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परमाणु दुर्घटना के बाद जापान आर्थिक संकट के साए में

८ अप्रैल २०११

जापान में 7.4 की तीव्रता वाले नए भूकंप के बाद एक रिएक्टर से रेडियोधर्मी पानी का रिसाव जरूर हुआ है, लेकिन दुर्घटनाग्रस्त फुकुशिमा रिएक्टरों को नया नुकसान नहीं पहुंचा है. पर बिजली की कमी की वजह से कारखाने बंद करने पडे है.

ओनागावा परमाणु बिजलीघरतस्वीर: dapd

इस बीच चीन ने कहा कि वह जापान के परमाणु संयंत्र से समुद्र में रेडियोधर्मी पानी छोड़े से वह चिंतित है.

जापान सरकार के एक वक्तव्य में कहा गया है कि देश का आर्थिक जगत भूकंप, सूनामी और रिएक्टर दुर्घटना के बाद भयानक दबाव में है. खास कर बिजली की आपूर्ति में कठिनाई पैदा हो गई है. सरकार ने बड़े उद्यमों से कहा है कि वे गर्मी के महीनों के दौरान अपनी बिजली की खपत में 25 फीसदी की कटौती करें.

इस बीच स्थानीय समय के अनुसार गुरुवार रात को आए भूकंप के बाद सोनी सहित दो कंपनियों को बिजली की कमी के कारण अपना उत्पादन बंद कर देना पड़ा है. देश के उत्तर पूर्व में ओनागावा परमाणु बिजलीघर में रेडियोधर्मी पानी का रिसाव हुआ है, लेकिन रिएक्टर के बाहर बहने वाले पानी की मात्रा 3.8 लीटर के बराबर कही गई है. माना जा रहा है कि यहां किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका नहीं है. सुनामी की चेतावनी के बाद फुकुशिमा से कर्मियों को हटा लिया गया था, लेकिन संयंत्र को चलाने वाली टेपको कंपनी की ओर से कहा गया है कि नए भूकंप से दुर्घटनाग्रस्त रिएक्टरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. अंतरराष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी के परमाणु सुरक्षा विभाग के प्रधान डेनिस फ्लोरी ने कहा है कि फुकुशिमा संयंत्र की हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई है, लेकिन कुछ एक क्षेत्रों में प्रगति हुई है. खास कर बिजलीघर के आसपास के क्षेत्रों में रेडियोधर्मी विकिरण की मात्रा में काफी कमी आई है.

टेपको के अधिकारियों ने कहा है कि रिएक्टरों पर नियंत्रण पाने में महीनों लग सकते हैं, जबकि बिजलीघर व आसपास के इलाकों को रेडियोधर्मिता से मुक्त करने में सालों लग जाएंगे. फिलहाल रिएक्टर के अंदर जमा हो रहे हाइड्रोजन के विस्फोट को रोकने के लिए नाइट्रोजन गैस पंप किया जा रहा है. फुकुशिमा के पास के समुद्री इलाकों में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: ए कुमार

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