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नेहरा से ओवर कराना महंगा पड़ गया: धोनी

१३ मार्च २०११

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आखिरी ओवर हरभजन सिंह को मिलने की उम्मीद थी लेकिन कप्तान धोनी ने पता नहीं क्या सोचकर आशीष नेहरा को गेंद थमाई. नेहरा का ओवर पिटा और दक्षिण अफ्रीका जीत गया. धोनी ने माना कि यह फैसला भारी पड़ा.

तस्वीर: AP

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा है कि आखिरी ओवर नेहरा से कराने का फैसला उन्होंने इसलिए किया क्योंकि वह अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे. धोनी को उम्मीद थी कि अपनी बॉलिंग के सहारे नेहरा उन्हें जीत दिलाने में कामयाब हो जाएंगे लेकिन यह दांव उलटा पड़ गया. दक्षिण अफ्रीका को आखिरी ओवर में 13 रन चाहिए थे. नेहरा के ओवर में पहले चौका और फिर छक्का पड़ते ही मैच का रुख बदल दिया और स्मिथ की टीम ने तीन विकेट से मैच जीत लिया.

नेहरा ने पहली चार गेंदों में ही 16 रन दे दिए. कप्तान धोनी ने अपने फैसले पर कहा, "गेंदबाजों को सही दिशा और स्थान में गेंद डालने की जरूरत होती है. अगर आप ऐसा नहीं करते तो फिर आपकी ठुकाई होती है. हरभजन सिंह से भी ओवर कराया जा सकता था लेकिन मैंने सोचा कि नेहरा ही बेहतर विकल्प हैं. शायद मैं गलत था."

तस्वीर: AP

धोनी के मुताबिक नेहरा उनके मुख्य गेंदबाजों में से हैं और टीम उनमें विश्वास करती है. इस मैच में वह भले ही विफल रहे हों लेकिन बाकी मैचों में शायद वह अच्छा प्रदर्शन करेंगे. धोनी ने माना कि पूरे ओवर न खेल पाने का खामियाजा भी भारतीय टीम को भुगतना पड़ा.

"अगर हमने पूरे 50 ओवर बल्लेबाजी की होती तो हमारे पास 20 रन और होते. अहम बात यह है कि आप भीड़ के लिए नहीं, देश के लिए खेलते हैं. हमें पूरे 50 ओवर खेलना चाहिए था. अगर हमारी फील्डिंग अच्छी होती तो हमारा स्कोर बड़ा नजर आता लेकिन हम अपनी फील्डिंग के लिए नहीं जाने जाते."

धोनी मैच के नतीजे से भले ही मायूस हों, दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ग्रैम स्मिथ के चेहरे पर मुस्कान फैली हुई है. स्मिथ ने अपने खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन पर उनकी पीठ थपथपाई है.

स्मिथ के मुताबिक मैच के पहले 25 ओवरों में दक्षिण अफ्रीका पीछे चल रहा था लेकिन बाद के 75 ओवरों में टीम ने कड़ी मेहनत की. डेल स्टेन ने बढ़िया बॉलिंग की और फिर दबाव में बल्लेबाजों ने रनों का अच्छे ढंग से पीछा किया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: आभा एम

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