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समाज

नील डेल्टा पर मिला एक प्राचीन गांव

३ सितम्बर २०१८

मिस्र के पुरातत्वविदों ने नील डेल्टा पर बसे दुनिया के सबसे पुरानों गांवों में से एक का पता लगाया है. यह खोज कहती है कि गीजा के पिरामिड बनने से पहले भी इंसान इस क्षेत्र में तकरीबन 5000 ईसा पूर्व से रह रहा था.

Ägypten | Archäologen finden uraltes Dorf
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Egyptian Ministry of Antiquities

मिस्र के पुरातन मंत्रालय के मुताबिक नील डेल्टा पर काम कर रहे पुरातत्वविदों को एक प्राचीन गांव के अवशेष मिले हैं. ऐसा गांव जहां प्राचीन युग में राजाओं का शासन हुआ करता होगा. यह क्षेत्र राजधानी काहिरा से करीब 140 किमी दूरी पर स्थित तेल अल-समारा इलाके में है. पुरातात्विक जांच टीम का नेतृत्व कर रहे फ्रेडरिक गियो के मुताबिक टीम को पशुओं की हड्डियां, वनस्पति अवशेष, मिट्टी के बर्तन और भोजन रखने वाले कई सिलोस मिले हैं. सिलोस एक प्रकार के सिलिंडरिकस टावर होते हैं जिसे सामान रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इन अवशेषों को देखकर यह अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है कि गीजा के पिरामिड बनने से पहले भी यहां एक स्थायी समाज यहां बसता रहा होगा. 

फरवरी 2018 में जर्मनी और मिस्र के विशेषज्ञों ने देश के दक्षिणी शहर मिन्या में एक प्राचीन कब्रगाह का पता लगाया था. इसमें करीब 1000 से अधिक प्रतिमाएं और आठ मकबरे मिले थे. इसके साथ ही 4400 साल मकबरे पिरामिड के पास मिले थे. राजधानी काहिरा में पिछले साल राजा सेमटिक की भीमकाय मूर्ति भी मिली थी जो 26वें राजवंश से जुड़ी मानी जा रही थी. 

साल 2011 की अरब क्रांति के बाद मिस्र में आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आई है. सरकार को उम्मीद है कि इस तरह की प्राचीन खोजों से देश के पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा.

एए/एनआर (एपी, डीपीए)

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