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निलंबन के बाद अब बर्खास्त हुए दरबारी

९ अगस्त २०१०

खेल मंत्रालय का दबाव काम आया और कॉमनवेल्थ खेलों के संयुक्त निदेशक टीएस दरबारी को खेलों के आयोजन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. इतना ही नहीं प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें पूछताछ के लिए भी बुलाया.

तस्वीर: UNI

भारतीय प्रवर्तन निदेशालय ने दरबारी को लंदन में क्वीन बेटन रिले के आयोजन में हुए घपले के बारे में पूछताछ के लिए सोमवार को ही बुला लिया. सूत्रों के मुताबिक पिछले साल हुए इस आयोजन पर कुछ खर्चों के बारे में दरबारी से जानकारी मंगी गई. इसके साथ ही दरबारी से आयोजन के लिए सारे लेनदेन का ब्यौरा और दिए गए ठेकों की फाइल भी लाने को कहा गया है.

आयोजन की तैयारियों में घपले के आरोपतस्वीर: AP

ऐसी खबरें हैं कि ब्रिटेन ने भारतीय उच्चायोग को एएम फिल्म्स को दी गई बड़ी रकम की जानकारी दी. लंदन की इस कंपनी का नाम कम ही लोग जानते हैं और इसे कोई खास काम भी नहीं दिया गया था. सिर्फ सेवाओं के लिए ठेका दिया गया. लंदन में अधिकारी पहले ही इस कंपनी से हुए करार की छानबीन करने में जुट गए हैं. भारतीय उच्चायोग के जरिए इस मसले की जानकारी खेल मंत्रालय को मिली. मीडिया में खबर आने के बाद बवाल उठा तो खेलों की आयोजन समिति ने तीन बड़े अधिकारियों को निलंबित कर दिया. खेल मंत्रालय इतने से ही खुश नहीं हुआ और सरकार को कई पत्र लिखे जिसके बाद दरबारी को बर्खास्त करने का फैसला किया गया. दरबारी को अपना कार्यभार अतिरिक्त महानिदेशक वीके सक्सेना को सौंपने का निर्देश दिया गया है.

आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी के मुताबिक क्वीन बेटन रैली से जुड़े सारे लेनदेन का काम दरबारी के ही जिम्मे था. आयोजन की तैयारियों में भ्रष्टाचार की खबरों में एएम फिल्म्स को किया गया लाखों पाउंड का भुगतान सबसे पहले सामने आ गया इसलिए दरबारी को हटाया गया है. हालांकि कलमाड़ी का कहना है कि एएम फिल्म्स का नाम भारतीय उच्चायोग ने ही सुझाया था जबकि लंदन में बैठे भारतीय अधिकारी इससे इनकार करते हैं. कलमाड़ी ने इस मामले में एक ईमेल भी मीडिया के सामने रखा था जिसे बाद में छेड़छाड़ किया गया बताया गया. टीएस दरबारी कलमाड़ी के करीबियों में गिने जाते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन

संपादनः ए जमाल

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