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नियमित जीवनशैली से कम हो सकता है डिमेंशिया का खतरा

१६ जुलाई २०१९

डिमेंशिया को अनुवांशिक बीमारी माना जाता है. यह रोजमर्रे से निबटने की मानसिक क्षमता कम कर देता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से इसके संभावित खतरे को कम किया जा सकता है.

Technologie l Roboter in der Krankenpflege
तस्वीर: picture-alliance/dpa/D. Hecker

हाल में हुए एक शोध के अनुसार, "संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से डिमेंशिया के संभावित खतरे (बुढ़ापे में भूलने की बीमारी) से काफी हद तक बचा जा सकता है." यह अध्ययन मेडिकल जर्नल जामा में प्रकाशित हुआ है. अध्ययन में बताया गया है कि अनियमित जीवनशैली की अपेक्षा, नियमित जीवनशैली वाले लोगों के बीच डिमेंशिया का खतरा 32 प्रतिशत कम हो गया. यह अध्ययन उच्च आनुवंशिक जोखिम वाले लोगों के बीच किया गया था.

उच्च आनुवांशिक जोखिम और एक अनियमित जीवनशैली वाले लोगों में डिमेंशिया विकसित होने की संभावना निम्न आनुवंशिक जोखिम वाले नियमित जीवनशैली लोगों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक थी. ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के शोधकर्ता एल्सबिएता कुज्मा ने कहा, "हमारे निष्कर्ष रोमांचक हैं. अध्ययन से पता चलता है कि हम डिमेंशिया के लिए अपने आनुवंशिक जोखिम को दूर करने की कोशिश कर सकते हैं."

क्या है डिमेंशिया

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, डिमेंशिया मस्तिष्क से जुड़ी एक बीमारी है, जो याददाश्त जाने का कारण बनती है. पूरी दुनिया में करीब 5 करोड़ लोग इससे प्रभावित हैं. प्रत्येक साल इस बीमारी के 1 करोड़ नए मामले सामने आते हैं. यह आंकड़ा 2050 तक तीन गुना हो सकता है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

कुज्मा की टीम ने यूरोप के लगभग 1,97,000 लोगों के डाटा का विश्लेषण किया, जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक थी. उन्हें आठ साल की अवधि के बाद डिमेंशिया के 1,769 मामले मिले. उन्होंने इन मामलों को डिमेंशिया के लिए उच्च, मध्यम और निम्न आनुवंशिक जोखिम वाले लोगों के रूप में बांटा. इन सभी की जीवनशैली को जानने के लिए शोधकर्ताओं ने भोजन, शारीरिक गतिविधि, धूम्रपान और शराब के सेवन जैसी आदतों का विश्लेषण किया.

धूम्रपान न करने वाले, नियमित रूप से व्यायाम करने वाले, कम शराब के साथ अच्छा आहार लेने वाले लोगों की जीवनशैली को स्वास्थ्यप्रद माना गया. अध्ययन में पाया गया कि उच्च, मध्यम या निम्न आनुवंशिक जोखिम समूहों में शामिल होने के बावजूद इनके बीच डिमेंशिया का खतरा कम हुआ.

एक्सेटर विश्वविद्यालय के ही डेविड लेवेलियन कहते हैं कि निष्कर्षों में एक महत्वपूर्ण संदेश यह है कि कुछ लोगों की इस राय के विपरीत कि आनुवंशिकी के कारण डिमेंशिया का विकास होता है, आप एक संतुलित और स्वास्थ्य जीवन जीकर इसकी संभावना कम कर सकते हैं.

आरआर/एमजे (रॉयटर्स)

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