मलेशिया के प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद देश की मुद्रा गिर कर एक साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई. समीक्षकों ने कहा है कि अगर राजनीतिक अनिश्चितता लंबी चली तो देश के वित्तीय बाजार पर और दबाव बढ़ेगा.
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प्रधानमंत्री मुहिउद्दीन यासीन ने संसद में विश्वास मत हारने के बाद इस्तीफा दे दिया. हालांकि देश के राजा ने कहा है कि अगला प्रधानमंत्री नियुक्त हो जाने तक यासीन ही कार्यकारी प्रधानमंत्री रहेंगे. अभी तक मुहिउद्दीन का कोई स्पष्ट उत्तराधिकारी सामने नहीं आया है.
16 अगस्त को जब उनके मंत्रिमंडल ने भी इस्तीफा दे दिया तब निवेशकों को चिंता होने लगी कि अगर राजनीतिक गतिरोध लंबा चला तो देश की ऋण लेने की राष्ट्रीय सीमा को बढ़ाने के काम में देर हो जाएगी. इससे कोविड-19 महामारी के बीच सरकारी खर्च बढ़ाने की प्रक्रिया को भी धक्का लगेगा.
आर्थिक गतिहीनता
मलेशिया की मुद्रा रिंगिट करीब 0.1 प्रतिशत गिर कर 4.2430 प्रति डॉलर पर पहुंच गई, जो जुलाई 2020 के बाद सबसे निचला स्तर है. शेयर बाजार में भी 0.4 प्रतिशत की गिरावट आई. हांग कांग में वरिष्ठ अर्थशास्त्री त्रिन्ह गुयेन ने कहा, "मुद्दा यह है कि उनकी जगह कौन लेगा यह साफ नहीं है.
इससे अनिश्चितता बढ़ जाती है और उसकी वजह से और आर्थिक गतिहीनता आती है." उन्होंने यह भी कहा, "मौजूदा राजनीतिक संकट की वजह से मलेशिया का किसी और विकास के प्रवाह की ओर मुड़ना बहुत मुश्किल हो गया है. इसका मतलब है कि यह वियतनाम जैसे इस इलाके के दूसरे देशों के मुकाबले और पीछे हो गया है."
मुहिउद्दीन ने 17 महीने पहले जब से एक संकरे बहुमत के साथ सत्ता संभाली तब से उनका नेतृत्व संदिग्ध अवस्था में ही रहा है. निवेशकों का नजरिया इसलिए मायने रखता है क्योंकि मलेशिया के राष्ट्रीय ऋण का 40 प्रतिशत हिस्सा विदेशियों के पास ही है.
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लुढ़कता बाजार
महामारी और राजनीतिक अस्थिरता की वजह से आर्थिक नियोजन में देर हो रही है, कर सुधार की कोशिशें अटकी पड़ी हैं और विदेशी निवेश देश से बाहर जा रहा है. शेयर बाजार से लगातार पिछले 25 महीनों से पैसा बाहर जा रहा है. वो आस पास के दूसरे बाजारों के मुकाबले पिछड़ गया है.
इस साल मलेशिया का शेयर बाजार आठ प्रतिशत गिरा है जबकि इंडोनेशिया, थाईलैंड और सिंगापुर के बाजारों ने लगभग एक प्रतिशत, पांच प्रतिशत और 11 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है.
सिटी समूह के समीक्षकों ने बताया, "स्थानीय मुद्रा की सम्पत्तियों और रिंगिट पर छोटी अवधि में अनिश्चितता छाई रहेगी." निवेशकों की प्राथमिकता है कि एक स्थिर नेतृत्व उभर कर आए, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि राजनीतिक संकट का अंत होगा कैसे.
नीतियां को संभालना जरूरी
देश के राजा अल-सुल्तान अब्दुल्ला ने कहा है कि इस समय चुनाव सबसे अच्छा विकल्प नहीं हैं, लेकिन इस समय ऐसा कोई उम्मीदवार भी नहीं है जिसके पास सत्ता हासिल करने लायक संसदीय आंकड़े हों.
सिंगापुर स्थित बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज में आसियान अर्थशास्त्री मोहम्मद फैज नगुथा कहते हैं, "मैक्रो स्तर पर हमें काफी उम्मीद है...लेकिन इस उम्मीद को बनाए रखने के लिए राजनीतिक स्थिति का समाधान जरूरी है."
उन्होंने यह भी कहा, "मेरे लिए जरूरी यह है कि एक सरकार चुनी जाए...सबसे बुरा तो तब होगा अगर इस स्थिति की वजह से मध्यम अवधि की कुछ नीतियां किनारे कर दी जाएं."
सीके/एए (रॉयटर्स)
राजशाही छोड़ने वाले शाही लोग
बहुत से राजा, रानी रहे हैं जिन्होंने प्यार के खातिर तो कभी निजी जिंदगी के लिए शाही जीवन से किनारा किया. नया नाम जापान की राजकुमारी का है.
