मंथन 75 में खास
२० फ़रवरी २०१४तनाव जिंदगी का एक हिस्सा बन गया है. किसी को पढ़ाई का तनाव है तो किसी को नौकरी का. तनाव से सबसे पहले अगर कुछ खोता है, तो वह है नींद. हालांकि ऐसे भी लोग हैं जो तनाव होने पर सोते ही रहते हैं. नींद ज्यादा हो या कम, दोनों की स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं. अच्छी सेहत और चुस्त बने रहने के लिए ठीक से सोना बहुत जरूरी है. दुनिया भर में पंद्रह करोड़ लोग नींद से जुड़ी बीमारियों का शिकार हैं. नींद की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होती है. नींद कितनी जरूरी है यह समझने के लिए किए मंथन में आपको एक खास प्रयोग में ले चलेंगे. जानेंगे कि दिमाग को ठीक रखने के लिए कितना सोना जरूरी है और ऐसा ना करने से शरीर और दिमाग पर क्या असर पड़ सकता है.
इसके अलावा बात होगी कि हवाई उड़ानों की सुरक्षा की और कि उड़ानों को और सुरक्षित बनाने के लिए क्या क्या किया जा रहा है. हवाई जहाजों को उड़ान के पूरे समय सिग्नल मिलते रहते हैं ताकि वे अपने तय रास्ते पर ही रहें. लेकिन कई बार हवाई जहाजों का पवन चक्कियों से टकराने का खतरा होता है. पवन चक्कियां सिग्नल को प्रतिबिंबित यानी रिफ्लेक्ट करती हैं और हवाई जहाजों को गलत सिग्नल जा सकता है. इसलिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल की इमारतों के आस पास सुरक्षा क्षेत्र बनाया जाता है, जहां पवन चक्कियां या ऊंची इमारतें न हों.
चल मेरे घोड़े
सामान ढोने के लिए कई जगह जानवरों का इस्तेमाल होता है. हाथी घोड़े सदियों से इंसान का साथ दे रहे हैं. जर्मनी के बवेरिया प्रांत में घोड़ों की एक खास नस्ल मिलती है. ये भारी भरकम घोड़े जंगल से लकड़ी लाने का काम करते हैं. 1970 के दशक में ये घोड़े लुप्त होने की कगार पर पहुंच गए थे. पर आज जर्मनी में कम से कम 700 ऐसे ब्रीडर हैं, जो इन्हें पाल रहे हैं. मंथन में इस बार मिलवाएंगे आपको इन्हीं में से एक से.
एक बड़ा सा घर, जिसमें खूब बड़ा सा बाग और आने जाने के लिए घोड़े वाली बग्घी. ऐसे घर का सपना देखना बहुत अच्छा लगता है लेकिन इन घरों को संभालना बड़ा काम होता है. पुराने आलीशान फर्नीचर और झूमर वाले ये घर बेहद कीमती भी होते हैं. लेकिन अब आधुनिक घरों में इन भारी भरकम, पुरानी चीजों की जगह कहां. पुराने आर्किटेक्चर में मॉडर्न डिजाइन को फिट करना मुश्किल हो सकता है. लेकिन ऐसा करने वाले भी लोग हैं. मंथन में इस बार कराएंगे आपको एक ऐसे ही घर की सैर.
वीडियो गेम नहीं, करतब करें
मंथन ले चलेगा आपको एक ऐसे स्कूल में जो किसी भी आम स्कूल से बहुत अलग है. यहां बच्चों को उछल कूद करने से रोका नहीं जाता बल्कि उन्हें जगलिंग करने से लेकर, रस्सी पर साइकिल चलाने तक सब कुछ करने को कहा जाता है. अगर आपके जहन में सर्कस की तस्वीर उभर रही हो तो चलिए जर्मनी के इन खास स्कूलों में जहां बच्चों को करतब दिखाए नहीं, सिखाए जाता है. जर्मनी में 350 से ज्यादा ऐसे सर्कस स्कूल हैं जो बच्चों में आत्मविश्वास भर रहे हैं.
रिपोर्टः ऋतिका राय
संपादनः आभा मोंढे