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नौ साल की उम्र में एवरेस्ट का सपना

५ नवम्बर २०१०

एवरेस्ट की चढ़ाई में अब क्रिकेट की तरह रिकॉर्डों की तलाश शुरू हो गई है. खबर आई है कि नेपाल का एक नौ साल का बच्चा सबसे कम उम्र का एवरेस्ट विजेता बनने के लिए ट्रेनिंग में जुट गया है.

पर्वतारोहियों का सपनातस्वीर: picture-alliance / united-archives/mcphoto

अब तक यह रिकॉर्ड अमेरिकी किशोर जॉर्डन रोमेरो के नाम है, इस साल मई के महीने में जिसने सबसे कम उम्र के एवरेस्ट विजेता का सेहरा अपने सिर बांधा था. उस समय उसकी उम्र 13 साल की थी.

लेकिन नेपाल के त्सेटेन शेरपा की उम्र सिर्फ नौ साल है. उसके पिता दोरजे शेरपा ने पत्रकारों से कहा कि वे चाहते हैं कि उनका बेटा इस रिकार्ड को तोड़े.

नेपाल के मशहूर पर्वतारोही पेमबा ने हाल में कहा था कि वे किसी नेपाली बच्चे का पता लगाना चाहते हैं, जो रोमेरो का रिकॉर्ड तोड़ सके. वे इस सिलसिले में अपने बेटे के बारे में भी सोच रहे थे. उनका कहना था कि नेपाल एक छोटा देश है, और उसे अधिक प्रचार नहीं मिल पाता है. इसलिए वे चाहते हैं कि एवरेस्ट से जुड़े सारे रिकॉर्ड उनके देशवासियों के नाम हों. इसकी खातिर वे विशेष सरकारी अनुदान की अपील कर रहे थे. नेपाल सरकार 16 साल से कम उम्र के पर्वतारोहियों के लिए अनुदान नहीं देती है.

इस बीच पर्यटन मंत्रालय के अधिकारी बाबुराम भंडारी ने कहा है कि पर्वतारोही को अपने बेटे को साथ ले जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हमारे नियमों के अनुसार पर्वतारोहण के लिए कम से कम 16 साल की उम्र होनी चाहिए. इसलिए उसे एवरेस्ट पर चढ़ने नहीं दिया जाएगा.

1953 में तेनजिंग नोर्गे और एडमुंड हिलरी के बाद लगभग तीन हजार पर्वतारोही एवरेस्ट की चोटी पर पंहुच चुके हैं. इस कोशिश में सैकड़ों पर्वतारोहियों की मौत हो चुकी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: एन रंजन

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