वह अमेरिका में दशहत फैलाना चाहता था. लेकिन उसकी साजिश ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को मुसलमानों पर तंज कसने का नया मौका दे दिया.
तस्वीर: Reuters/E. Tobin
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न्यूयॉर्क शहर के उपनगर मैनहटन में दो सबसे व्यस्त मेट्रो स्टेशनों को जोड़ने वाले रास्ते पर सोमवार को धमाका हुआ. कान फाड़ने वाली गूंज के बाद पैसेजवे पर धुआं ही धुआं भर गया. अफरा तफरी में लोग इधर उधर भागने लगे. वहां मौजूद लोगों के जेहन में एक पल के लिए 9/11 की याद ताजा हो गई. कुछ ही पलों बाद सैकड़ों पुलिसवाले वहां पहुंच गए. आस पास की सड़कों को बंद कर दिया गया. सायरन पर सायरन गूंजने लगे.
लेकिन कुछ ही देर बाद पुलिस को घटनास्थल पर सिर्फ एक घायल शख्स मिला. वह लहूलुहान था. उसने जो बम बनाया था, वह पूरी तरह नहीं फटा. हमलावर 27 साल का बांग्लादेशी युवक अकायद उल्लाह है. अकायद उल्लाह यूरोप की तरह अमेरिका में भी क्रिसमस मार्केट को निशाना बनाना चाहता था. जांचकर्ताओं के मुताबिक अकायदा उल्लाह ने स्वीकार किया कि वह सीरिया और अन्य जगहों पर इस्लामिक स्टेट पर हो रहे अमेरिकी हमलों का जबाव अपने बम से देना चाहता था.
जब गाड़ियां लाती हैं मौत
आतंकवादी छोटी बड़ी गाड़ियों को आतंक और मौत ले आने वाले खतरनाक औजार के रूप में बदल देने की नीति अपना रहे हैं और सुरक्षा एजेंसियां लाचार हैं. देखिए यूरोप में कहां कहां हुआ है गाड़ियों से आतंकी हमला.
तस्वीर: Reuters/B. McDermid
मैनहटन
अमेरिका में न्यूयॉर्क शहर के मैनहटन इलाके में एक ट्रक ड्राइवर ने साइकिल और पैदल लेन में घुसकर लोगों को कुचला. इस घटना में 8 लोगों की मौत हो गयी और करीब 11 लोग बुरी तरह से घायल हैं. पुलिस ने संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया है. इसका नाम सेफुलो साइपोव है और इसकी उम्र 29 साल बताई जा रही है.
तस्वीर: Reuters/A. Kelly
बार्सिलोना
17 अगस्त, 2017 की शाम स्पेन के बार्सिलोना में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके में हमलावर ने लोगों पर किराये पर ली वैन चढ़ा दी. आतंकी गुट तथाकथित इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें 13 लोगों की जान चली गयी है और करीब 100 लोग घायल हैं. जांचकर्ता इसे शहर में कई जगहों पर सिलसिलेवार हमले करने की योजना का हिस्सा मानते हैं.
तस्वीर: Imago/E-Press Photo.com
लंदन
4 जून, 2017 की रात लंदन के लिये भयानक रही. लंदन ब्रिज पर एक सफेद वैन ने कई लोगों को टक्कर मारी. ब्रिज पर लोगों को कुचलने के बाद यह वैन पास के बॉरो मार्केट में घुस गई. कार में सवार संदिग्ध बाहर निकले और लोगों पर चाकुओं से हमला किया. हालांकि पुलिस ने जल्द ही संदिग्धों को घेर लिया और गोलीबारी में मार गिराया.
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लंदन
लंदन स्थित ब्रिटिश संसद वेस्टमिंस्टर के पास एक हमलावर ने अपनी कार से फुटपाथ पर जा रहे लोगों को रौंद डाला. मार्च 2017 के इस हमले में एक पुलिसकर्मी समेत चार लोगों की जान चली गयी. हमलावर भी पुलिस की गोली से मारा गया.
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बर्लिन
जुलाई में फ्रांस के नीस में तो दिसंबर में बर्लिन के क्रिसमस मेले में गाड़ी मौत लेकर आई. ट्रक भीड़भाड़ वाले खुले बाजार में घुसा और लोगों को कुचलता हुआ 80 मीटर तक चला. घटना में 12 लोगों की जान गई और 48 लोग घायल हुए.
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नीस
फ्रांस के नीस शहर में सड़कों पर जुटे बास्टिल डे मनाते लोगों को एक ट्रक रौंदता हुआ निकल गया. करीब दो किलोमीटर तक अनगिनत लोगों को कुचलते निकले इस ट्रक की चपेट में आने से अब तक कम से कम 84 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है और बहुत सारे लोग घायल हैं.
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इस्राएल और फलस्तीन
नीस में हमलावर की ये शैली दुनिया में कोई पहली बार नहीं आजमाई गई है. इस्राएल और फलस्तीन के कुछ इलाकों से कारों को लोगों के ऊपर चढ़ाने की कई घटनाएं सामने आई हैं. पिछली अक्टूबर से ही वहां ऐसे हमलों की चपेट में आने से 215 फलीस्तीनी, 34 इस्राएली, दो अमेरिकी, एक एरिट्रियाई और एक सूडानी नागरिक की मौत हुई.
