नारियल खाने वाले चूहे का पता चला
२७ सितम्बर २०१७दुनिया को भले ही इस चूहे का पहली बार पता चला हो, सोलोमन द्वीप के वंगुनू समुदाय के लोगों के लोगों के लिए वीका नयी खोज नहीं है. वे सदियों से अपने जंगलों से भरे द्वीप पर पेड़ों पर रहने वाले इस विशालकाय चूहे के साथ रहते आये हैं. वहां के नर्सरी गीतों में भी इस चूहे का जिक्र होता है.
अब उरोमी वीका को पश्चिमी वैज्ञानिकों ने अपनी सूची में शामिल कर लिया है और उसे लुप्त होने के खतरे में पड़ा जीव घोषित कर दिया है. शिकागो के फील्ड म्यूजियम के जीवविज्ञानी टायरोन लेवरी ने स्थानीय लोगों को एक विशाल चूहे के बारे में बात करते हुए सुना था जो अपने दांतों से नारियल के फल को तोड़ देता है. वे सालों तक उसे खोजते रहे लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली. लेवरी ने बताया, "मैं यह सवाल करने लगा कि ये सचमुच कोई नयी प्रजाति है या लोग सामान्य काले चूहे को ही वीका कह रहे हैं."
जब असली वीका सामने आया तो लेवरी को तुरंत समझ में आ गया कि यह स्थानीय किस्से कहानियों में सुनाई देने वाला चूहा हो सकता है. वे बताते हैं, "खोपड़ी" के फीचर को देखकर मैंने तुरंत कई प्रजातियों को खारिज कर दिया. नयी प्रजाति सचमुच जबरदस्त है. उसका आकार सामान्य चूहे से चार गुना बड़ा है. फील्ड म्यूजियम ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि यह चूहा नारियल तोड़ सकता है, लेकिन उसमें अपने दांतों से छेद जरूर कर देता है. सोलोमन द्वीप दुनिया से बहुत अलग थलग है और वहां पाये जाने वाले आधे स्तनपायी जानवर हैं जो और कहीं नहीं पाये जाते.
लेवरी बताते हैं कि वीका के पूर्वज संभवतः खाने की खोज में इस द्वीप पर आये और यहां आने के बाद नयी प्रजाति के रूप में विकसित हो गये. ये चूहे सिर्फ इस एक द्वीप पर पाये जाते हैं जो समुद्र का जलस्तर बढ़ने के कारण डूबता जा रहा है. संभव है कि वीका चूहे कभी औपचारिक रूप से रजिस्टर हुए बिना ही खत्म हो जाते. लेवरी कहते हैं, "स्थिति ये थी कि यदि हमने इसे अभी नहीं पाया होता तो इसका पता ही नहीं चलता." जहां वीका चूहा मिला है वह जंगल का एकमात्र ऐसा इलाका है जो डूबा नहीं है. वैज्ञानिक ने वंगुनू में जायरा संरक्षित क्षेत्र के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की मांग की है.