पतंगबाजों के शौक की कीमत चुकाते पंछी
३० अगस्त २०१९इस महीने में चीनी मांझे के साथ पतंग उड़ाने की वजह से पक्षियों के लिए संकट की घड़ी रही और इन्हें बचाए जाने की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई. दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के कर्मियों द्वारा इस महीने 28 अगस्त तक कुल 717 पक्षियों को बचाया गया.
अधिकारियों के अनुसार, चीनी मांझे के व्यापक उपयोग के कारण इस महीने अधिक पक्षी घायल हुए हैं. जुलाई में जहां इस तरह के 222 मामले सामने आए थे, वहीं अगस्त में इनकी संख्या बढ़कर 717 हो गई. इससे पहले के पांच महीनों में पक्षियों के घायल होने के लगभग 200 मामले सामने आए थे.
डीएफएस प्रमुख अतुल गर्ग के मुताबिक, अगस्त में मांझे में उलझकर पक्षियों के गंभीर रूप से घायल होने के मामले बढ़े हैं क्योंकि स्वतंत्रता दिवस के आसपास ज्यादा लोग पतंग उड़ाते हैं. 15 अगस्त और रक्षाबंधन के ही दिन दिल्ली में अपनी बहनों के साथ स्कूटी से जा रहे एक युवक की मांझे से कटकर मौत भी हो गई.
गर्ग ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, "हम हमारे पास आई प्रत्येक कॉल पर पक्षियों के बचाव की कोशिश करते हैं." उन्होंने कहा कि पक्षियों के घायल होने की वास्तविक संख्या इससे बहुत अधिक हो सकती है क्योंकि कई अन्य एजेंसियां भी पक्षियों के साथ अन्य जानवरों को बचाने का काम करती हैं."
शहर के सबसे पुराने पक्षी अस्पतालों में से एक चांदनी चौक स्थित चैरिटी बर्ड अस्पताल में 13 से 15 अगस्त के बीच 700 से अधिक ऐसे मामले देखने को मिले. इनमें से 200 से अधिक पक्षियों की मौत हो गई.
अस्पताल में एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "हमें लगभग 750 घायल पक्षी मिले. इनमें से 700 से अधिक चीनी मांझे के साथ कांच और अन्य धातुओं के कारण घायल हुए थे. लगभग 20-25 पक्षियों को अन्य प्रकार की चोटें आईं. मांझे की वजह से घायल हुए 200 से अधिक पक्षियों की मौत हो गई, क्योंकि इन्हें गंभीर चोटें आई थीं."
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आईएएनएस