जो महिलाएं अपने देश में टीचर, पुलिस अधिकारी या फिर अखबार बांटने का काम करती थी, वे आज अपने बच्चों का पेट भरने के लिए अपना शरीर बेचने को मजबूर हैं. यह कहानी वेनेजुएला की है.
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तेल और दूसरे प्राकृतिक संसाधनों से मालामाल यह देश आज इस कदर संकट में घिरा है कि खाने के लाले पड़ रहे हैं और ऐसे में बहुत से लोगों के सामने देश छोड़ कर चले जाने के सिवाय कोई चारा नहीं है. वे पड़ोसी देशों में इस उम्मीद में जा रहे हैं कि उन्हें कुछ मिले जिससे वे अपना पेट भर सकें और वेनेजुएला में रहने रहे अपने परिवारों को कुछ पैसा भेज सकें.
वेनेजुएला को छोड़ कर जाने वाले कई लोगों के पास जरूरत दस्तावेज नहीं होते, जिससे उन्हें काम मिलने में दिक्कत होती है. ऐसे में, वेनेजुएला की बहुत सी महिलाएं कोलंबिया में देह व्यापार की अंधेरी दुनिया में उतरने को मजबूर हैं.
इन्हीं में 30 साल की पैट्रिका भी शामिल है जिसके तीन बच्चे है. उसे नशे में धुत्त एक ग्राहक ने पीटा और उसका बलात्कार किया. वह बताती है, "ऐसे ग्राहक आते हैं जो आपके साथ बहुत बुरा सलूक करते हैं और यह बहुत ही भयानक है. मैं हर दिन भगवान से दुआ करती हूं कि वे हमारे साथ अच्छा बर्ताव करें."
देखिए दुनिया के सबसे बड़े देह बाजार
दुनिया के सबसे बड़े देह बाजार
हैवोकस्कोप रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कई देशों में होने वाले देह व्यापार के आंकड़े जमा किये हैं. इसमें भारत को भी बड़ा बाजार बताया गया है. एक नजर इन देशों पर.
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12. इंडोनेशिया: 2.25 अरब डॉलर
इंडोनेशिया में देह व्यापार गैरकानूनी है. इसे नैतिक अपराध माना जाता है. लेकिन इसके बावजूद मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया में देह व्यापार काफी फैला हुआ और संगठित है. यूनिसेफ के मुताबिक इंडोनेशिया में देह व्यापार से जुड़ी 30 फीसदी युवतियां नाबालिग है.
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11. स्विट्जरलैंड: 3.5 अरब डॉलर
स्विट्जरलैंड में देह व्यापार के अड्डे को आम तौर पर "सेक्स रूम" कहा जाता है. इसे सरकार से वित्तीय मदद भी मिलती है. यह शहर के केंद्र से बाहर होते हैं. वहां शावर, लॉकर, डेस्क और वॉशिंग मशीन भी होती है. ज्यूरिख शहर ने तो देह व्यापार के ठिकाने को शहर से दूर बसाने के लिए 26 लाख डॉलर भी दिए.
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10. तुर्की: 4 अरब डॉलर
तुर्की में देह व्यापार कानूनी है लेकिन देह व्यापार को बढ़ावा देना प्रतिबंधित है. तुर्की का अप्रावसन कानूनी देह व्यापार के लिए तुर्की आने की इजाजत नहीं देता है. लेकिन इसके बावजूद तुर्की 10वें नबंर पर है.
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9. फिलीपींस: 6 अरब डॉलर
देह व्यापार फिलीपींस में गैरकानूनी है. लेकिन सब जानते हैं कि फिलीपींस सेक्स टूरिज्म के लिए किस हद तक बदनाम है. बहुत ज्यादा गरीबी और इंटरनेट तक आसान पहुंच ने इस देश को सेक्स टूरिज्म के लिए चुंबक जैसा बना दिया है. बच्चे और नाबालिग भी इसका शिकार हो रहे हैं.
