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नाटो सैनिकों पर मुक़दमे की मांग

२ जनवरी २०१०

नाटो फिर से अफ़ग़ानिस्तान में असैनिक नागरिकों के मारे जाने की वजह से आलोचना के केंद्र में है. आरोप है कि नाटो की कार्रवाई में 10 आम नागरिक मारे गए जिनमें से 8 किशोर थे.

नाटो हमलों में मारे गए अपनों को दफ़नाते लोगतस्वीर: AP

अफ़ग़ानिस्तान सरकार ने इस घटना में शामिल सैनिकों पर मुक़दमा चलाने की मांग की है. राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने आईसैफ़ सैनिकों को अफ़ग़ान अधिकारियों को सौंपने की मांग की है ताकि उन पर मुक़दमा चलाया जा सके. एक जांच रिपोर्ट के अनुसार, जिसे राष्ट्रपति कार्यालय ने जारी किया है, आम लोगों को नाटो के नेतृत्व वाली आईसैफ़ टुकड़ी ने उनके घरों में मार डाला. मृतकों में 13 से 17 साल के 8 स्कूली बच्चे भी शामिल थे.

नाटो सैनिकों पर हमले होते रहते हैंतस्वीर: AP

नाटो के इस विवरण को ठुकरा दिया है. उसका कहना है कि उग्रपंथियों की खोज कर रहे सैनिक घिर गए थे और उन पर गोली चलाई गई. उन्होंने हमले का जवाब दिया जिसमें 9 विद्रोही मारे गए. आईसैफ़ का कहना है कि विद्रोहियों से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किया गया है. आईसैफ़ के अनुसार इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि मरने वाले निहत्थे नागरिक हो सकते हैं. सैनिकों को सौंपने की करज़ई की मांग पर आईसैफ़ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की है.

राजधानी काबुल के उत्तर में दो फ़्रांसीसी पत्रकारों और उनके अफ़ग़ान ड्राइवर तथा दुभाषिए को बंधक बना लिया गया है. फ़्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि दो दिनों से उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ है. वे फ़्रांस 3 टेलिविज़न चैनल के रिपोर्टर थे.

उधर पाकिस्तान के क़बायली इलाक़े में एक मानव रहित अमेरिकी ड्रोन के हमले में अधिकारियों के अनुसार कम से कम तीन इस्लामी उग्रपंथी मारे गए. उत्तरी वज़ीरिस्तान में मीरानशाह के निकट स्थित एक गांव में एक गाड़ी पर दो रॉकेट दागे गए. अमेरिकी सेना और सीआईए के ड्रोन से नियमित रूप से अफ़ग़ानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तानी इलाक़े में हमले किए जाते हैं. इस इलाक़े को तालिबान के लड़ाके पनाह के लिए इस्तेमाल करते हैं.

जबकि ज़ाबुल प्रांत में अफ़ग़ान सैनिकों ने तीन पाकिस्तानी नागरिकों को गोली मार दी जो ग़लती से सीमा में घुस आए थे. पाकिस्तानी सीमा पुलिस के अनुसार वे गड़ेरिए थे जो भटक कर अफ़ग़ान सीमा में चले गए थे.

रिपोर्टः एजेंसिंया/महेश झा

संपादनः ए जमाल

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