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पढ़ाई के लिए भारत आ रहे हैं अमेरिकी छात्र

१७ नवम्बर २००९

अब उच्च शिक्षा के लिए सिर्फ़ भारतीय छात्र ही अमेरिका का रूख़ नहीं कर रहे हैं बल्कि बहुत से अमेरिकी छात्र भारत भी पहुंच रहे हैं. पिछले साल तीन हज़ार से ज़्यादा अमेरिकी छात्रों ने उच्च शिक्षा के लिए भारत का रुख़ किया.

चलो इंडियातस्वीर: DW / Ljiljana Pirolic

अमेरिका में सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक़ 2007-2008 में कम से कम 3,150 अमेरिकी छात्र पढ़ाई के लिए भारत पहुंचे, जो इससे एक साल पहले की तुलना में 20 प्रतिशत ज़्यादा हैं. अमेरिकी छात्रों में भारत को लेकर बढ़ते क्रेज़ की वजह वहां होता तेज़ आर्थिक विकास और दुनिया के मंच पर भारत की बढ़ती अहमियत है.

ओपन डोर 2009 नाम की लिस्ट में भारत को 17वां स्थान दिया गया है. इसमें सबसे ऊपर ब्रिटेन है जहां पढ़ाई के लिए 33,333 अमेरिका छात्र गए. इसके बाद इटली (30,670), स्पेन (25,212), फ़्रांस (17,336) और चीन (13,165) का नंबर आता है. इस बारे में की गई स्टडी बताती है कि अकादमिक वर्ष 2007-2008 के दौरान विदेशों में पढ़ाई करने वाले अमेरिकी छात्रों की संख्या 8.5 प्रतिशत बढ़कर 262,416 हो गई है.

यूरोप अब भी पहली पसंद

वैसे अमेरिकी छात्रों को अपनी तरफ़ खींचने वाले चार बड़े देश ब्रिटेन, इटली, स्पेन और फ़्रांस पश्चिमी यूरोप के ही हैं. लेकिन ओपन डोर का कहना है कि अमेरिकी छात्रों के लिए पढ़ाई की पसंदीदा 25 जगहों में से 15 पश्चिमी यूरोप से बाहर हैं. इनमें 19 देश ऐसे हैं जहां बोलचाल कि भाषा अंग्रेज़ी नहीं है. 2007-2008 में पढ़ाई के लिए अफ़्रीका जाने वाले अमेरिकी छात्रों की संख्या में 18 प्रतिशत, एशिया जाने की संख्या में 17 प्रतिशत और लैटिन अमेरिका जाने वाले छात्रों की संख्या में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा मोंढे

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