जर्मनी में वैज्ञानिकों ने तीन साल और 700 परीक्षणों के बाद एक ऐसा ऐप तैयार किया है जिससे उन्हें उम्मीद है कि नेत्रहीनों को भीड़भाड़ वाले रास्तों पर चलने फिरने में आसानी होगी.
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इनमॉब्स ऐप आंखों से कमजोर और नेत्रहीनों के लिए उच्च गतिशीलता, ज्यादा आरामदायक और स्वतंत्रता देने का वादा करता है. जर्मन एयरोस्पेस सेंटर (डीएलआर) के यॉर्ग बेल्स कहते हैं, "यह उनकी मदद करता है, यह बताता है कि वे कहां हैं, संकेत देता है कि उन्हें किस दिशा में जाना है. यह बताता है कि आसपास कैसा दिखता है या फिर आसपास कोई खतरा तो नहीं." ऐप की विकास प्रक्रिया में शामिल बेल्स कहते हैं, "जो लोग नेत्रहीन होते हैं वे नए रास्तों के लिए उन लोगों पर निर्भर करते हैं जो देख सकते हैं. जब उन्हें मार्ग का पता नहीं होता है तो उन पर अकेला जाना बहुत मुश्किल भरा होता है." यह ऐप अतिरिक्त उपकरण हो सकता है ना कि रामबाण उपकरण. ऐप लाठी या फिर पालतू कुत्ते की ही तरह मददगार हो सकता है.
मददगार ऐप
गेरहार्ड रेंसेल रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा से पीड़ित हैं. वे पूरी तरह से नेत्रहीन हैं. 68 साल के रेंसेल ऐसे चुनिंदा लोगों में से एक हैं जिन्होंने ऐप का परीक्षण किया है. वह कहते हैं, "मैंने अपने कंप्यूटर पर विशेष प्रोग्राम की मदद से अपना मार्ग तैयार किया उसके बाद मैंने उसे अपने स्मार्ट फोन पर भेज दिया. इस सबके बाद मैंने अपने बांह पर जीपीसी उपकरण बांधा, जो ब्लूटूथ के जरिए जानकारी मेरे स्मार्ट फोन को भेज सकता है. मैं अकेला अपने घर से बाहर के लिए निकला."
ऐसा करने के लिए रेंसेल उत्तरी जर्मनी के ब्राउनश्वाइग में विशेष परीक्षण स्थान पर पहुंचे. वहां की ट्रैफिक लाइटें वाईफाई से लैस हैं जो सीधे रेंसेल के स्मार्ट फोन पर जानकारी भेज सकती हैं. रेंसेल बताते हैं, "उदाहरण के लिए ऐप ने मुझे बताया, आसपास का क्षेत्र कैसा दिखता है, वहां कोई बस पड़ाव है, मेरे रास्ते पर कोई चौराहा या फिर बेकरी मौजूद है. अगर मैं गलत रास्ते पर गया तो मेरा स्मार्ट फोन वाइब्रेट करने लगा."
रेंसेल जल्द ही आश्वस्त हो गए कि ऐप बड़े सुधार का प्रतिनिधित्व करता है. इस ऐप से परिचित होने से पहले वे पारंपरिक नेवीगेशन सिस्टम का इस्तेमाल करते थे. वह उससे संतुष्ट नहीं थे. रेंसेल कहते हैं, "नेत्रहीनों के लिए वह बहुत सुविधाजनक नहीं है. क्योंकि वह अत्यधिक गलत होता है."
तैयार नहीं
ब्राउनश्वाइग में यूनिवर्सिटी ऑफ टेकनोलॉजी में प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर स्टेफेन आक्सर कहते हैं कि यह ऐप सिर्फ एक प्रोटोटाइप है, इसमें और सुधार की जरूरत है. "हमारी लोकेशन टेकनोलॉजी में अभी भी सुधार की जरूरत है. हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यूजर को सटीक जानकारी मिले."
इस ऐप को बाजार में उतारने में कम से कम पांच साल लगेंगे. आक्सर कहते हैं, "हमें यह भी पता करने की जरूरत है कि नेत्रहीन किसी और की सहायता लिए बिना किस तरह से सार्वजनिक परिवहन में सफर कर सकते हैं." एक कमी यह है कि यूजर को जीपीएस उपकरण अपने बांह पर पहनना होता है. फोन के साथ जीपीएस उपकरण को एकीकृत करना डेवलपर्स के लक्ष्यों में से एक है.
