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निशानेबाजों ने कहा, पैसे तो दो

२ अगस्त २०१०

भारत के निशानेबाजों ने नेशनल राइफल एसोसिएशन से पैसे मांगे हैं. खिलाड़ियों का कहना है कि इस साल लगाए गए एक कैंप का खर्चा उन्हें मिलना चाहिए. राइफल एसोसिएशन ने कहा, पैसे तो मिल जाते पर खिलाड़ियों ने देर कर दी.

तस्वीर: picture-alliance/Bildfunk

शॉटगन शूटरों के मुताबिक कैंप के दौरान कई बार उन्हें अपनी जेब से पैसा खर्च करना पड़ा. खिलाड़ियों का कहना है कि अभ्यास के लिए लगाए गए कैंप में शामिल होने के लिए उन्हें अपने पैसे से होटल बुक कराना पड़ा. खिलाड़ियों की मांग है कि राइफल एसोसिएशन को ऐसे खर्चों का भुगतान करना चाहिए. इस बारे में एसोसिएशन को खत भी लिखा गया है.

नेशनल राइफल एसोसिएशन, एनआरएआई ने खिलाड़ियों की चिट्ठी मिलने की पुष्टि की है. एनआरएआई के महासचिव राजीव भाटिया ने कहा, ''शूटरों से कहा गया था कि वह अपने रहने की व्यवस्था खुद करें, पैसा बाद में भारतीय खेल संघ दे देगा. लेकिन शूटरों ने एक साथ बिल जमा नहीं किए. आखिरी बिल तो मई में आया था.''

भाटिया के मुताबिक,  ''भारतीय खेल संघ ने हमें 3,42,000 रुपये दिए. लेकिन हमें नहीं पता कि इस रकम को कैसे बांटना है. हमने खेल संघ को खत भेजा है कि वह हर शूटर के बिलों का भुगतान करे''  भाटिया का कहना है कि निशानेबाजों ने खुद समय पर बिल जमा नहीं किए, जिसकी वजह से यह देरी हो रही है.

इस बीच खिलाड़ियों ने राइफल एसोसिएशन के सामने एक और मांग रख दी है. निशांचियों का कहना है कि अभ्यास के लिए गोली बारूद की कमी है. राइफल एसोसिएशन का कहना है कि यह चीजें मुहैया कराना खेल संघ का काम है.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

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