आरोप रूस पर लगा था, अब पता चला कि दक्षिणी इंग्लैंड में जहरीली गैस नोविचोक की वजह से मारी गई महिला की मौत एक घातक गलती की वजह से हुई. महिला के दोस्त ने नोविचोक की बोतल परफ्यूम समझकर उसे दी थी.
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नोविचोक शिकार चार्ली रावली खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि वे जिंदा हैं लेकिन अपनी पार्टनर की मौत का सदमा उन्हें सालता रहेगा. कुछ हफ्ते पहले अज्ञात जहर के संपर्क में आने के बाद दो लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया था. बाद में पता चला कि वे युद्धक सामग्री नोविचोक के संपर्क में आए थे. महिला की कुछ दिनों बाद 8 जुलाई को अस्पताल में मौत हो गई जबकि उसका दोस्त इस बीच रिलीज हो चुका है, लेकिन अभी भी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हुआ है. उसने 'द सन' अखबार को बताया कि उसे एक छोटी कॉस्मैटिक बोतल मिली जिसे उसने उठा लिया और अपनी दोस्त को प्रेजेंट कर दिया. अब उसे इस बात का बहुत अफसोस है और उसे जिंदगी भर नहीं भुला पाएगा.
जांच अधिकारियों को नर्व गैस की छोटी बोतल एम्सबरी के उनके फ्लैट से मिली. इसे इस जोड़े ने परफ्यूम समझा था. अब तक इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि वह बोतल उनके फ्लैट तक कैसे पहुंची. अधिकारी इस संभावना से इंकार नहीं कर रहे हैं साल्सबरी के इलाके में और चीजें या जगहें नोविचोक से संक्रमित हो सकती हैं. उन्होंने लोगों को चेतावनी दी है कि जमीन पर गिरी कोई अनजान चीज न उठाएं.
जांच अधिकारियों का मानना है कि ये मामला रूसी डबल एजेंट सेर्गेई स्क्रिपाल और उनकी बेटी जूलिया पर हुए जहरीले गैस के हमले से जुड़ा है. उन्हें गत मार्च में साल्सबरी के एक पार्क में एक बेंच पर बेहोश अवस्था में पाया गया था. यह जगह आम्सबरी से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है. चिकित्सीय देखभाल की बाद उनकी जान बच गई थी. ब्रिटिश सरकार ने रूस पर हमले में शामिल होने का आरोप लगाया और उसके बाद कई पश्चिमी देशों ने बहुत से रूसी राजनयिकों को अपने यहां से निकाल दिया.
नोविचोक का विकास पूर्व सोवियत संघ में हुआ था. बाद में कई दूसरे देशों ने भी इस युद्धक सामग्री के साथ परीक्षण किए. क्रेमलिन ने आरोपों को ठुकरा दिया, लेकिन उसके बाद गंभीर राजनयिक संकट पैदा हो गया. इस रिपोर्ट की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है कि पुलिस ने एक कथिक रूसी संदिग्ध की पहचान कर ली है.
एमजे/एके (डीपीए, एएफपी)
नर्व एजेंट की एबीसी
2018 में रूस के पूर्व जासूस सेरगेई स्क्रिपाल और उनकी बेटी पर नर्व एजेंट से हमला किया गया था. नर्व एजेंट आखिर होता क्या है और कैसे शरीर पर असर करता है?
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क्या होता है नर्व एजेंट?
नर्व एजेंट ऐसे जहरीले रसायन हैं जो सीधे नर्वस सिस्टम यानि तंत्रिका तंत्र पर असर करते हैं. ये दिमाग तक जाने वाले संकेतों को रोक देते हैं, जिससे शरीर ठीक तरह से काम करना बंद कर देता है. इसका असर सबसे पहले मांसपेशियों पर लकवे के रूप में देखने को मिलता है.
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कैसा दिखता है?
यह पाउडर के रूप में भी होते हैं और गैस के भी, लेकिन ज्यादातर द्रव का इस्तेमाल किया जाता है, जो भाप बन कर उड़ जाता है. अक्सर यह गंधहीन और रंगहीन होता है, इसलिए किसी तरह का शक भी नहीं होता.
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कैसे दिया जाता है?
