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समानताईरान

नैतिक पुलिस पर 16 साल की छात्रा को पीटने का आरोप

४ अक्टूबर २०२३

तेहरान में 16 साल की एक छात्रा कोमा में है. आरोप है कि मेट्रो में नैतिक पुलिस ने उसकी पिटाई की. वजह, हिजाब न पहनना.

Deutschland | Demonstration am ersten Todestag von Jina Mahsa Amini
तस्वीर: Omer Messinger/Getty Images

16 साल की किशोरी तेहरान की मेट्रो में सफर कर रही थी. एक ईरानी मानवाधिकार संगठन के मुताबिक मेट्रो में नैतिक पुलिस ने उसकी पिटाई की. छात्रा को इतनी ज्यादा चोटें आईं कि अब वह कोमा में है. कुर्द मामलों की आवाज उठाने वाले संगठन हेनगाव का दावा है कि अर्मिता नाम की इस छात्रा को नैतिक पुलिस की महिला अफसरों ने पीटा. वजह थी हिजाब न पहनना.

विदेशों में बस रही हैं ईरानी महिलाएं

बहुत सारे लोग इस मामले को पिछले साल तेहरान में महसा अमीनी की मौत से जोड़कर देख रहे हैं. महसा अमीनी को भी सिर न ढंकने के आरोप में नैतिक पुलिस ने गिरफ्तार किया था. परिवारजन का आरोप है कि हिरासत में महसा को इतना पीटा गया कि अंदरूनी चोटों की वजह से अस्पताल में उसकी मौत हो गई. महसा की मौत के बाद ईरान समेत दुनियाभर के देशों में बड़े प्रदर्शनहुए.

घटना के बारे में कितनी जानकारी

हेनगाव के मुताबिक अर्मिता को शोहदा मेट्रो स्टेशन पर पीटा गया. इस दौरान उसे गंभीर चोटें आईं. तब से छात्रा का इलाज तेहरान के फज्र अस्पताल में हो रहा है. अस्पताल के आसपास कड़ी सुरक्षा है. हेनगाव का कहना है, "फिलहाल किसी को पीड़ित से मिलने की अनुमति नहीं है, उसके परिवार को भी नहीं."

हेनगाव का दावा है कि अस्पताल में दाखिल होने की कोशिश कर रही एक स्थानीय पत्रकार मरियम लोत्फी को भी कुछ देर के लिए हिरासत में लिया गया. अर्मिता मूल रूप से पश्चिमी ईरान के कुर्द बहुल शहर केरमानशाह की हैं.

महसा अमीनी की मौत के बाद तुर्की में भी ईरान की नैतिक पुलिस के खिलाफ प्रदर्शनतस्वीर: Idil Toffolo/Pacific Press/picture alliance

ईरानी अधिकारियों का इनकार

तेहरान मेट्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर मसूद दोरोस्ती ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है. ईरानी सरकार न्यूज एजेंसी इरना से बातचीत में उन्होंने "यात्रियों या मेट्रो अधिकारियों के बीच किसी तरह के मौखिक या शारीरिक टकराव" की रिपोर्ट का खंडन किया है.

उन्होंने एक CCTV फुटेज भी दिखाई, जिसके आधार पर दोरोस्ती ने दावा किया कि लड़की पर कोई हमला नहीं हुआ.

16 सितंबर 2022 को महसा अमीनी को पीटने के मामले में भी अधिकारियों ने ऐसे ही दावे किए थे. उस दौरान भी CCTV की एक क्लिप दिखाई गई थी और उसके आधार पर कहा गया कि महसा की पिटाई नहीं की गई. ईरान के अधिकारियों ने दावा किया कि 22 साल की महसा की मौत स्वास्थ्य संबंधी कारणों से हुई.

महसा की मौत के सालभर बाद ईरान ने महिलाओं की पोशाक से जुड़े नए कानून बनाए हैं. इन कानूनों के तहत पहले से ज्यादा कड़ी सजा का प्रावधान है.

ओएसजे/वीएस (एएफपी, डीपीए)

औरतों को हिजाब पहनने को मजबूर करने के लिए क्या कर रहा ईरान

03:28

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