नेपाल के राजा ने कहा मुझे नाम से बुलाओ
९ अक्टूबर २०१०ज्ञानेन्द्र ने एक गैर सरकारी संगठन के उद्घाटन के बाद कहा, "मुझे ज्ञानेन्द्र शाह बुलाइए, इससे मुझे खुशी होती है. मैं तो वैसे भी आम आदमी हूं. इस एनजीओ का नाम उनकी बहू हिमानी शाह के नाम पर रखा गया है."
नेपाल के पूर्व नरेश ने कहा कि वे लोगों से मिलना चाहते हैं उनके लिए काम करना चाहते हैं. उन्होंने देश की खराब होती स्थिति और आर्थिक संकट के कारण परेशान लोगों पर चिंता जताई.
हिमानी ट्रस्ट के नाम से खोला गया संगठन स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक विकास और रोजगार के क्षेत्र में काम करेगा. गरीब महिलाओं, बच्चों, और बूढ़ों के लिए चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने का काम, गरीब बच्चों को छात्रवृत्ति देने के लिए यह एनजीओ काम करेगा. साथ ही जैव विविधता को बचाने, पीने के पानी की उपलब्धता पनबिजलीघर पर भी काम किया जाएगा. इस ट्रस्ट में सात महिला सदस्य हैं और वे सभी नेपाल के शाही घराने से हैं.
इस ट्रस्ट ने काठमांडू के पूर्वी डोलखा जिले के गांवों में काम करना शुरू कर दिया है. पूर्व रानी हिमानी ने कहा, "हम आदर्श गांव बनाना चाहते हैं और स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र बना कर लोगों की मदद करना चाहते हैं." जब हिमानी से पूछा गया कि क्या वे राजनीति में आना चाहेंगी तो उन्होंने इस बात से साफ इनकार कर दिया.
2008 में 601 सांसदों वाली नेपाल की सासंद ने राजशाही खत्म कर दी, जिसके बाद राजा ने अपना महल छोड़ दिया. यह महल अब संग्रहालय के तौर पर लोगों के लिए खोल दिया गया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः वी कुमार