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ब्रिटेन
हाल के सालों में पश्चिमी देशों को इसी किस्म के तीन बड़े हमले झेलने पड़े. दो ब्रिटेन में और एक अन्य हमला कनाडा में हुआ. मई 2013 में नाइजीरियाई मूल के दो इस्लामी कट्टरपंथियों ने अपनी कार को एक ब्रिटिश सैनिक ली रिग्बी पर चढ़ा दिया था. दिन दहाड़े उनका गला काटने की कोशिश भी की. उन्हें ब्रिटिश सेना के हाथों मुसलमानों के मारे जाने पर गुस्सा था.
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कनाडा
लंदन की घटना के करीब 18 महीने बाद कनाडा में भी एक इस्लामी कट्टरपंथी ने एक कनेडियन सैनिक पैट्रिक विंसेंट के ऊपर गाड़ी चढ़ा कर उसे मार डाला और एक अन्य को घायल किया. इसके बाद 25 साल के हमलावर मार्टिन रुले ने खुद पुलिस को फोन कर जिहाद के नाम पर यह हमला करने की बात कही. मार्टिन ने अपना धर्म बदल कर इस्लाम कुबूल किया था.
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स्कॉटलैंड
जून 2007 में दो आदमियों ने अपनी जलती हुई जीप को ले जाकर स्कॉटलैंड के ग्लासगो एयरपोर्ट की मुख्य टर्मिनल बिल्डिंग में घुसा दिया. इनमें से एक हमलावर को आजीवन कारावास की सजा मिली. मामले की सुनवाई कर रहे जज ने हमलावर को "धार्मिक कट्टरपंथी" माना.
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हत्या की प्रेरणा
कई सालों से इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा जैसे आतंकी संगठन कभी वीडियो बनाकर तो कभी सोशल मीडिया पर संदेश भेज कर नए समर्थकों और अनुयायियों से उनके हाथ में जो आए उसी से हमले करने की अपील करते रहे हैं. ऐसे ही संदेशों के कारण कई जगहों पर आम नागरिकों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं बढ़ी हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP
'काफिर' के खिलाफ
सितंबर 2014 में आईएस के 'आक्रमण मंत्री' माने जाने वाले अबु मोहम्मद अल-अदानी ने ये संदेश जारी किया था: "अगर तुम कोई बम नहीं फोड़ सकते, गोली नहीं चला सकते, तो किसी फ्रेंच या अमेरिकन काफिर से अकेले में मिलो और फिर चाहे पत्थर से उसका सिर फोड़ो या चाकू से गला काटो, या कार के नीचे दबा दो."
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अकायद उल्लाह 2011 में अमेरिका आया. अमेरिकी वीजा नियम के तहत अमेरिकी नागरिकों के कुछ रिश्तेदार खास वीजा लेकर अमेरिका आ सकते हैं. अकायद उल्लाह भी ऐसे ही आया. अकायद उल्लाह का नाम और उसका बैकग्राउंड सामने आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने फिर देश की आप्रवासन नीति पर हमला बोला. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "आज एक संदिग्ध आतंकवादी एक्सटेंडेड फैमिली चेन माइग्रेशन की बदौलत हमारे देश में दाखिल हुआ, जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ मेल नहीं खाती." राष्ट्रपति कार्यालय की प्रवक्ता सारा हकाबी सैंडर्स के मुताबिक ट्रंप की प्रस्तावित नीतियां "इस तरह के वाकयों को टाल सकती थीं."
अकायद उल्लाह ने अमेरिका के सबसे व्यस्त मेट्रो सिस्टम में आसानी से घुसपैठ की. उसने पाइप के अंदर एक बम छुपाया और उसके पैसेजवे में लगा दिया. लेकिन बम में योजना मुताबिक धमाका नहीं हुआ. बम सुलगाने की कोशिश के दौरान अकायद उल्लाह ही उसकी चपेट में आ गया. उसके हाथ और पेट का निचला हिस्सा झुलस गया है. सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है.
अधिकारियों के मुताबिक अकायद उल्लाह ने इंटरनेट पर इस्लामिक स्टेट का प्रोपैगंडा देखा था. लेकिन अभी इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि वह इस्लामिक स्टेट के संपर्क में था या अकेला हमलावर था. मैनहटन में हुई घटना के तुरंत बाद बांग्लादेश ने इसकी निंदा की. लेकिन बांग्लादेश के कई लोगों को लग रहा है कि अकायद उल्लाह की इस हरकत के चलते अब उन्हें अमेरिकी प्रशासन की सख्ती का सामना करना पड़ेगा. बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर भी ऐसी बहस छिड़ गयी है.
(कहां कहां से आए अमेरिका में आतंकवादी)
कौन हैं अमेरिका के आतंकवादी
11 सितंबर 2001 के बाद अमेरिका में जितने आतंकवादी मिले, वे कहां के थे? द न्यू अमेरिका फाउंडेशन ने मारे गये या सजा पाये आतंकियों की सूची दी है.