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न्यूयॉर्क एयरपोर्ट पर धमाके की साजिश में दो दोषी करार

३ अगस्त २०१०

अमेरिका की संघीय अदालत ने न्यूयॉर्क के जॉन एफ केनेडी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बम हमले की साजिश में दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. 15 दिसंबर को सुनाया जाएगा फैसला.

तस्वीर: AP

गयाना में पैदा हुए अमेरिकी नागरिक 67 साल के रसेल डेफ्रिटेस, और गयाना के ही अब्दुल कादिर को न्यूयॉर्क के हवाई अड्डे पर इमारतों. ईंधन टैंकरों और पाइपलाइन्स को उड़ाने का षडयंत्र करने के मामले में दोषी पाया गया. फैसला 15 दिसंबर को सुनाया जाएगा. इन दोनों को जून 2007 में गिरफ्तार किया गया था. अभियोजन पक्ष ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा देने की मांग की है.

अमेरिकी अभियोक्ता ने कहा कि डेफ्रिटेस, जो कि एयरपोर्ट पर काम करता था, उसने एयरपोर्ट की पूरी जानकारी और प्लान बनाया, जबकि इंजीनियर कादिर ने जमीनी पाइपलाइन को कैसे उड़ाया जाए, इस तरह की तकनीकी मामलों में सहायता दी.

बचाव पक्ष के वकीलों की दलील थी कि ये दोनों सिर्फ डींग हांक रहे थे और उन्होंने अपनी इस बातचीत पर अमल नहीं किया. जबकि सरकारी वकीलों का दावा है कि डेफ्रिटेस और कादिर ने सिर्फ बातचीत नहीं कि बल्कि इसे अमल में लाने के लिए कदम भी उठाए.

तस्वीर: AP

अधिकारियों का कहना है कि जब इन दोनों को गिरफ्तार किया गया तो इस बम हमले की योजना को अमल में लाने के कोई संकेत उन्हें नहीं मिले.

चार सप्ताह चली सुनवाई में अमेरिका के डिस्ट्रिक्ट जज डोरा इरिजारी ने डेफ्रिटेस का विडियो देखा जिसमें उसने न्यूयॉर्क के जेएफके अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को फिल्माया था. साथ ही उन्होंने इन दोनों का ऑडियो भी सुना.

ये दोनों अपनी योजना जमात अल मुस्लिमीन नाम के एक चरमपंथी गुट को पेश करना चाहते थे. त्रिनिदाद, टोबेगो का ये गुट 1990 के तख्ता पलट में शामिल था. कादिर को वेनेजुएला से ईरान जाते समय उड़ान के दौरान गिरफ्तार किया गया था. उसका दावा था कि वह धार्मिक यात्रा पर जा रहा है.

डेफ्रिटेस की वकील मिल्ड्रेड व्हैलन का कहना है कि उनका मुवक्किल सजा सुनाए जाने के बाद अपील करेगा. व्हेलन का मानना है कि अमेरिकी अधिकारी षडयंत्रकारी पर नजर रखे थे क्योंकि वे अल कायदा के बम एक्सपर्ट अदनान एल शुक्रीजुमाह पर नजर रखे हुए थे.

मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया था, त्रिनिदाद और टोबेगो के करीम इब्राहीम बीमारी के कारण अदालत में हाजिर नहीं हो सके, उन पर बाद में मुकदमा चलाया जा सकता है. वहीं 60 साल के अब्दुल नूर पर आतंकवाद को सहायता देने का दोषी पाया गया था. उसने अपना जुर्म मान लिया. नूर को 15 साल कैद की सजा सुनाई गई है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ओ सिंह

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