नेहरू के दोस्त जोसिप टीटो का देश क्रोएशिया
१६ मई २०१९तत्कालीन युगोस्लाविया के नेता मार्शल टीटो और भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापकों में रहे हैं. भारत की आजादी के बाद के वर्षों में नेहरू ने युगोस्लाविया के नेता जोसिप टीटो और मिस्र के नेता अब्देल गमाल नासिर के साथ मिलकर एशिया और अफ्रीका के देशों में उपनिवेशवाद के खात्मे के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन की पहल की. कोई आश्चर्य नहीं कि भारत की राजधानी में मार्शल टीटो के नाम से एक सड़क भी है. टीटो खुद क्रोएशिया के थे.
भारत क्रोएशिया संबंध
उस समय भारत और युगोस्लाविया के बीच होने वाले कारोबार का बड़ा हिस्सा क्रोएशिया के साथ होता था. 56,594 वर्ग किलोमीटर वाले क्रोएशिया ने खूनी संघर्ष के बाद 1991 में अपनी आजादी की घोषणा की. भारत ने 1992 में उसे मान्यता दी और उसी साल उसके साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित किए. दूरी और आकार के कारण रिश्ते भले ही मामूली हों लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोनों देश गहन सहयोग कर रहे हैं. दोनों देशों का पारस्परिक कारोबार सालाना करीब 14 करोड़ यूरो का है. इसी साल मार्च में भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने क्रोएशिया का दौरा किया है.
बहुत जल्द भारत में और ज्यादा क्रोएशिया देखने को मिलेगा. ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन ने 51 वर्षीय इगोर स्टिमाच को भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया है. स्टिमाच क्रोएशिया के गोल्डन जेनरेशन के खिलाड़ी हैं और इंग्लैंड में क्लब फुटबॉल के नामी स्तंभ रहे हैं. 1998 में विश्व कप में तीसरे स्थान पर आने वाली क्रोएशिया की टीम में वे नेतृत्व देने वाले खिलाड़ियों में शामिल थे और अब भारतीय टीम के कोच के रूप में सबसे बड़ा नाम हैं.
क्रोएशिया की राजनीतिक व्यवस्था
मध्य और दक्षिण पूर्व यूरोप के केंद्र में बसे क्रोएशिया की आबादी करीब 43 लाख है. क्रोएशियन यहां की भाषा है. क्रोएशिया राजनीतिक प्रणाली के लिहाज से एक संसदीय गणतंत्र है. देश की सत्ता राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों के हाथों में होती है. सरकार प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री और राज्य प्रमुख के रूप में राष्ट्रपति कार्यपालिका और देश का देश के अंदर और बाहर प्रतिनिधित्व करते हैं. राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता द्वारा पांच साल के लिए होता है. अगर किसी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट नहीं मिलता तो पहले चरण में सबसे ज्यादा मत पाने वाले दो उम्मीदवारों के बीच दूसरे चरण में फैसला होता है.
क्रोएट संसद का कार्यकाल चार साल का होता है. उसके सदस्य दस बहुसदस्यीय चुनाव क्षेत्रों में चुने जाते हैं. इसके अलावा विदेशों में रहने वाले क्रोएट नागरिकों और अल्पसंख्यकों के लिए भी सीटें हैं. मौजूदा कानून के अनुसार क्रोएट संसद एक सदन वाली संसद है जिसके 151 सदस्य हैं. उनमें क्रोएट डायसपोरा के 3 और अल्पसंख्यक समुदाय के 8 प्रतिनिधि शामिल हैं. संसद सदस्यों के अलावा काउंटी प्रमुख, शहरों के मेयर और नगरपालिका प्रमुखों का पद भी निर्वाचित पद है. इनका चुनाव भी चार साल पर पूर्ण बहुमत के आधार पर होता है. परिषदों का चुनाव आनुपातिक पद्धति से होता है.
ईयू और क्रोएशिया
क्रोएशिया 2013 में यूरोपीय संघ का सदस्य बना. अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में थोक और खुदरा कारोबार, पर्यटन और होटल व्यवसाय अहम हैं. अर्थव्यवस्था में इनका योगदान 22.6 प्रतिशत है. इसके अलावा जीडीपी का 21 प्रतिशत उद्योग से और 15 प्रतिशत सार्वजनिक क्षेत्र और प्रशासन से आता है. क्रोएशिया के विदेश व्यापार में निर्यात का दो तिहाई हिस्सा यूरोपीय संघ के देशों के साथ होता है. विदेशों से खरीदे जाने वाले सामान का 77 प्रतिशत हिस्सा क्रोएशिया यूरोपीय संघ के देशों से ही मंगाता है.
यह आर्थिक निर्भरता यूरोपीय संघ के साथ उसके गहन संबंधों का आधार भी है. वह यूरोपीय संसद को 11 सांसद भेजता है. यूरोपीय संघ के मंत्री परिषद की में सभी देश सदस्य हैं और उनके राज्य और सरकार प्रमुख नियमित रूप से संघ की दिशा तय करने के लिए मिलते हैं. एक सदस्य देश छह महीने के लिए मंत्री परिषद की अध्यक्षता संभालता है. क्रोएशिया 2020 में जनवरी से जून तक यूरोपीय संघ की मंत्री परिषद का अध्यक्ष होगा.
क्रोएशिया की राजनीतिक पार्टियां
1990 के बाद से हुए चुनावों में 31 पार्टियां संसद में पहुंची हैं लेकिन उनमें सिर्फ 6 पार्टियों ने ही किसी भी चुनाव में 10 से ज्यादा सीटें पाई हैं. क्रोएशिया में ज्यादा प्रभाव रखने वाली पार्टियों में क्रोएट डेमोक्रैटिक यूनियन, क्रोएट किसान पार्टी, लिबरल डेमोक्रैट्स, सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी और स्वतंत्र लिस्ट शामिल है.
लोकतंत्रिक देश बनने के दौर में क्रोएशिया में बहुत सी पार्टियां बनी और खत्म हो गईं. 1990 में पहली बार राजनीतिक दलों को मंजूरी दी गई थी. तब से 2015 तक 264 पार्टियां रजिस्टर हुईं और उनमें से 118 को इस बीच रजिस्टर से हटाया जा चुका है. इस समय कंजरवेटिव क्रिश्चियन डेमोक्रिटक यूनियन के पास 151 सदस्यों वाले संसद मे सबसे ज्यादा 51 सीटें हैं. उसके अलावा 20 और पार्टियां भी संसद में हैं. ज्यादातर की सिर्फ 1 सीट है.
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