नोट के बदले वोट कांड में दूसरी गिरफ्तारी
२१ जुलाई २०११हिंदुस्तानी को भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले अपराध शाखा ने उससे सात घंटे तक कड़ी पूछताछ की. यह पूछताछ यूपीए सरकार के विश्वासमत के दौरान सांसदों को कथित रिश्वत देने के मामले से जुड़ी है.
पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद हरकत में आई दिल्ली पुलिस की जांच के दायरे में जल्द ही अमर सिंह को लिया जा सकता है. अदालत ने इस मामले में बेरुखी अपनाने के लिए दिल्ली पुलिस की खिंचाई की.
इस मामले में बीजेपी सांसद अशोक अर्गल और बीजेपी नेता एलके आडवाणी के नजदीकी सुधींद्र कुलकर्णी से भी पूछताछ हो सकती है. बताया जाता है कि अशोक अर्गल को रिश्तव देने की कोशिश की गई जबकि सुधींद्र कुलकर्णी ने इस पूरे मामले का स्टिंग ऑपरेशन कराने की व्यवस्था की.
पुलिस ने पूछताछ के लिए हिंदुस्तानी को समन भेजा. इस मामले में अमर सिंह के करीबी माने जाने वाले संजीव सक्सेना को दिल्ली पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. आरोप है कि सक्सेना ने ही बीजेपी सांसदों को नकद रकम दी.
पूछताछ से पहले हिंदुस्तानी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को नोट के बदले वोट कांड में घसीटने की कोशिश की. उसने कहा कि उसे इन दोनों नेताओं के नजदीकी लोगों के फोन आए. हिंदुस्तानी ने पत्रकारों से कहा, "मुझे अमर सिंह और अहमद पटेल (सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव) का फोन आया. प्रधानमंत्री और यहां तक कि 10 जनपथ के नजदीकी लोगों ने भी मुझे फोन किए."
पुलिस परिसर में दाखिल होने से पहले हिंदुस्तानी ने कहा कि वह पुलिस को वही बताएगा जो उसने इस मामले की जांच करने वाली संसदीय समिति को बताया. जब उससे पूछा गया कि संसदीय समिति को क्या बताया तो हिंदुस्तानी का जवाब था कि अमर सिंह ने उसे बताया कि वह जो भी कर रहे हैं अहमद पटेल के साथ मिल कर प्रधानमंत्री के निर्देश पर कर रहे हैं ताकि सरकार को बचाया जा सके. उसने कहा, "लोगों को विश्वास नहीं होगा कि मनमोहन सिंह और कांग्रेस पार्टी सरकार को बचाने के लिए इस कदर तक गिए गए." उसने कहा कि इस पूरे मामले को अमर सिंह और कुछ कांग्रेसी नेताओं ने अंजाम दिया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह