नींद पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक इस बात पर चिंतित हैं कि औद्योगिक देशों में लोग कम सो रहे हैं और उन्हें नींद भी ठीक से नहीं आ रही. 100 साल पहले लोग अभी के मुकाबले दो घंटे ज्यादा सोते थे.
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नींद में खलल की वजह है तनाव, हर समय मौजूद रहने की जरूरत और कामयाबी का दबाव. पश्चिमी दुनिया में एक तिहाई लोग ठीक से सो नहीं पाते. बर्लिन की स्टेट बैले कंपनी के डांसरों को इस समस्या का पता है. खासकर नए शो के प्रीमियर से पहले दबाव बढ़ जाता है. शो देर रात तक होने के कारण रात में जरूरी आराम का समय नहीं मिलता. तो आखिर उपाय क्या है? नींद विशेषज्ञ प्रो. इंगो फीत्से कहते हैं, "दिन में थोड़ी देर झपकी लेते हुए या पावरनैप करते हुए हमें आधी गहरी नींद आती है. दस से बीस मिनट की ये आधी गहरी नींद काफी है. उसके बाद जब आपकी नींद खुलती है, खासकर गैर आरामदेह पोजीशन में, तो आप महसूस करते हैं कि अगले तीन चार घंटों के लिए आपमें फिर से स्फूर्ति आ गई है."
आराम के लिए कमरे बर्लिन के डांसरों के लिए आराम करने के लिए विशेष कमरे बनाए गए हैं. वैज्ञानिकों ने इसे साबित किया है कि दिन के समय कम कम समय की नींद से सोने की कमी पूरी हो सकती है. रिहर्सल और शो के बीच में डांसर शांत कमरों में कुछ समय आराम करते हैं. कोशिकाओं और दिमाग से काम नहीं लिया जाता और शरीर को रिलैक्स करने दिया जाता है. स्टेट बैले कंपनी के उप प्रमुख डॉ. क्रिस्टियाने थियोबाल्ड को भी अपने कलाकारों के स्वास्थ्य की चिंता है. वे कहते हैं, "हमारे डांसर रेस्ट रूम का काफी इस्तेमाल करते हैं. वे शारीरिक प्रदर्शन और पर्याप्त नींद के बीच गहरे संबंध को महसूस करते हैं. यदि वे पर्याप्त नींद लेने को नजरअंदाज करते हैं, लगातार कम सोते हैं तो अपने परफॉर्मेंस में अंतर को तुरंत महसूस करते हैं. डांसर भले ही कलाकार हों लेकिन वे शारीरिक प्रदर्शन करने वाले प्रतिस्पर्धी खिलाड़ियों जैसे होते हैं. हमें यह नहीं भूलना चाहिए और इसमें नींद की बड़ी भूमिका होती है."
'जो सोता है वो पाता है'
क्या काम के तनाव के कारण आप पूरी नींद नहीं ले पाते? अच्छी सेहत के लिए अपने खाने पीने के साथ नींद पर भी ध्यान दें और कम से कम आठ घंटे जरूर सोयें.
टीवी, सेलफोन और लैपटॉप की कीमत में अब नींद भी जुड़ गई है. हर इंसान की जरूरत बनते जा रहे ये गैजेट लोगों से उनकी नींद छीन रहे हैं. तकनीक का विकास लोगों को उनकी दैनिक जिंदगी की जरूरी चीजों से दूर ले जा रहा है.
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बच्चों में कमी और बुरी
किशोरों को औसतन सवा नौ घंटे की नींद लेनी चाहिए लेकिन ज्यादातर पढ़ने वाले बच्चे सप्ताह के कामकाजी दिनों में औसतन साढ़े सात घंटे की नींद ही ले पा रहे हैं. अगर बच्चों का स्कूल में प्रदर्शन सुधारना है तो उनके कमरे से मोबाइल और कंप्युटर जैसी चीजें बाहर निकालनी होगी.