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8. थाइलैंड: 6.4 अरब डॉलर
यह देश भी सेक्स टूरिज्म के लिए मशहूर है. थाइलैंड में देह व्यापार कानूनी है. यहां खास जगहों पर ही देह व्यापार की अनुमति है. स्थानीय अधिकारी कभी कभार यौनकर्मियों की रक्षा भी करते हैं. वियतनाम युद्ध के बाद से ही थाइलैंड सेक्स टूरिज्म के लिए मशहूर हुआ.
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7. भारत: 8.4 अरब डॉलर
आबादी के लिहाज से दुनिया के दूसरे बड़े देश, भारत में देह व्यापार से जुड़ा कानून बड़ा उलझा हुआ है. पैसे के लिए सेक्स करना कानूनी है लेकिन सार्वजनिक जगहों पर, होटल में ऐसा करना, अड्डा चलाना या इसे बढ़ावा देना गैरकानूनी है. निजी आवास में बालिग के साथ आपसी सहमति से सेक्स करना कानूनी है.
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6. दक्षिण कोरिया: 12 अरब डॉलर
हालांकि दक्षिण कोरिया में यह गैरकानूनी है लेकिन कोरियन वुमेन्स डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट कुछ और ही कहानी बयान करती है. दक्षिण कोरिया में देह व्यापार का कारोबार 12-13 अरब डॉलर का है. यह जीडीपी का 1.6 फीसदी है. रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया के 20 से 64 साल के 20 फीसदी पुरुष महीने में औसतन 580 डॉलर देह व्यापार पर खर्च करते हैं.
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5. अमेरिका: 14.6 अरब डॉलर
अमेरिका में आम तौर पर देह व्यापार कानूनी है. हालांकि नेवाडा राज्य के कुछ इलाकों में यह गैरकानूनी है. अमेरिका में देह व्यापार के लिए आधिकारिक तौर पर आवेदन किया जा सकता है. इस कारोबार से जुड़े लोगों को टैक्स, कर्मचारियों की हिफाजत, न्यूनतम मजदूरी, बीमा, मेडिकल जांच के नियम मानने पड़ते हैं.
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4. जर्मनी: 18 अरब डॉलर
अनुमान के मुताबिक जर्मनी में 40,000 सेक्स वर्कर हैं. यह कानूनी है लेकिन सामाजिक दशा और अधिकारों से जुड़े कई नियम हैं. यौनकर्मियों को दूसरे पेशों की तरह सामाजिक सुरक्षा मिल सकती है. देह व्यापार के लिए मजबूर करना या स्थिति का लाभ उठाना अपराध है.
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3. जापान: 24 अरब डॉलर
देह व्यापार जापान के इतिहास के साथ जुड़ा है. 1956 के एंटी प्रोस्टिट्यूशन एक्ट के मुताबिक, "कोई भी व्यक्ति यौनकर्मी नहीं बनेगा और ना ही ग्राहक बनेगा." कानूनी कमियों के चलते जापान में सेक्स उद्योग शुरू हुआ, यह उद्योग खुद को देह व्यापार नहीं कहता है.
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2. स्पेन: 26.5 अरब डॉलर
यूएन यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 39 फीसदी स्पेनिश पुरुषों ने एक बार यौनकर्मी से संबंध बनाए हैं. 2009 में स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक सर्वे किया जिसमें 32 फीसदी पुरुषों ने यह स्वीकारा. यह हॉलैंड और ब्रिटेन की तुलना में 14 फीसदी ज्यादा है.
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1. चीन: 73 अरब डॉलर
दुनिया का सबसे बड़ा यौन कारोबार उस देश में होता है जहां देह व्यापार गैरकानूनी है. चीन में सरकार यौनकर्मियों के साथ अपराधियों की तरह पेश आती है. समय समय पर छापे मारे जाते हैं लेकिन इसके बावजूद चीन के मसाज पार्लरों, बारों और नाइट क्लबों में यह फलता फूलता रहा है.
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एलेगरिया (बदला हुआ नाम) वेनेजुएला में इतिहास और भूगोल की टीचर थी और उसका वेतन 3.12 लाख बोलिवार था. लेकिन वेनुएला में मुद्रास्फीति आसमान छू रही है और देश की मुद्रा बोलिवार पाताल में जा रही है. 3.12 लाख बोलिवार की कीमत एक अमेरिकी डॉलर भी नहीं है. 26 साल की एलेगरिया कहती है कि वह अपनी महीने भर की सैलरी से पास्ता का एक पैकेट भी नहीं खरीद पा रही थी. ऐसे में घर का गुजारा चलाना मुश्किल हो गया था. इसलिए फरवरी में उसने सीमा पार कर कोलंबिया जाने का फैसला किया.
