दुनिया भर में चल रहे उठा पटक की खबर लोगों तक पहुंचाने वाले कम से कम 70 पत्रकारों ने 2013 में काम के दौरान अपनी जान गंवाई. 'कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट' संस्था के अनुसार 29 सीरिया के गृह युद्ध में और 10 इराक में मारे गए.
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सीरिया में मारे गए पत्रकारों में ज्यादातर वहां के क्षेत्रीय पत्रकार हैं जो अपने शहरों के हालात दुनिया भर के मीडिया संस्थानों तक पहुंचा रहे थे. इसके अलावा कुछ विदेशी पत्रकार भी सीरिया में मारे गए जिनमें एक बंदूकधारी की गोली का निशाना बने अल जजीरा के रिपोर्टर मुहम्मद अल मेसलमा का नाम भी शामिल है.
छह पत्रकार मिस्र में संघर्ष के दौरान मारे गए. इनमें से आधे 14 अगस्त को मुर्सी के समर्थकों पर सुरक्षा कर्मचारियों की कार्यवाही के दौरान रिपोर्टिंग करते हुए मारे गए.
पत्रकार संगठन के उपनिदेशक रॉबर्ट मेहोनी ने एक बयान में कहा, "मध्यपूर्व पत्रकारों के लिए मौत का गढ़ बनता जा रहा है. कुछ इलाकों में रिपोर्टिंग के दौरान मरने वाले पत्रकारों की संख्या में कमी आई है. लेकिन सीरिया के गृह युद्ध और इराक में दोबारा पनपे सांप्रदायिक हमलों की वजह से स्थिति खेदजनक है." उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग की है कि वह सभी सरकारों और सेनाओं पर दबाव डाले कि वे पत्रकारों की असैनिक हैसियत का सम्मान करें और उनके हत्यारों पर मुकदमा चलाएं.
संस्था की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2012 में जहां काम के दौरान मरने वाले पत्रकारों की संख्या 74 थी वहीं 2013 में इस संख्या में कमी आई है. लेकिन 2013 की सूची में 25 अन्य पत्रकारों की मौत को फिलहाल शामिल नहीं किया गया है. संस्था इस बात का पता लगा रही है कि क्या इनकी मौत इनके काम की वजह से हुई.
तबाह होती सीरिया की ऐतिहासिक धरोहर
2011 में विद्रोह के साथ शुरू हुई लड़ाई सीरिया में गृह युद्ध की शक्ल ले चुकी है. इस हिंसक माहौल में हजारों जानों के साथ देश की ऐतिहासिक इमारतें भी नष्ट हो रही है. इस बारे में यूनेस्को ने हाल में एक रिपोर्ट जारी की...
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संस्कृति के बिना समाज अधूरा
पिछले चार हजार साल में बेबीलोन, मिस्र, पर्शियाई, ग्रीक और रोमन सभ्यताओं का प्रभाव सीरिया पर रहा. आज यहां इस काल की कई इमारतें गृह युद्ध के कारण खतरे में पड़ गई हैं. संयुक्त राष्ट्र के सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को ने इस बारे में ताजा रिपोर्ट जारी की है.
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अलेपो का ऐतिहासिक केन्द्र
इस साल जून में यूनेस्को ने कहा कि सीरिया की छह विश्व धरोहरें खतरे में हैं. इनमें अलेपो का केंद्र भी शामिल है. भूमध्यसागर इलाके में यह एक सांस्कृतिक केंद्र रहा है.
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खाक हुआ बाजार
अलेपो का यह बाजार सांस्कृतिक धरोहर में इसलिए शामिल किया गया क्योंकि यह मध्यपूर्व का सबसे बड़ा ढंका हुआ बाजार है. 350 हेक्टेयर के इलाके की कई गलियों में कई सौ दुकानें हैं. इस ऐतिहासिक बाजार के आसपास की पांच किलोमीटर लंबी दीवार भी इसे नहीं बचा पाई. 2012 में संघर्ष के दौरान यहां आग से भारी नुकसान हुआ.
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किले पर कब्जा
सीरिया में जारी गृह युद्ध के दौरान सांस्कृतिक धरोहर रणनीतिक ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल की जा रही हैं. इसमें अलेपो के पास की पहाड़ी पर बना यह किला भी शामिल है. सिकंदर महान के बाद के सेल्युसिड साम्राज्य में यह किला बनाया गया था, वह भी ईसा पूर्व चौथी सदी में.
