साल उसे कुल 43 अरब यूरो करने का इरादा है.

लक्ष्य से दूर

सारे प्रयासों के बावजूद जर्मनी दो प्रतिशत के लक्ष्य से काफी दूर है. इसकी वजह जर्मनी की विशाल अर्थव्यवस्था भी है. दुनिया की चोटी की अर्थव्यवस्थाओं में शामिल जर्मनी का सकल घरेलू उत्पादन पिछले साल 3,260 अरब यूरो था और वह सालाना दो प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है. 2024 तक दो प्रतिशत का आंकड़ा छूने के लिए जर्मनी को अपना रक्षा बजट दोगुना बढ़ाना होगा. ये एक ऐसी दौड़ है जिसे सरकारी कर्ज वापस करने के दौर में जीतना इतना आसान नहीं.

दूसरे देशों के लिए भी ये करना आसान नहीं. नाटो के एक अनुमान के अनुसार 2018 में दो प्रतिशत का लक्ष्य अमेरिका के अलावा नाटो के सिर्फ और चार देश ग्रीस, एस्तोनिया, ब्रिटेन और लाटविया हासिल करेंगे. इस सूची में 3.5 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर अमेरिका है जो दुनिया भर में सेना पर सबसे ज्यादा खर्च करता है. स्टॉकहोम स्थित शांति शोध संस्थान सिपरी के अनुसार पिछले साल अमेरिका ने रक्षा पर 610 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए. 

तस्वीर: Imago/Zumapress

जर्मनी पर ट्रंप के हमले

अपने रक्षा बजट का एक हिस्सा अमेरिका यूरोपीय साथियों की सुरक्षा पर खर्च करता है जो सुरक्षा नीति के हिसाब से अमेरिका के भी हित में है, इसलिए राष्ट्रपति ट्रंप उसमें कोई कटौती नहीं करेंगे. ये मांग नई नहीं है कि यूरोपीय देशों को नाटो में ज्यादा योगदान देना चाहिए. लेकिन ट्रंप उस पर बहुत जोर दे रहे हैं और जर्मनी के मामले में तो दो आरोपों को एक साथ जोड़ रहे हैं. जर्मनी का व्यापार संतुलन बहुत ज्यादा है और रक्षा खर्च अत्यंत कम. उनका कहना है कि जर्मनी रूस से अरबों का गैस और तैल खरीद रहा है लेकिन उससे सुरक्षा चाहता है. "और हम बेबकूफ हैं जो सारा खर्च उठा रहे हैं."

राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ही ट्रंप ने आरोप लगाया था कि जर्मनी पर नाटो का भारी बकाया है. नाटो शिखर सम्मेलन से पहले उन्होंने कई साथी देशों को पत्र लिखा, अंगेला मैर्केल को भी. उसमें उन्होंने जर्मन सरकार पर नाटो की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने और दूसरे देशों के लिए खराब मिसाल होने का आरोप लगाया. जर्मनी जैसी मजबूत अर्थव्यवस्था को रक्षा पर ज्यादा निवेश करना चाहिए. जर्मनी का कहना है कि वह इसके लिए प्रयास कर रहा है. जर्मनी दो प्रतिशत के लक्ष्य पर कायम है लेकिन वह 2024 तक इस लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएगा. नया राष्ट्रीय लक्ष्य है 2024 तक 1.5 प्रतिशत.

इस घोषणा से घरेलू राजनीति में विवाद छिड़ गया है. वित्त मंत्री की मौजूदा योजना के मुताबिक इस राशि को हासिल करना तभी संभव होगा जब रक्षा बजट में तेज वृद्धि हो. लेकिन विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं. वे इसे सनकी योजना और जर्मन सेना का जरूरत से कहीं ज्यादा सैन्यीकरण बता रही हैं. सरकार में शामिल सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी भी इस लक्ष्य को लेकर संशय में है. इसके विपरीत मैर्केल बढ़े हुए खर्च को सेना को साजोसामान से लैस करना बता रही हैं. अगले छह साल में दो प्रतिशत का लक्ष्य हासिल करना जर्मन सरकार के लिए गंभीर चुनौती होगी.

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