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नास्तिक बन रहे हैं पाकिस्तानी युवा

६ सितम्बर २०१०

इस बात की काफी चर्चा रही है कि पाकिस्तान सहित मुस्लिम देशों में युवा लोग कट्टरपंथी इस्लाम की ओर झुक रहे हैं. इस बीच एक भारतीय चैनल ने रिपोर्ट दी है कि पाकिस्तानी युवाओं में नास्तिक होने की रुझान भी देखी जा रही है.

तस्वीर: AP

ये ऐसे युवा लोग हैं, जिन्हें पहले अल्लाह पर यकीन था, लेकिन वे इस पर सवाल करने लगे, और धीरे धीरे नास्तिक होते गए.

वैसे इस तरह के युवाओं की संख्या अभी बहुत अधिक नहीं है. मार्के की बात है कि वे सोशल नेटवर्किंग के जरिये एक दूसरे से जुड रहे हैं और अपने अनुभवों का आदान प्रदान कर रहे हैं. पहले मुस्लिम रहे हजरत नाखुदा ने पाकिस्तान के नास्तिकों के लिए फेसबुक में एक ग्रुप की शुरुआत की है, और तुरंत उसके एक सौ सदस्य हो चुके हैं.

तस्वीर: AP

हजरत ने बहस की एक कड़ी शुरु की है, जिसका शीर्षक है, तुम नास्तिक कैसे बने ? उसका कहना है कि पहले वह पक्का मुसलमान हुआ करता था. वह दो बार हज कर चुका है. सउदी अरब में रह भी चुका है. वह पांच बार नमाज पढ़ता था. लेकिन जब उसकी उम्र 18 साल की हुई, उसे लगा कि वह सिर्फ इसलिए मुसलमान बना, क्योंकि उसके मां बाप मुसलमान हैं.

एक दूसरे सदस्य का कहना है कि चूंकि उसे अल्लाह के होने का कोई सबूत नहीं मिला, वह नास्तिक बन गया. अहमदी मुसलमान रह चुके एक दूसरे नौजवान का कहना है कि 17 साल की उम्र से ही उसके मन में सवाल उठने लगे थे.

एक दूसरे सदस्य का कहना है कि सवाल यह नहीं है कि तुम नास्तिक कैसे बने. बल्कि यह पूछना चाहिए कि अल्लाह पर तुम्हें यकीन कैसे हुआ. वह कहता है कि हर दूसरे बच्चे की तरह जन्म के समय वह आजाद और नास्तिक था. मां बाप ने उसे मजहब से जोड़ दिया.

इस ग्रुप में और कई बहसें चल रही हैं, जिनमें सदस्य अपने अनुभवों के बारे में बताते है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: महेश झा

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