बालों के लिए अच्छा बुरा
हैट लगाने से बाल झड़ते हैं. ड्रायर से बालों की नमी उड़ जाती है. बालों के बारे में कई धारणाएं हैं जिनमें सब सच नहीं है. जानिए कौन सी चीजें बालों के लिए अच्छी हैं और कौन सी बुरी.
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बालों को तौलिया से सुखाना
अगर आप भी बाल धोने के बाद उन्हें तौलिया से रगड़कर सुखाते हैं तो इसे फौरन रोक दीजिए. डॉक्टर जाइख्नर के मुताबिक इससे बालों को नुकसान पहुंचता है. वह कहते हैं कि बालों को धोने के बाद किसी नर्म कपड़े से बिना रगड़े पोछना चाहिए और चौड़े दांत वाली कंघे से सुलझाना चाहिए ताकि पानी निकल जाए.
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एक की जगह दो
अक्सर सुनने को मिलता है कि अगर किसी एक सफेद बाल को तोड़ दिया तो उसकी जगह दो निकल आते हैं. यह गलत धारणा है. सफेद बाल को निकलने से रोकना हमारे हाथ में नहीं.
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शैंपू का इस्तेमाल
बेशक ज्यादा शैंपू करने से बालों को नुकसान होता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि शैंपू किया ही न जाए. डॉक्टर पिलिआंग बताते हैं कि शैंपू न करने से भी बालों का झड़ना बढ़ सकता है. उनके मुताबिक, "सिर की त्वचा तैलीय हो जाने से इंफेक्शन हो सकता है. इससे बालों का विकास भी प्रभावित होता है."
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ब्रश करना
बालों को बार बार ब्रश करना भी नुकसान पहुंचा सकता है. डॉक्टर पिलिआंग के मुताबिक बालों को बार बार ब्रश करने से उनकी बाहरी परत को क्षति पहुंचती है.
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बालों की रंगाई
बालों पर उनके प्राकृतिक रंग से अगर हल्का रंग करना है तो वह बालों को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. इससे बाल हल्के पड़ जाते हैं और आसानी से टूटते हैं. जबकि गहरा रंग लगाने पर बाल मोटा होता है जिससे इसके टूटने की संभावना कम रहती है.
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सही उत्पाद
कई लोगों का मानना है कि बेहतर उत्पादों से बाल बेहतर हो जाते हैं. हालांकि बालों पर सीधा असर खानपान से पड़ता है. डॉक्टर पिलिआंग के मुताबिक बालों के लिए शरीर को बहुत पोषण चाहिए. खाने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए. इसके अलावा खनिज पदार्थ जैसे जिंक, आयरन और विटामिन डी भी जरूरी हैं.
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ड्रायर से बचें
बाल अगर अपने आप हवा में सूखें तो बेहतर है. अगर हेयर ड्रायर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे सबसे कम तापमान पर रखिए. बाल सुखाते समय ड्रायर और बालों के बीच कम से कम 15 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए. ड्रायर को हिलाते रहना चाहिए, किसी एक जगह केंद्रित नहीं रखना चाहिए.
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टोपी और बालों का झड़ना
डॉक्टर जाइख्नर ने बताया, "इस मान्यता के पीछे वजह यह है कि टोपी पहनने से सिर में रक्तस्राव प्रभावित होता है जिससे बाल झड़ने लगते हैं." पुरुषों में उनके जीन्स और तनाव बाल झड़ने की अहम वजह हैं. अक्सर लोग टोपी में जब बाल देखते हैं तो टोपी को ही इसका जिम्मेदार मानने लगते हैं.
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शैंपू बदलना
शैंपू बार बार नहीं बदलना चाहिए. हालांकि कई लोग अलग अलग इफेक्ट के लिए शैंपू बदलते हैं. कुछ एंटी डैंड्रफ होते हैं तो कुछ से आपके बाल ज्यादा घने दिखते हैं. लुक के लिए कभी कभार ऐसा करना ठीक है वरना जब तक जरूरी न हो शैंपू बदलना अच्छा विकल्प नहीं.
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मर्दों में गंजापन
अमेरिका के जॉन हॉप्किंस स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर लुइस गरजा के मुताबिक हो सकता है कि मर्दों में गंजेपन के लिए मां से मिला क्रोमोजोम जिम्मेदार हो. क्योंकि गंजेपन के लिए जिम्मेदार जीन एक्स क्रोमोजोम पर होता है जो कि मर्दों को मां से मिलता है. लेकिन मां से गंजेपन के जीन मिलना जरूरी नहीं.