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'पत्रकार की हत्या के पीछे आईएसआई'

५ जुलाई २०११

अमेरिकी अधिकारियों को शक है कि आतंकवादियों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संबंध उजागर करने वाले पत्रकार की हत्या आईएसआई ने ही करवाई है. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक आईएसआई ने ही पत्रकार की हत्या कराने का आदेश दिया.

तस्वीर: ap

प्रतिष्ठित अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने दो वरिष्ठ अमेरिका अधिकारियों के हवाले से कहा है कि पत्रकार सलीम शहजाद की हत्या के पीछे आईएसआई का हाथ है. रिपोर्ट के मुताबिक खुफिया सूत्रों से यह बात पता चली है कि आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने शहजाद की हत्या के आदेश दिए.

अमेरिकी खुफिया विभाग के अधिकारी ने अखबार से कहा, "हर संकेत बताता है यह सोच समझकर की गई हत्या थी ताकि पाकिस्तान के पत्रकारों और आम समाज को आघात लगे." दूसरे अमेरिकी अधिकारी ने भी शहजाद के लिए आईएसआई को जिम्मेदार माना. अधिकारी ने पड़ोसी अफगानिस्तान और विवादित कश्मीर के इस्लामी आतंकवादियों से आईएसआई के संबंधों को 'बर्बर और अस्वीकार्य' करार दिया.

तस्वीर: dapd

आईएसआई ने इन दावों को 'आधारहीन' बताया है. माना जा रहा है कि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट और अमेरिकी अधिकारियों के रुख से पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों में कड़वाहट बढ़ेगी. अमेरिकी जासूस रेमंड डेविस की गिरफ्तारी व रिहाई और एबटाबाद ऑपरेशन के बाद से ही पाकिस्तान और अमेरिका के संबंध तनावपूर्ण हैं.

शहजाद इटली की न्यूज एजेंसी और हॉन्ग कॉन्ग की न्यूज वेबसाइट के लिए काम करते थे. जून में वह एक टेलीविजन शो की शूटिंग के लिए निकले और फिर उनका कोई अता पता नहीं चला. कुछ दिनों बाद इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में उनका शव मिला और उनके शरीर पर यातनाओं और चोटों के निशान मिले.

ह्यूमन राइट्स वाच के दक्षिण एशिया के सीनियर रिसर्चर अली डयान हसन के मुताबिक शहजाद ने हाल ही आईएसआई से जान को खतरा भी बताया था. 40 वर्षीय पत्रकार से इस संबंध में शिकायत की. हसन भी आरोप लगाते हैं कि आईएसआई पहले भी इस तरह की वारदातों में शामिल रही है.

मौत से ठीक पहले शहजाद ने पाकिस्तानी नौसेना बेस पर हुए हमले के संबंध में एक रिपोर्ट छापी. रिपोर्ट में कहा गया है कि हमला अल कायदा ने किया. पाकिस्तानी नौसेना के कुछ अधिकारियों को अल कायदा से संबंध के शक में गिरफ्तार किया गया, रिपोर्ट के मुताबिक अल कायदा ने इसी का बदला लिया.

पाकिस्तान सरकार ने शहजाद के अपहरण और मर्डर के जांच के आदेश दिया है. लेकिन साथी की मौत से गुस्साए पत्रकारों का कहना है कि शहजाद से पहले मारे गए मीडियाकर्मियों की मौत की जांच में आज तक कुछ नहीं निकला है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़

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