1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

महामारी में चुनाव? न्यूजीलैंड है तैयार

१२ मई २०२०

न्यूजीलैंड में सितंबर में राष्ट्रीय चुनाव होने हैं और सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे के बीच चुनाव कराने का फैसला कर लिया है. चुनाव आयोग ने कुछ नए सुरक्षा के कदमों की घोषणा की जिनका पालन कर के राष्ट्रीय चुनाव कराए जाएंगे.

Neuseeland Parlamentswahlen
तस्वीर: Getty Images/F.Goodall

अगर महामारी के बीच में चुनाव करवाने की जरूरत पड़ जाए तो उनका आयोजन कैसे होगा? संभव है कि न्यूजीलैंड आने वाले कुछ महीनों में इस सवाल का जवाब देने वाले पहले देशों में शामिल होगा. पहले से तय योजना के अनुसार देश में सितंबर में राष्ट्रीय चुनाव होने हैं और सरकार ने कोरोनावायरस के खतरे के बीच योजना के अनुसार ही तय समय पर चुनाव कराने का फैसला कर लिया है.

न्यूजीलैंड के चुनाव आयोग ने मंगलवार 12 मई को कुछ नए सुरक्षा के कदमों की घोषणा की जिनका पालन कर के सितंबर में राष्ट्रीय चुनाव कराए जाएंगे. प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने जनवरी में ही घोषणा कर दी थी कि चुनाव 19 सितंबर को होंगे और उसके बाद उन्होंने कई बार दोहराया है कि चुनावों की तिथि बदलने की उनकी कोई योजना नहीं है. न्यूजीलैंड में भी कोविड-19 महामारी की वजह से तालाबंदी थी जो सात हफ्तों तक चली.

आने वाले दिनों में तालाबंदी समाप्त होने जा रही है और इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव कैसे सुरक्षित रूप से करवाए जाएं इस बारे में उसने स्वास्थ्य एजेंसियों से चर्चा की है. आयोग ने कहा, "कोविड-19 की वजह से  इस साल का चुनाव अलग होगा और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए कई तरह के कदम उठाए जाएंगे."

मुख्य चुनाव अधिकारी अलीशिया राइट ने बताया कि इन कदमों में पंक्ति प्रबंधन, शारीरिक डिस्टेंसिंग, मत पेटियों के साथ साथ हैंड सैनिटाइजर रखना और मतदान केंद्रों पर तैनात अधिकारियों के लिए संक्रमण से सुरक्षा का सामान उपलब्ध कराना शामिल होंगे. इसके अलावा अग्रिम मतदान और डाक से मतदान को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा, विशेष रूप से बुजुर्गों और उनके लिए जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें हैं.

तस्वीर: AFP/Getty Images/S. Keith

हालांकि यह दिशा-निर्देश दूसरी चुनावी गतिविधियों जैसे प्रचार, रैलियों और घर घर जा कर प्रचार पर लागू नहीं होते. संभव है कि इन सब पर काफी बड़ा असर पड़ेगा. आर्डर्न का कहना है कि उन्होंने चुनावों के बारे में ज्यादा विचार नहीं किया है क्योंकि वो अभी भी कोविड-19 संकट से जूझ रही हैं. उन्होंने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, "अगर हम दिनों, हफ्तों और महीनों के हिसाब से बात करें तो मुझे ऐसा महसूस होता है कि चुनाव एक जीवनकाल के बराबर दूर हैं."

उन्होंने यह भी कहा, "जैसा कि आप एक वैश्विक महामारी के बीच में कल्पना कर सकते हैं, चुनाव ऐसा विषय नहीं हैं जिस पर अभी तक मैंने अपना दिमाग लगाया हो." इसी साल महामारी के न्यूजीलैंड पहुंचने से पहले किए गए ओपिनियन पोलों में आर्डर्न की सेंटर-लेफ्ट लेबर पार्टी कंजर्वेटिव नेशनल पार्टी से थोड़ा पीछे थी, लेकिन गठबंधन के घटक दलों की मदद से काफी करीबी जीत के रास्ते पर थी.

तब से अब तक, 39-वर्षीय आर्डर्न को कोरोना वायरस से निपटने में उनकी मजबूत प्रतिक्रिया के लिए दुनिया भर में सराहा गया है. उनके नेतृत्व में 50 लाख लोगों के इस देश में सिर्फ 21 लोगों की जान गई. तालाबंदी के दौरान कोई भी आधिकारिक पोल जारी नहीं हुए हैं लेकिन लेबर पार्टी की पोलिंग संस्था यूएमआर के लीक हुए एक शोध के नतीजों ने पिछले महीने आर्डर्न की पार्टी को बहुत बड़ी जीत की तरफ बढ़ते हुए दिखाया था.

शोध में लेबर को 55 प्रतिशत समर्थन मिला था और नेशनल को 29 प्रतिशत. बतौर प्रधानमंत्री आर्डर्न की अप्रूवल रेटिंग 65 प्रतिशत पर थी. राष्ट्रीय चुनावों के साथ साथ न्यूजीलैंड में दो जनमत-संग्रह भी होंगे, भांग या कैनाबिस को कानूनी वैधता दिलाने पर और इच्छामृत्यु की इजाजत पर.

सीके/एए (एएफपी)

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें