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पंजाब के पॉल ने डेक्कन को डुबोया

१७ अप्रैल २०११

ऑलराउंडर पॉल वल्थाती के शानदार प्रदर्शन की बदौलत किंग्स इलेवन पंजाब ने डेक्कन चार्जर्स को हराया. पॉल ने पहले चार विकेट लिए और बाद में 75 रन की धुआंधार पारी खेली. गिलक्रिस्ट ने कहा, पॉल के आगे हर लक्ष्य छोटा था.

तस्वीर: picture-alliance/ dpa

चेन्नई सुपरकिंग्स के बाद डेक्कन चार्जर्स को हराते हुए पंजाब ने आईपीएल-4 में अपनी स्थिति मजबूत की. शनिवार को डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ पंजाब ने बढ़िया गेंदबाजी और बल्लेबाजी की. लंबे वक्त बाद पंजाब के कप्तान एडम गिलक्रिस्ट का बल्ला भी गरजा. गिली ने पॉल के साथ मिलकर डेक्कन को बहुत मारा.

टॉस जीतकर पंजाब ने गेंदबाजी चुनी. पंजाब के गेंदबाजों ने डेक्कन के बल्लेबाजों को शुरू से ही परेशानी में डाले रखा. पहला विकेट 13 रन पर गिरा. हालांकि दूसरे विकेट के लिए कप्तान कुमार संगकारा और शिखर धवन के बीच 75 रन की साझेदारी हुई. लेकिन इस जोड़ी के टूटते ही विकेटों का पतझड़ लग गया. नियमित अंतराल पर विकेट गिरते चले गए और डेक्कन 20 ओवर में आठ विकेट खोकर सिर्फ 165 रन ही बना सका.

डेक्कन को उम्मीद थी कि स्टार गेंदबाज डेल स्टेन पंजाब को शुरुआती झटके देंगे. लेकिन गिलक्रिस्ट और पॉल वल्थाती के इरादे इसके उलट और बड़े विध्वंसक थे. दोनों ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की. डुमिनी, क्रिस्टियान और गोनी तो अपने चार ओवर भी पूरे नहीं फेंक सके. गिली और पॉल ने पहले विकेट के लिए सिर्फ 14 ओवर में 136 रन जोड़ दिए. मैच का नतीजा यहीं पर तय हो चुका था. बाकी के रन रस्म अदायगी की तरह आराम से आए. गिलक्रिस्ट ने 61 और पॉल ने 75 रन बनाए. इन दोनों के आउट होने के बाद अभिषेक नायर और दिनेश कार्तिक ने एक दो फुलझड़ी जैसे शॉट लगाकर जीत की औपचारिकता पूरी कर दी.

मैन ऑफ द मैच पॉल वल्थाती चुने गए. वल्थाती ने पहले चार ओवर में 29 रन देकर चार विकेट झटके और फिर 75 रन जड़े. उनकी तारीफ में गिलक्रिस्ट ने कहा, ''पहले मैं पॉल को स्ट्राइक देता रहा और बाद मैं वह मुझे स्ट्राइक देते रहे. मैंने पॉल के साथ जमे रहने की कोशिश की. पॉल बेहद ठंडे दिमाग से खेले. लक्ष्य मुश्किल था लेकिन पॉल ने सब कुछ आसान कर दिया.''

क्रिकेटरों के लिए पॉल वल्थाती कोई नया नाम नहीं है. 27 साल यह हरफनमौला 2002 में इरफान पठान और पार्थिव पटेल के साथ अंडर-19 वर्ल्ड कप की टीम में चुना गया. वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ उन्हें आंख पर चोट लगी. इसके बाद वल्थाती कुछ सालों तक क्रिकेट से गायब ही हो गए. 2006 में उन्हें मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलने का मौका मिला, तब से एक जांबाज खिलाड़ी की तरह पॉल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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