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धमाकों से उजड़ा दमिश्क
दमिश्क का पुराना शहर भी यूनेस्को की विश्व धरोहरों की सूची में शामिल था. असद सरकार के खिलाफ विद्रोह शुरू होने से पहले दुकानों, रेस्तरां, मस्जिद और गिरिजाघर वाला ये इलाका यहां का मुख्य आकर्षण था. जून में हुए धमाकों में पहली बार इस धरोहर को नुकसान पहुंचा.
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बुलेट से छलनी आर्क
रेगिस्तान में बसा पालमिरा का शहर भी खतरे से जूझ रहा है. यहां का मशहूर आर्क अभी खड़ा है. पालमिरा आर्किटेक्चर के लिए जाना जाता है. रोमन सम्राट सेप्टिमियस सर्वियस के दौर में बने इस आर्क और बाल मंदिर की दीवारों पर गोलियों के निशान हैं.
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विद्रोहियों का अड्डा?
मध्यकाल का क्राक दे कावालिए किला होम्स गैप में है और यह भी हिंसाग्रस्त इलाका है. येरुशलम की ओर जाने वाले धर्मयोद्धा पहली बार इस किले में 1099 में पहुंचे. इस वक्त यह किला सरकार और विद्रोहियों के विवाद में फंसा है. विद्रोहियों का दावा है कि इस पर सीरियाई वायुसेना ने बमबारी की. संदेह है कि विद्रोही इसे अपने अड्डे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं.
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बुसरा की रंगशाला अब खंडहर
किसी समय बुसरा में रोमन काल का यह थिएटर दुनिया भर में मशहूर था. संगीतकार इसकी वास्तु में बसी ध्वनि तकनीक के कायल रहे हैं. लेकिन हिंसा के दौरान इसे भी नुकसान पहुंचा है.
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ऐतिहासिक मृत शहर भी लुटे
'डेड सिटीज' यानी मृत शहर के नाम वाले ये इलाके संयुक्त राष्ट्र की विश्व धरोहर में शामिल हैं. उत्तरी सीरिया इन गांवों में बायजेन्टिन काल के कुछ घर हैं. तो जेरदा में भी कुछ पुरानी इमारते हैं. गृहयुद्ध शुरू होने से पहले ये अच्छे से संरक्षित थे. लेकिन अब कुछ आग से ध्वस्त हो गए हैं तो कुछ को लूट लिया गया है.
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लुटे संग्रहालय
सीरिया के संग्रहालय भी खतरे में हैं. 2011 से अब तक दमिश्क और अलेपो के कई प्रमुख संग्रहालयों से कीमती सामान सीरिया के केन्द्रीय बैंक में पहुंचाया जा चुका है. लेकिन कई अभी भी खतरे में हैं.
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सीरियाई धरोहरों का संरक्षण
यूनेस्को उन कीमती सामानों की लिस्ट बना रहा है जिनकी लूटपाट हुई है. कस्टम अधिकारियों और कला का व्यवसाय करने वाले लोगों को चेतावनी दी जा रही है कि इन सामानों की अंतरराष्ट्रीय तस्करी पर पैनी नजर रखें.
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संघर्ष वाले इलाकों में मारे गए पत्रकारों के अलावा कई देशों में संवेदनशील मामलों की छानबीन कर रहे पत्रकारों की हत्या के मामले भी सामने आए. ब्राजील, कंबोडिया, फिलीपींस, भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और रूस में पुलिस के खराब बर्ताव, राजनीतिक भ्रष्टाचार और नशे की तस्करी जैसी कई अन्य घटनाओं में पत्रकारों ने जानें गंवाईं.
माली के किडाल इलाके में तुआरेग अलगाववादियों के नेता से मुलाकात के बाद रेडियो फ्रांस इंटरनेशनल के दो पत्रकारों की हत्या कर दी गई. लगभग दस सालों में पहली बार मेक्सिको में किसी पत्रकार को अपने काम के लिए जान नहीं गंवानी पड़ी.
न्यूयॉर्क की संस्था कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट 1992 से हर साल मरने वाले पत्रकारों और प्रसारकों की मौत का ब्यौरा जमा करने का काम कर रही है. ज्यादातर मामलों में मरने वाले पत्रकारों में उनकी संख्या ज्यादा पाई गई जो वहीं रिपोर्टिंग कर रहे हैं जहां वे खुद रहते हैं. 2013 में भी ऐसे ही परिणाम सामने आए हैं. रिपोर्ट के अनुसार अब तक सीरिया में जारी हिंसा की रिपोर्टिंग कर रहे 63 पत्रकार जान गंवा चुके हैं. तीस ऐसे भी हैं जिनकी कोई खबर नहीं.