तस्वीर: The Yomiuri Shimbun/picture alliance/AP
जापान की राजकुमारी अमाको
जापान की राजकुमारी अमाको उन शाही लोगों में शामिल हो गई हैं जिन्होंने राजघराने को तिलांजली दे दी. अमाको ने 27 अक्टूबर को अपने प्रेमी केई कोमुरो से शादी कर ली और राज परिवार त्याग दिया.
तस्वीर: The Imperial Household Agency of Japan/picture alliance/AP
ब्रिटेन के प्रिंस हैरी
प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी डचेस ऑफ ससेक्स मेगल मार्कल ने राजशाही छोड़ने की घोषणा की है. दो पीढ़ी बाद ब्रिटिश राजपरिवार फिर से वैसी ही घटना का गवाह बना है जिसमें एक तलाकशुदा अमेरिकी महिला से शादी के बाद राज परिवार से कोई अलग हुआ है.
तस्वीर: picture-alliance/AP/D. Lipinsky
ब्रिटेन के राजा एडवर्ड अष्टम
साल 1936 में किंग एडवर्ड अष्टम दो बार तलाक ले चुकी अमेरिकी सोशलाइट वॉलिस सिम्पसन से शादी करने पर अड़ गए. ब्रिटेन के राजपरिवार में खलबली मच गई और आखिरकार राजा बनने के महज 11 महीने बाद उन्होंने गद्दी छोड़ने का फैसला कर लिया. राजा ने अपना बाकी की जीवन फ्रांस में अपनी पत्नी के साथ बिताया.
तस्वीर: Imago/World History Archive
ड्यूक ऑफ यॉर्क प्रिंस एंड्रयू
ड्यूक ऑफ यॉर्क और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के दूसरे बेटे प्रिंस एंड्रयू ने अमेरिकी फाइनेंसर जेफरी एपस्टीन के साथ दोस्ती के विवादों में आने के बाद शाही दायित्व को छोड़ दिया. एपस्टीन ने सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोपों पर मुकदमे के ट्रायल के दौरान ही खुदखुशी कर ली थी. एपस्टीन पर आरोप लगाने वाली महिला ने यह भी दावा किया था कि उन्हें तीन बार प्रिंस एंड्रयू के साथ यौन संबंध बनाने के लिए भी मजबूर किया गया था.
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जापान की राजकुमारी अयाको
जापान की राजकुमारी अयाको भी आने वाले समय में राजकुमारी नहीं रह पाएंगी. वह एक आम नागरिक केई मोरिया से शादी करने जा रही हैं. केई एक शिपिंग फर्म में काम करते हैं. जापान के कानून के मुताबिक राजकुमारी आम नागरिक से शादी करे तो उनका शाही दर्जा छिन जाता है. वहीं, राजकुमारों के आम लड़की से शादी करने पर उनके शाही दर्जे पर कोई फर्क नहीं पड़ता.
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स्वीडन के राजा के बच्चे और पोते हुए बाहर
स्वीडन के राजा कार्ल 16 गुस्ताफ ने अपने 5 पोते और पोतियों के साथ उनके अपने बेटे और बेटी को देश के शाही घराने से निकाल दिया है. जिसका मतलब है कि अब से शाही घराने के इन सदस्यों को देश के करदाताओं के पैसे से मिलने वाली किसी सुविधा का हक नहीं होगा. हालांकि सभी के पास ड्यूक और डचेज का उपनाम सुरक्षित रहेगा. स्वीडन में लंबे समय से शाही खर्चों को कम करने की मांग के चलते यह फैसला लिया गया.
तस्वीर: imago images/PPE
नॉर्वे की राजकुमारी मार्था लुईस
नॉर्वे के राजा हैराल्ड पंचम ने अपनी बेटी को उसके पद से 2002 में आजाद किया. राजकुमारी मार्था निजी और पेशेवर जिंदगी अपनी शर्तों पर जीना चाहती थीं.
तस्वीर: Getty Images/Gamma-Rapho /BUU/Bassignac
नीदरलैंड्स की रानी बिआट्रिक्स
रानी के गद्दी छोड़ने की प्रमुख वजह थी उम्र. 33 साल तक गद्दी संभालने के बाद उन्होंने 2013 में यह जिम्मेदारी अपने बेटे विलेम एलेक्जेंडर को दे दी. ब्रिटिश राजघराने में राजा या रानी मरने तक शासन की जिम्मेदारी निभाते हैं लेकिन विश्व की कई अन्य राजशाहियों में शासक की उम्र बढ़ने के बाद गद्दी अगली पीढ़ी को देने का चलन है.
तस्वीर: imago images/Hollandse Hoogtex/Monarchy
केलातन के राजा सुल्तान मोहम्मद
मलेशिया के केलातन के राजा सुल्तान मोहम्मद पांच ने रूसी मॉडल रिहाना ओकसाना से शादी करने के लिए 2017 में गद्दी पर ठोकर मार दी थी. इस शादी से सुल्तान का बेटा भी है. हालांकि शादी के कुछ महीनों बाद ही अचानक सुल्तान मोहम्मद ने अपनी पत्नी को तलाक भी दे दिया. रिपोर्ट: श्रेया बहुगुणा