न्यूजीलैंड की खान में सभी मजदूरों की मौत
२४ नवम्बर २०१०न्यूजीलैंड के दक्षिणी द्वीप ग्रेमाउथ में शुक्रवार को कोयले की लगभग सवा दो किलोमीटर लंबी खान में मजदूर फंस गए. इसी दौरान वहां मीथेन गैस की वजह से धमाका हुआ. लेकिन बाद में दूसरा धमाका होने के साथ ही सब कुछ खत्म हो गया. न्यूजीलैंड सरकार ने कहा है कि वह इस हादसे की जांच करेगी.
प्रधानमंत्री जॉन केली ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, "आज पूरा न्यूजीलैंड इन लोगों के लिए शोक व्यक्त कर रहा है. हमारा पूरा राष्ट्र शोकाकुल है. न्यूजीलैंड एक छोटा देश है, जहां सभी भाई एक साथ रहते हैं. एक ही झटके में इतने सारे भाइयों का जाना बहुत बड़ा झटका है."
खान में मजदूरों के फंसने के बाद जहरीली गैसों और धमाके के डर से राहत और बचाव का काम ठीक ढंग से नहीं किया जा सका. हालांकि वहां फंसे मजदूरों की पत्नियों और मांओं ने बार बार राहत की अपील की. खान में 17 साल से 62 साल तक के मजदूर फंसे थे.
बचाव के काम के दौरान रोबोट और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद से खान में जीवन तलाशने की कोशिश की गई लेकिन बताया जाता है कि पहले विस्फोट के बाद ही वहां किसी का बचा होना आसान नहीं लग रहा था.
बुधवार की सुबह राहत और बचावकर्मियों का कहना था कि खनिकों के बचे होने की संभावना बहुत कम रह गई है फिर भी वे जहरीली गैस की मात्रा कम होने का इंतजार कर रहे थे ताकि खान में राहतकर्मियों को उतारा जा सके. इसके बाद 16 सदस्यों वाला राहत दल खान में उतरने ही वाला था कि दूसरा विस्फोट हो गया. पुलिस नीरिक्षक गैरी नोवेल्स का कहना है, "हमारा मानना है कि इसके बाद कोई नहीं बचा."
चिली में पिछले महीने 33 मजदूरों को चमत्कारिक ढंग से बचाया गया था. वे सोने की एक खान में दो महीने तक फंसे रहे थे. इसके बाद लोगों को उम्मीद थी कि न्यूजीलैंड में भी ऐसा कुछ हो सकेगा लेकिन न्यूजीलैंड के मजदूर इतने किस्मत वाले नहीं निकले.
अधिकारियों का कहना है कि दो धमाकों के बाद अब खान इतनी सुरक्षित नहीं है कि वहां उतर कर मजदूरों की लाशों को बाहर निकाला जा सके. कुछ का कहना है कि हो सकता है कि इन लाशों को कभी बाहर न लाया जा सके. खान से अभी भी थोड़ी बहुत मीथेन गैस रिस रही है.
पाइक रीवर नाम की यह खान दक्षिणी न्यूजीलैंड की आबादी वाले ऐसे इलाके में है, जहां पहले भी इस तरह के हादसे हो चुके हैं. पिछले 115 साल के इतिहास में यहां दो बार बड़े हादसे हुए हैं, जिसमें 100 से ज्यादा मजदूरों की मौत हुई है.
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल
संपादनः ए कुमार