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'पॉवर नैप' की ताकत
दोपहर बाद की झपकी तो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. इससे मूड के साथ साथ काम की गुणवत्ता सुधरती है. शोध बताते हैं कि जो लोग खाने के बाद नियमित रूप से झपकी लेते हैं उनको हार्ट अटैक का खतरा कम होता है.
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जादुई होती है झपकी
हल्की नींद से तनाव में रहने वाले तंत्रिका तंत्र को भी आराम मिलता है. इसका मतलब ये हुआ कि दिल की धड़कन भी कम हो जाती है. नाड़ी की गति धीमी हो जाती है. ब्लड प्रेशर और शरीर का तापमान भी कम हो जाता है.' झपकी लेना तरोताजा होने का सबसे कारगर तरीका है.
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मोटापे का घर
कई शोध बताते हैं कि एक रात न सोने पर एक स्वस्थ इंसान के शरीर में ऊर्जा की खपत में 5 से 20 फीसदी तक की कमी आ जाती है. कई दूसरे अध्ययनों में देखा गया है कि पांच घंटे तक या उससे कम सोने वालों में वजन बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है.
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घेर लेंगी बीमारियां
एक रात न सोने पर एक स्वस्थ इंसान के शरीर में ऊर्जा की खपत में 5 से 20 फीसदी तक कमी आ जाती है. ठीक से नींद न आने पर अगली सुबह ही ब्लड शुगर, भूख नियंत्रित करने वाले हार्मोन घ्रेलीन और तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन कोर्टिजोल की मात्रा बढ़ जाती है.
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गोलियों का भरोसा नहीं
लंबे समय तक नींद की गोलियों का इस्तेमाल जानलेवा साबित हो सकता है. इन दवाओं के अधिक इस्तेमाल से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
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सैरा मेस्त्रोविच भी अपनी दिनचर्या में वैज्ञानिकों की सलाह पर ध्यान दे रही हैं. "इस प्रतिस्पर्धा में डटे रहना बहुत ही मुश्किल है. और खासकर हर दिन उच्च स्तरीय परफॉर्मेंस करना, दर्द और तकलीफ के बावजूद हर दिन ऊंचे स्तर पर बने रहना." नींद इंसान के लिए अमृत की तरह है. और इन डांसरों के लिए तो खासकर ताकि वे बेहतरीन प्रदर्शन कर सकें. कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में कर्मचारियों के लिए आराम के कमरे बनाए गए हैं, जहां काम के बीच में झपकी लेने के लिए कर्मचारी आराम कर दोबारा ताजा महसूस कर सकते हैं. एमजे/एसएफ
सिगरेट का नींद पर असर
रिसर्चरों के मुताबिक सिगरेट पीने से हमारी नींद का स्वभाविक पैटर्न गड़बड़ाता है. क्या होता है असर...
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2013 में यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर में हुई रिसर्च के मुताबिक सिगरेट पीने से ना सिर्फ नींद गड़बड़ाती है बल्कि अवसाद और अन्य मनोवैज्ञानिक परेशानियों को पनपने का मौका मिलता है.
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2011 में हुई एक रिसर्च के मुताबिक सिगरेट पीने वालों को नींद में सांस लेने में दिक्कत आने का 2.5 गुना ज्यादा खतरा रहता है.
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2008 में जॉन हॉप्किंस यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने नींद के पैटर्न पर रिसर्च की और पाया कि सिगरेट ना पीने वालों में से 5 फीसदी लोगों ने गहरी नींद ना आने की शिकायत की. लेकिन सिगरेट पीने वालों में से 22.5 फीसदी गहरी नींद नहीं सो पा रहे थे. सिगरेट पीने वाले अक्सर सोते में आधी जागी हुई हालत में होते हैं.
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2013 में फ्लोरिडा में हुई रिसर्च के मुताबिक हर एक सिगरेट पर आप 1.2 मिनट की नींद खोते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे शरीर को बाहर से निकोटीन लेने की आदत हो जाती है जो कि सोते हुए नहीं मिल पाता. वे जो सोने से दो घंटे पहले सिगरेट पीते हैं उन्हें नींद आने में दिक्कत आती है क्योंकि निकोटीन नींद के स्वभाविक पैटर्न को गड़बड़ा देता है.
