बिहार की राजधानी पटना के नेपाली नगर में 70 अवैध निर्माणों पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया है. इस दौरान वहां लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई. झड़प में पुलिसकर्मी और कुछ लोग घायल हो गए.
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पटना के राजीव नगर इलाके के नेपाली नगर में रविवार को जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के दौरान स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. इस झड़प में शहर के पुलिस अधीक्षक (मध्य), पटना समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और एक दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गए. जिला प्रशासन का कहना है कि उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. साथ ही आंसू गैस के गोले भी दागे.
रविवार सुबह प्रशासन ने 20 एकड़ जमीन पर 75 अवैध इमारतों को तोड़ने का काम शुरू किया. करीब एक महीना पहले 95 संरचनाओं को तोड़ने के लिए नोटिस दिया गया था. प्रशासन ने रविवार को अतिक्रमण को हटाने के लिए 17 जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया. प्रशासन का कहना है कि करीब 95 पक्के मकानों का निर्माण सरकारी जमीन पर किया गया था.
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने मीडिया को बताया कि कुछ असामाजिक तत्व उपद्रवियों के साथ प्रदर्शनकारियों में शामिल हो गए और उस समय पथराव किया जब अवैध निर्माण को तोड़ा जा रहा था. उन्होंने कहा, "लगभग 18 असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य की पहचान सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से की जा रही है. मैंने असामाजिक तत्वों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है. मैंने स्थानीय लोगों से भी शांति बनाए रखने की अपील की है."
जिला प्रशासन ने पूरी कार्रवाई में किसी की भी मौत होने से इनकार करते हुए कहा है कि मौत के बारे में अफवाह फैलाई जा रही है, जिसका प्रशासन खंडन करता है. प्रशासन ने अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की थी और जैसे ही उसने कार्रवाई शुरू की लोगों ने पथराव शुरू कर दिया.
नेपाली नगर में रहने वाले लोगों ने अभियान पर सवाल उठाया है. स्थानीय लोगों ने कहा कि अतिक्रमण के नाम पर उनके घरों को क्यों तोड़ा जाएगा जबकि उन्होंने घरों के लिए नगर निगम को टैक्स चुकाया है और यहां तक कि बिजली कनेक्शन और अन्य सुविधाएं भी हासिल की हैं.
भारत में इन मुद्दों से खड़ा हुआ विवाद
भारत में बीते कुछ अर्से से हर रोज एक नया विवाद जन्म ले रहा है. ज्यादातर विवाद दो धर्मों के बीच होते हैं. खान-पान, पहनावा और प्रार्थना स्थल को लेकर देश के कई हिस्सों में विवाद पैदा हो चुके हैं.
तस्वीर: Anushree Fadnavis/REUTERS
कर्नाटक का हिजाब विवाद
जनवरी 2022 में कर्नाटक के उडुपी में एक कॉलेज में छह छात्राओं के हिजाब पहनकर आने से रोकने पर विवाद खड़ा हो गया था. कॉलेज प्रशासन ने लड़कियों को हिजाब पहनकर कॉलेज में आने से मना कर दिया. जिसके खिलाफ लड़कियों ने विरोध प्रदर्शन किया. मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है.
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मस्जिदों के लाउडस्पीकर पर मचा शोर
महाराष्ट्र में अप्रैल के महीने में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों में प्रार्थनाओं की आवाज को सीमा के भीतर रखने को लेकर अभियान चलाया था. उन्होंने कहा था कि अगर मस्जिदों ने ऐसा नहीं किया तो उनके समर्थक विरोध जताने के लिए मस्जिदों के बाहर हिंदू मंत्रोच्चार करेंगे. महाराष्ट्र की करीब 900 मस्जिदों ने अजान की आवाज कम करने की सहमति दी थी.
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उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकरों पर कार्रवाई
उत्तर प्रदेश में सभी धार्मिक स्थलों से करीब 1.29 लाख लाउडस्पीकर उतारे गए या फिर उनकी आवाज को तय मानकों के मुताबिक कम किया गया. यूपी सरकार ने 23 अप्रैल को धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने के आदेश जारी किए थे. इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश पर राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में यह अभियान चलाया. सरकारी कार्रवाई मंदिर, मस्जिद और अन्य संस्थानों के लाउडस्पीकरों पर हुई.
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हिंसक घटनाएं
रामनवमी और हनुमान जयंती के दौरान दो समुदायों के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़प हो गई थी. दिल्ली के जहांगीरपुरी में दो समुदायों के बीच झड़प हुई और माहौल तनावपू्र्ण हो गया. इसके अलावा मध्य प्रदेश के खरगोन, मुंबई की आरे कॉलोनी में एक धार्मिक यात्रा के दौरान दो समुदायों के लोगों के बीच हिंसा हुई. कर्नाटक के हुबली में भी एक व्हाट्सऐप संदेश को लेकर बवाल मच गया था.
तस्वीर: Charu Kartikeya/DW
बुलडोजर पर सवाल
उत्तर प्रदेश में हाल के महीने में कई मामले सामने आए जिनमें ऐसे आरोपियों के घर पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया जिनका नाम किसी तरह के मामले में दर्ज हुआ. बुलडोजर चलाने को लेकर सवाल भी खड़े हुए और मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा. कोर्ट में यूपी सरकार ने हलफनामा देकर कहा कि नियमों के मुताबिक कार्रवाई की गई है.
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यूपी की तर्ज पर एमपी में भी बुलडोजर चला
मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर दंगों के बाद प्रशासन ने कई मकान और दुकानों पर बुलडोजर चलवाकर तोड़ दिया. खरगोन प्रशान ने दंगों के एक दिन बाद 12 अप्रैल को कम से 45 मकानों और दुकानों पर बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की थी. यहां भी सवाल उठे कि बिना नोटिस के प्रशासन ने कार्रवाई क्यों की.
तस्वीर: Charu Kartikeya/DW
पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी
एक टीवी बहस के दौरान बीजेपी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की जिसके बाद अरब जगत से इस पर विरोध दर्ज कराया गया. इसके बाद बीजेपी ने नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निकाल दिया और बयान से किनारा कर लिया. टिप्पणी के विरोध में कई जगहों पर हिंसक घटनाएं हुईं.
तस्वीर: Vipin Kumar/Hindustan Times/imago
मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी
दिसंबर 2021 में हरिद्वार में एक धर्म संसद हुई थी और इस धर्म संसद में देश के मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए गए. इस धर्म संसद में हिंदू राष्ट्र की स्थापना की बात कही गई और मीडिया और कोर्ट के खिलाफ भी आपत्तिजनक बयान दिए गए थे.
तस्वीर: Hindustan Times/imago images
कन्हैयालाल का कत्ल
राजस्थान के उदयपुर में 28 जून को एक दर्जी कन्हैयालाल को इस सिर्फ दो मुसलमान व्यक्तियों ने धारदार हथियार से मार डाला क्योंकि उन्होंने नूपुर शर्मा के समर्थन में व्हॉट्सऐप स्टेटस लगाया था. कन्हैयालाल इस मामले में गिरफ्तार हो चुके थे और शिकायतकर्ता और उनके बीच पुलिस ने समझौता करा लिया था, उन्होंने पुलिस से जान मारने की धमकी मिलने की शिकायत की थी. हत्या के विरोध में राजस्थान में तनाव का माहौल बन गया.