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परमाणु हादसे का जुर्माना 500 रुपये

२३ अगस्त २०१२

इंसानियत के जेहन से फुकुशिमा, हिरोशिमा नागासाकी की भयावह तस्वीरें शायद ही कभी मिटेंगी. लेकिन भारत सरकार की सोच ऐसी है जो परमाणु हादसे को साइकिल दुर्घटना से ज्यादा महत्व नहीं देती.

तस्वीर: Getty Images

परमाणु हादसे के प्रति सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हादसे के लिए जिम्मेदार प्लांट के खिलाफ सरकार ने महज 500 रुपये के जुर्माना का नियम बनाया है. यानि सरकार की नजर में परमाणु हादसा 500 रुपये से भी कम का गुनाह है. डॉलर में ये रकम 9 डॉलर के आसपास बैठती है.

महालेखक परीक्षक की रिपोर्ट में भारत सरकार के इस हैरअंगेज रवैये का पता चला है. परमाणु ऊर्जा बोर्ड की ऑडिट के बाद परीक्षक ने कहा है कि देश के 22 परमाणु संयत्र की देखभाल करने वाले बोर्ड को न तो नियम बनाने का हक है और न ही उसे लागू करने का. यहां तक कि सुरक्षा उपायों के प्रति लापरवाही की स्थिति में बोर्ड प्लांट पर जुर्माना भी नहीं लगा सकता. इस रिपोर्ट को देश की संसद में भी पेश किया गया है. इसमें कहा गया है, "हादसे की स्थिति में अधिकतम जुर्माना 500 रुपये तय किया गया है जो कि बहुत कम है."

तस्वीर: dapd

इस रिपोर्ट में सरकार को परमाणु खतरों के प्रति आगाह करते हुए सलाह भी दी गई है. इसमें कहा गया है कि सरकार को जल्दी से जल्दी बोर्ड को और अधिकार देने चाहिए. इसके साथ ही बोर्ड को भी हादसे की स्थिति से निपटने के लिए नीतियां तैयार करनी चाहिए. रिपोर्ट में बोर्ड की इस बात के लिए आलोचना भी की गई है कि वो पिछले तीस सालों में इससे निपटने के लिए नीतियां नहीं तैयार कर सका. परमाणु उर्जा का विरोध करने वाले कार्यकर्ता पहले ही परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा के प्रति संदेह जताते रहे हैं. भारत में ऊर्जा जरूरत का कुल 3 फीसदी हिस्सा परमाणु ऊर्जा से पूरा होता है. सरकार की योजना है कि 2020 तक इसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए.

वीडी/एनआर (डीपीए)

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