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नेशनल स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक नींद ना आने के शारीरिक या मनोवैज्ञानिक कारण हो सकते हैं. क्योंकि निकोटीन एक अहम कारक है, इसलिए इसके साथ नींद ना आने की समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है.
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सिगरेट छोड़ देने पर आप बेहतर नींद की उम्मीद कर सकते हैं. हालांकि कुछ रिसर्च यह भी दिखाती हैं कि वे सबसे ज्यादा चैन से सोते हैं जिन्होंने कभी सिगरेट नहीं पी है.
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सुबह जल्दी उठने के 8 नुस्खे
क्या आपकी सुबह वक्त पर नींद नहीं खुलती? या आप कई कई बार अपना अलार्म स्नूज करते हैं? तो इन तरकीबों को अपनाएं..
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वक्त पर सोएं
सुबह आंख ना खुलने की सबसे बड़ी वजह होती है नींद का पूरा ना होना. इसलिए अच्छी सुबह की शुरुआत रात की तैयारी पर निर्भर करती है. फोन, टेबलेट या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को अपने साथ बिस्तर में ले कर ना जाएं ताकि फौरन सो सकें.
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अच्छी नींद लें
एक वयस्क को सात से नौ घंटे की नींद की जरूरत होती है. अगर रात में आपकी नींद टूटती है, तो वक्त पर बिस्तर में जाने के बाद भी ये औसतन आठ घंटे पूरे नहीं हो पाते. डॉक्टरों के अनुसार बेडरूम का तापमान 18 से 22 डिग्री के बीच होना चाहिए. इससे कम या ज्यादा में नींद टूटती है.
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अलार्म को दूर रखें
तकिये के पास अलार्म होने से आप हर पांच मिनट में उसे बंद कर देंगे और फिर सोने की कोशिश करते रहेंगे. इसलिए अलार्म को इतना दूर रखें कि आवाज भी सुनाई दे और उसे बंद करने के लिए आपको उठ कर उस तक पहुंचना पड़े.
अपनी पसंद का कोई गाना अलार्म टोन के तौर पर लगाएं ताकि अलार्म की आवाज आपको तकलीफ नहीं, आनंद दे. सुबह उठ कर अपनी पसंद के इस गाने पर नाचना भी नींद खोलने का अच्छा आइडिया है.
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उठने की वजह
बिस्तर छोड़ने का मन तब ही करेगा जब उठने की कोई अच्छी वजह पास हो. आप किसी दोस्त को अपने साथ कसरत करने के लिए बुला सकते हैं. या टीवी और रेडियो पर सुबह के किसी प्रोग्राम से जुड़ सकते हैं, जो आपके सोते रहने पर मिस हो सकता है.
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पानी के छींटे
सुबह उठते ही ठंडे पानी से मुंह धोएं. इससे नींद टूट जाएगी. अलार्म वाली घड़ी बाथरूम के करीब ही रख सकते हैं, ताकि अलार्म बंद करते ही मुंह धोने चले जाएं. इसके बाद बिस्तर का रुख ना करें.
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ठंडी ठंडी चम्मच
रात में दो चम्मच फ्रिज में रख कर सोएं और सुबह उठ कर अपनी आंखों पर इन्हें रख लें. इससे आपकी सारी नींद उड़ जाएगी और आप तरोताजा महसूस करेंगे.
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खाना पीना
रात को हल्का खाना खाएं. बहुत ज्यादा खाना खाने से शरीर तब तक ठीक से सो नहीं पाता, जब तक वह पच ना जाए. रात में खाने के बाद चाय या कॉफी बिलकुल ना लें. इनसे भी नींद खराब होती है. सुबह सुबह एक कप गर्मागर्म चाय या कॉफी नींद खोलने के लिए अच्छी हैं.