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नासा को अंतरिक्ष में जाना महंगा पड़ेगा

१५ मार्च २०११

रूस ने अमेरिकी अतंरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष यात्रा के दाम बढ़ाए. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को अब 20 फीसदी खर्चा ज्यादा करना होगा और एक अंतरिक्ष यात्री की यात्रा के लिए रूस को 6.30 डॉलर देने होंगे.

तस्वीर: dapd

नौ मार्च 2010 को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अंतरिक्ष यान डिस्कवरी रिटायर हुआ. 27 साल तक अमेरिका और अन्य देशों के वैज्ञानिकों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ले जाने और वहां से लाने वाले डिस्कवरी के रिटायर होने के बाद अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा रूस पर निर्भर हो गई है.

एंड्येवर और अटलांटिस इस साल अप्रैल और जून में रिटायर हो रहे हैं. अमेरिका और दुनिया भर के अंतरिक्ष यात्रियों को अब रूसी विमानों के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन आईएसएस जाना होगा.

वहीं रूस ने नासा के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए यात्रा का टिकट मंहगा कर दिया है. 2009 तक हर अंतरिक्ष यात्री के लिए यात्रा का खर्च पांच करोड़ 10 लाख डॉलर था. रूस ने इसमें अब 20 फीसदी का इजाफा कर दिया है. नासा को अब अपने हर अंतरिक्ष यात्री को आईएसएस में भेजने के लिए रूस को छह करोड़ 30 लाख डॉलर देने होंगे.

इसे लेकर रूस और नासा के बीच करार भी हो चुका है. नासा ने 75 करोड़ 30 लाख डॉलर का करार किया है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी 2014 से जून 2016 के बीच अपने 12 वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष स्टेशन भेजेंगी. करार के तहत एक अंतरिक्ष यात्री अपने साथ जाते हुए 50 किलो सामान ले जा सकता है. वापसी के वक्त 17 किलो सामान और 30 किलो कचरा अपने साथ वापस ला सकता है.

रूसी फेडरेशन स्पेस एजेंसी के कीमत बढ़ाने के फैसले पर अमेरिकी अधिकारियों ने सधी प्रतिक्रिया दी है. कहा गया है कि रूस में महंगाई को देखते हुए यह इजाफा किया गया है. माना जा रहा है कि रूस के फैसले से अमेरिकी सरकार पर नासा का बजट बढ़ाने का दबाव पड़ सकता है. नासा ने 2012 के लिए अमेरिका सरकार से 70 करोड़ डॉलर का यात्रा संबंधी खर्च मांगा हैं. अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन 16 देशों की 100 अरब डॉलर की परियोजना है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़

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