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नीदरलैंड्स की निगाहें यूरो कप पर

८ जून २०१२

नीदरलैंड्स ने 2010 के वर्ल्ड कप में दूसरा स्थान पाया था. अब वे यूएफा यूरो 2012 में बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं और टाइटल जीतना चाहते हैं. फुटबॉल पंडितों का कहना है कि उनके जीतने के अवसर अच्छे हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप यूएफा यूरो 2012 का ग्रुप बी जानलेवा ग्रुप है. इसे मौत का ग्रुप कहा जा रहा है. दिसंबर में जब कीव में ड्रॉ निकाला गया तो कोई भी नीदरलैंड्स के ग्रुप में नहीं जाना चाहता था. कोई इस टीम से आरंभिक राउंड में नहीं भिड़ना चाहता था. अंत में जब डेनमार्क, जर्मनी और पुर्तगाल को यह ग्रुप मिला तो सब परेशान थे. वजह साफ है. जर्मनी और नीदरलैंड्स जीत के दावेदारों में हैं. डेनमार्क से कोई उम्मीद नहीं की जा रही है, ठीक 1992 की तरह जब वह टूर्नामेंट जीत गया था.

ट्रॉफी पर हैं निगाहें

दूसरी ओर जर्मनी और नीदरलैंड्स की पुरानी प्रतिद्वंद्विता को नई खुराक मिली है. इस बार नीदरलैंड्स की टीम अपने पड़ोसी से परेशान नहीं है. वजह साफ है. उनके पास प्रचुर आक्रामक क्षमता है. टीम में जर्मन प्रीमियर लीग में सबसे ज्यादा गोल करने वाले क्लास-यान हुंटेलार के अलावा इंगलिस प्रीमियर लीग में साल के सर्वोत्तम खिलाड़ी रहे रोबिन फान पैरसी भी हैं. इस जोड़ी और 2012 में दक्षिण अफ्रीका में विश्व कप में रनर्स अप रहने के आत्मविश्वास से भरी टीम पिछले 24 सालों में पहला टाइटल जीतने की कोशिश में है.

नीदरलैंड्स की टीमतस्वीर: picture-alliance/dpa

इस राह पर उनकी पहली परीक्षा ग्रुप के स्तर पर ही हो जाएगी. हालांकि जर्मनी के साथ आमना सामना होने को अच्छा संयोग माना जा रहा है. 1988 में जर्मनी में हुई यूरोपीय चैंपियनशिप में नीदरलैंड्स की ऑरेंज जर्सी वाली टीम ने सेमी फाइनल में जर्मनी को 2-1 से हरा दिया था. ओरान्ये टीम की यह जीत उनके इतिहास की महत्वपूर्ण तारीख है.

गोलों की झड़ी

इस साल के टूर्नामेंट में डच टीम को बिना किसी ज्यादा मुश्किल के क्वालिफिकेशन मिल गई. वह सिर्फ अंतिम मैच में स्वीडन के हाथों 3-2 से हारा. लेकिन क्वालिफिकेशन के लिए इसका कोई महत्व नहीं था. नीदरलैंड्स की टीम पहले ही टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई कर गई थी. प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ 37 गोल कर और सिर्फ 8 गोल खाकर ट्रेनर बैर्ट फान मार्विक की टीम टूर्नामेंट के निर्णायक दौर में पहुंची और साफ कर दिया कि टीम के प्रशंसक खिलाड़ियों से आक्रामक शो की उम्मीद कर सकते हैं.

टीम के पास अद्भुत आक्रामक क्षमता है. हुंटेलार और इंगलिश लीग में सबसे ज्यादा गोल करने वाले फान पैरसी के अलावा टीम में वेजली स्नाइडर, आर्येन रॉब्बेन, डिर्क काउत और रफाएल फान डेअ फार्ट जैसी खिलाड़ी हैं. लेकिन टीम में विवाद की गुंजाइश भी है. इनमें से कौन सा स्टार खेल के दौरान बेंच पर बैठना पसंद करेगा. डच फैंस को यह सवाल सालता रहा है कि क्या हुंटेलार और फान पैरसी जैसे खिलाड़ी एक साथ खेल सकते हैं. कोच फान मार्विक कहते हैं, "निश्चित तौर पर दोनों साथ खेल सकते हैं, लेकिन मुझे खुद पता नहीं है कि क्या मैं दोनों को एक साथ मैदान पर भेजूंगा."

कोच मार्विकतस्वीर: dapd

जर्मन चैंपियन बोरुसिया डॉर्टमुंड के कोच रह चुके फान मार्विक कहते हैं, "मैं बहुत खुश हूं. मैं ऐसी टीम बनाऊंगा जिससे मुझे सबसे ज्यादा सफलता की उम्मीद होगी." मार्विक कोच के रूप में खिलाड़ी के रुतबे पर ज्यादा ध्यान नहीं देते. यह बात उन्होंने पहले भी कई बार साबित कर दी है.

अगली पांतों में और स्ट्राइक में नीदरलैंड्स की टीम जितनी प्रभावी दिखती है, उतनी असरदार वह पिछली पांतों में नहीं है. रक्षा पंक्ति के सुदृढ़ न होने के संकेत हैं. एरिक पीटर्स को चोट लगने के बाद कोच फान मार्विक को खास तौर पर रक्षा पंक्ति के बायीं ओर समस्याएं हैं. केंद्र में जॉन हायटिंगा और योरिस मथाईसन की जोड़ी भी यूरोप की बहुत अच्छी डिफेंस जोड़ी नहीं मानी जाती.

लेकिन इन सब मुश्किलों के बावजूद नीदरलैंड्स की निगाहें बड़ी यूरोपीय ट्रॉफी पर है.

रिपोर्ट: काले  कॉप्स/मझा

संपादन: ओंकार सिंह जनौटी

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