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नेपाल में प्रधानमंत्री का चुनाव

२१ जुलाई २०१०

नेपाल की संसद में बुधवार को नए प्रधानमंत्री का फ़ैसला होगा. प्रधानमंत्री माधव नेपाल के इस्तीफ़े के बाद पैदा हुए राजनीतिक शून्य से बाहर निकलने के लिए माओवादी सत्ता में लौटने की कोशिश कर रहे हैं.

तस्वीर: AP
माओवादी नेता प्रचंडतस्वीर: picture-alliance/dpa

दस साल तक नेपाल सरकार के ख़िलाफ़ हथियारबंद संघर्ष करने वाले माओवादियों का कहना है कि वे संसद में सबसे बड़ी पार्टी हैं और उन्हें ही नई सरकार का नेतृत्व करने का हक़ है. माओवादी नेता पुष्प कमल दहल प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी के उम्मीदवार हैं, जो प्रचंड के नाम से जाने जाते हैं. 2008 के चुनावों के बाद वे देश के प्रधानमंत्री बने थे लेकिन 2009 में उन्होंने सेना के साथ मतभेदों के बाद इस्तीफ़ा दे दिया था.

संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने राम चंद्र पौडेल को अपना उम्मीदवार बनाया है तो झाला नाथ खनाल कम्युनिस्ट पार्टी एमाले के उम्मीदवार हैं. प्रचंड के लिए दूसरी पार्टियों का समर्थन पाना मुश्किल होगा क्योंकि दूसरी पार्टियां तब तक माओवादियों का समर्थन नहीं करना चाहती जब तक वे अपने सैन्य कैंपों को भंग नहीं करते और गृहयुद्ध के दौरान जब्त संपत्ति वापस नहीं करते.

नेपाल में संविधान सभा का चुनाव 2008 में हुआ था और उसे शांति प्रक्रिया को पूरा करने तथा देश का नया संविधान बनाने के लिए दो साल का समय दिया गया था लेकिन वह माओवादियों और दूसरे राजनीतिक दलों के बीच गंभीर मतभेदों के कारण दोनों ही ज़िम्मेदारियों को पूरा करने में विफल रहा है.

संसद के रूप में काम कर रहे संविधान सभा का कार्यकाल 28 मई को ही पूरा हो गया है लेकिन संविधान निर्माण के काम को पूरा करने के लिए सांसदों ने उसके कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ा दिया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: एन रंजन

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