यह भाप अगर सांसों के साथ शरीर के अंदर पहुंचे, तो कुछ सेकंडों में ही अपना असर दिखा सकती है. कई बार द्रव को त्वचा के जरिये शरीर में भेजा जाता है. ऐसे में असर शुरू होने में कुछ मिनट लग जाते हैं.
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कैसा होता है असर?
नर्व एजेंट के संपर्क में आने वाले व्यक्ति को फौरन ही सांस लेने में दिक्कत आने लगती है. आंखों की पुतलियां सफेद हो जाती हैं, हाथ-पैर चलना बंद कर देते हैं और व्यक्ति कोमा में पहुंच जाता है. ज्यादातर मामलों में कुछ मिनटों में ही व्यक्ति की मौत हो जाती है.
जहर देने के तरीके
कई बार इन्हें खाने में या किसी ड्रिंक में मिला कर दिया जाता है. लेकिन ऐसे में असर देर से शुरू होता है. ऐसे भी मामले देखे गए हैं जब इन्हें सीधे व्यक्ति पर स्प्रे कर दिया गया हो. इससे वे सीधे त्वचा के अंदर पहुंच जाते हैं.
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क्या है इलाज?
जहर को जहर काटता है. इसके असर को कम करने के लिए एक एंटीडोट दिया जा सकता है लेकिन जरूरी है यह जल्द से जल्द दिया जाए. एंटीडोट देने से पहले यह पता लगाना भी जरूरी है कि किस प्रकार का नर्व एजेंट दिया गया है.
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किस प्रकार के होते हैं?
नर्व एजेंट को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. जी-एजेंट, वी-एजेंट और नोविचोक. शुरुआत 1930 के दशक में हुई जब सस्ते कीटनाशक बनाने के चक्कर में एक घातक जहर का फॉर्मूला तैयार हो गया और यह जर्मन सेना के हाथ लग गया.
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क्या है जी-एजेंट?
'जी' इसलिए क्योंकि यह जर्मनी में बना. 1936 में सबसे पहला जी-एजेंट जीए बना. उसके बाद जीबी, जीडी और जीएफ तैयार किए गए. जीबी को ही सारीन के नाम से भी जाना जाता है. अमेरिका युद्ध की स्थिति में रासायनिक हथियार के रूप में इसका इस्तेमाल कर चुका है.
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क्या है वी-एजेंट?
दूसरे विश्व युद्ध के बाद रूस, अमेरिका और ब्रिटेन ने भी नर्व एजेंट बनाना शुरू किया. ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने 1950 के दशक में वीएक्स तैयार किया. वीएक्स के अलावा वीई, वीजी, वीएम और वीआर भी हैं लेकिन वीएक्स सबसे घातक है.
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क्या है नोविचोक?
रूसी भाषा में नोविचोक का मतलब है नया. इन्हें 70 और 80 के दशक में सोवियत संघ में बनाया गया था. इनमें से एक ए-230, वीएक्स की तुलना में पांच से आठ गुना ज्यादा जहरीला होता है और मिनटों में जान ले सकता है.
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कैसे ट्रांसपोर्ट होते हैं?
यह इतने जहरीले होते हैं कि इन्हें ले जाने वाले पर भी खतरा बना रहता है. जरा सा संपर्क भी जानलेवा साबित हो सकता है. इसलिए इनके लिए खास तरह की शीशी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे कस कर बंद किया जाता है. साथ ही ट्रासंपोर्ट करने वाला खास तरह के कपड़े भी पहनता है.
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कहां से आया?
नर्व एजेंट कोई आम जहर नहीं है जिसे घर पर बना लिया जाए. यह सैन्य प्रयोगशालाओं में बनाया जाता है और हर एक फॉर्मूले में थोड़ा बहुत फर्क होता है. इसलिए हमले के मामले में पता किया जाता है कि फॉर्मूला कौन से देश का है. इसके अलावा जिस शीशी या कंटेनर में जहर लाया गया, उसकी बनावट से भी पता किया जाता है.
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कितना असरदार?
नर्व एजेंट के हमले के बाद बचने की संभावना बहुत ही कम होती है. हालांकि खतरा कितना ज्यादा है, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि जहर किस मात्रा में दिया गया है.