पटरी पर लौटे भारतीय अरबपति, मुकेश सबसे ऊपर
३० सितम्बर २०१०दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल भारत के आर्थिक रथ का बढ़ना जारी है और साथ ही जारी है इसके अमीरों की अमीरी का बढ़ना. हालांकि कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारियों को लेकर इस बात पर सवाल उठने लगे कि भारत में आधारभूत ढांचे की हालत अच्छी नहीं है, लेकिन देश के बड़े उद्योगपतियों ने उसी आधारभूत ढांचे में काम करते हुए आगे बढ़ना जारी रखा है.
तेजी से बढ़ते शेयर बाजार और लगभग 8.5 फीसदी की दर से बढ़ती अर्थव्यवस्था का ही नतीजा है कि इसके 100 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति में तगड़ा इजाफा हुआ है. उनमें से 69 तो अरबपति हो गए हैं.
भारत के चार सबसे अमीर लोगों की कुल संपत्ति 86 अरब डॉलर है. हालांकि तीन साल पहले इन चार लोगों की कुल संपत्ति 180 अरब डॉलर हो गई थी. लेकिन मुकेश अंबानी लगातार तीसरे साल भी पहले नंबर पर बने हुए हैं. उनके बाद नंबर है ब्रिटेन में रहने वाले लक्ष्मी मित्तल का. हालांकि दोनों की संपत्ति एक साल पहले से कम हुई है. विप्रो के अजीम प्रेमजी अनिल अंबानी को पछाड़कर तीसरे नंबर पर आ गए हैं. अनिल अंबानी इस साल छठे नंबर पर खिसक गए हैं.
इस साल सबसे ज्यादा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वह है मीडिया मुगल बनने की ओर अग्रसर कलानिधि मारन को. हाल ही में उन्होंने स्पाइस जेट एयरलाइंस में हिस्सेदारी खरीदी. इससे उनकी कुल संपत्ति में 74 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
इस साल अमीरों की जो लिस्ट जारी हुई है वह बताती है कि नए लोग तेजी से इसमें शामिल हो रहे हैं. 2008 में भारत के अमीरों को बड़ा झटका लगा. तब पहले 100 में सिर्फ 27 अरबपति रह गए. लेकिन अब भारत में वृद्धि का दूसरा दौर शुरू होता दिखाई दे रहा है. इस दशक की शुरुआत में आया पहला दौर अगर आईटी, स्टील और ऊर्जा क्षेत्र के लोगों का था तो अब दवा उद्योग और प्रॉपर्टी बिजनस पैसा उगल रहा है.
हालांकि विजय माल्या एक अलग क्षेत्र यानी शराब उद्योग से हैं. वह 44 नंबर पर पहुंच गए हैं. उनकी संपत्ति 1.45 अरब डॉलर हो गई है. मंदी की मार झेलने के बाद एयरलाइंस उद्योग अब वापसी कर रहा है और इसका फायदा नरेश गोयल को हुआ है. उनकी संपत्ति 1.2 अरब डॉलर हो गई है और वह 52वें नंबर पर हैं.
लेकिन कुछ अरबपतियों का नुकसान अब भी जारी है. कभी रीयल एस्टेट के बादशाह रहे डीएलएफ के मालिक कुशलपाल सिंह अपनी एक तिहाई संपत्ति खो चुके हैं. हीरो ग्रुप के बृजमोहन लाल मुंजाल को भी कुछ नुकसान हुआ है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा