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नोआ के लिखे पर भड़के नडाल

२१ नवम्बर २०११

टेनिस स्टार रफाएल नडाल ने कहा है कि पूर्व टेनिस खिलाड़ी यानिक नोआ बेवकूफाना बात कर रहे हैं और डोपिंग को लेकर उनकी सलाह बच्चों जैसी है. नोआ ने डोपिंग को कानूनी बनाने की बात कही थी.

तस्वीर: AP

रविवार को फ्रांसीसी अखबार ला मोंड को दिए इंटरव्यू में नोआ कहा कि डोपिंग से लड़ने का सबसे अच्छा तरीका है कि ड्रग्स के इस्तेमाल को कानूनी बना दिया जाए. उन्होंने स्पेन के खिलाड़ियों पर भी नशीली दवाएं लेने का आरोप लगाया.

नडाल को गुस्सा आया

जब नोआ की टिप्पणी के बारे में रफाएल नडाल से पूछा गया तो उनके चेहरे पर गुस्सा साफ नजर आ रहा था. उन्होंने कहा कि जो वह महसूस कर रहे हैं उसे अंग्रेजी में समझाना जरा मुश्किल होगा. 10 ग्रैंड स्लैम जीत चुके नडाल लंदन में एटीपी वर्ल्ड टूअर्स के फाइनल्स में हिस्सा ले रहे हैं. सोमवार को उन्होंने अमेरिकी खिलाड़ी मार्डी फिश को हराया. हालांकि उनकी तबियत ठीक नहीं थी. उनका पेट खराब था जिस वजह से वह पूरे मैच में थके थके नजर आए.

नोआ की टिप्पणियों के बारे में नडाल ने कहा, "जो भी उन्होंने कहा है, वह पूरी तरह बकवास है. और यह बात वह बाकियों से बेहतर समझते हैं. आज के समय में यह बात कहना तो बेवकूफाना है क्योंकि अब तो हर साल डोपिंग रोकने के नियम इतने सख्त होते जा रहे हैं."

1983 के फ्रेंच ओपन चैंपियन नोआ ने लिखा है कि स्पेनिश खिलाड़ी फ्रांसीसियों के मुकाबले ज्यादा तगड़े होते हैं, शायद वे ड्रग्स ले रहे हैं. हालांकि नोआ ने इस बारे में और कोई तर्क या सबूत नहीं दिया. उन्होंने लिखा, "ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई देश हर वक्त खेलों में आगे रहे? क्या उन्होंने इतनी अद्भुत ट्रेनिंग तकनीक ईजाद कर ली हैं जिनका किसी और को पता ही नहीं.?"

नोआ ने तो फ्रांसीसी अधिकारियों को अपने डोपिंग विरोधी नियमों में ढील देने तक की सलाह दे डाली. उन्होंने लिखा, "पाखंड छोड़िए. सबसे अच्छा होगा कि हम डोपिंग को स्वीकार कर लें. तब सभी को जादुई दवा मिल सकेगी."

हर जगह आलोचना

नडाल को ये बातें बचकाना लगी हैं. उन्होंने कहा, "मेरी राय में वह आर्टिकल एक बच्चे ने लिखा है. और जब एक बच्चा कोई बात कहता है तो हमें उसका दुख नहीं होता. मैं ऐसा ही महसूस कर रहा हूं. मुझे नहीं पता कि अंग्रेजी में इस बात को कैसे कहा जाना चाहिए लेकिन फ्रांस के लिए यह बहुत बुरा है. यह हमारे देश से ज्यादा उनके देश के लिए बुरा है. क्योंकि जब कोई शख्स, उन जैसा महत्वपूर्ण आदमी इस तरह की बात कहता है तो उसका असर देश की छवि पर पड़ता है."

लेकिन नडाल की बातों से ऐसा नहीं लगा कि उन्हें गुस्सा नहीं आया या दुख नहीं हुआ. उन्होंने तो नोआ के लिखने पर प्रतिबंध लगा देने तक की बात कही. उन्होंने कहा, "इस आदमी को तो आइंदा अखबारों में लिखने का हक ही नहीं होना चाहिए."

नोआ की टिप्पणियों के लिए कई लोगों ने उनकी आलोचना की है. फ्रांस के खेल मंत्री, ओलिंपिक जूडो चैंपियन रह चुके डेविड डुइलेट ने कहा, "यह टिप्पणी गंभीर और गैर जिम्मेदाराना है."

स्पेन की ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष आलेहांद्रो ब्लांको ने भी नोआ की आलोचना की है. उन्होंने कहा, "जिन लोगों को कुछ पता ही नहीं है, वे खेलों में स्पेन की तरक्की के बारे में नहीं समझ सकते. हमारी सफलता का मंत्र है कड़ी मेहनत."

रिपोर्टः रॉयटर्स/एपी/वी कुमार

संपादनः ओ सिंह

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