शुरू में उसने पूर्वी कोलंबिया में एक वेटर के तौर पर काम किया. इस काम की बदौलत उसे खाने और रहने की जगह तो मिल गई लेकिन वेतन कभी नहीं मिला. बस ग्राहकों से जो टिप मिलती थी, वही उसकी कमाई थी. वह बताती है, "मैंने टिप में मिला पैसा अपने परिवार के पास भेजा." छह लोगों का परिवार एलेगरिया पर ही निर्भर है जिनमें उसका चार साल का एक बेटा भी शामिल है.
यूरोप की ये बदनसीब सेक्स वर्कर
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बाद में जब टिप भी उससे छीनी जाने लगी तो एलेगरिया को यह काम छोड़ना पड़ा. उसने कालामार इलाके में जाने की सोची जिसे ड्रग्स की तस्करी का गढ़ माना जाता है और यहां कभी पूर्व फार्क गुरिल्ला लड़ाकों का दबदबा हुआ करता था.
लगभग तीन हजार की आबादी वाले इस कस्बे में एलेगरिया एक बार में देह व्यापार करनी लगी. वहां उसके साथ नौ और महिलाएं यही काम कर रही हैं. हर ग्राहक से 37-50 हजार पेसो (कोलंबियाई मुद्रा) तक मिलते हैं जो अमेरिका मुद्रा में 11 से 16 डॉलर के आसपास बैठते हैं. हर ग्राहक से मिलने वाले पैसे में से सात हजार पेसो बार का मालिक रख लेता है. एलेगरिया बताती है कि एक "अच्छी रात" में वह 30 से 100 डॉलर तक कमा लेती है.
क्यों घुटनों पर गिरा वेनेजुएला
तेल के अकूत भंडार पर बैठे देश वेनेजुएला में ऐसा क्या हो गया कि आज देश कई तरह के संकट से गुजर रहा है और पूरा तंत्र ध्वस्त होने की कगार पर है.
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विरोध प्रदर्शन
शुरुआत हुई मार्च के अंत में आए सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से. विधायिका से सभी शक्तियां छीन लेने का फैसला आया था, जिसके जवाब में देश भर में विरोध प्रदर्शन होने लगे. अंतरराष्ट्रीय आलोचना के बाद राष्ट्रपति निकोलास मादुरो ने फैसला पलट दिया. लेकिन तब तक जनता सड़कों पर थी और रूकने को तैयार नहीं थी.
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पैसों का नहीं रहा कोई मोल
मार्च से वेनेजुएला में मुद्रास्फीति दर 220 प्रतिशत को भी पार कर गयी है. देश का सबसे बड़े नोट, 100 बोलिवार, का मोल साल के अंत तक आते आते 0.04 डॉलर से भी कम हो गया था. घर की रोजमर्रा की चीजें खरीदने के लिए भी बोरियों में भर कर पैसे ले जाने पड़ते.
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बढ़ती भूखमरी
बीते साल करीब 80 फीसदी खान पान की चीजें और दूसरी जरूरी चीजों की भारी कमी रही. वेनेजुएला के लोग हर हफ्ते 30 घंटे से ज्यादा समय दुकानों से सामान खरीदने के लिए खड़े होने में बिताते हैं. राष्ट्रपति मादुरो इस कमी का दोष अमेरिका के सट्टेबाजी कारोबार पर डालते हैं. विपक्ष कहता है कि सरकार ठीक से प्रबंधन नहीं कर पायी.
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स्वास्थ्य संकट 'युद्ध के हालात जैसा'
कोलंबिया में वेनेजुएलावासी मेडिकल सप्लाई इकट्ठी कर रहे हैं, ताकि उन्हें घर भेज सकें. पूरे देश के अस्पतालों में ऐसे हालात हैं जैसे युद्ध काल में होते हैं. मरीजों की मौत हो रही है, मलेरिया और डेंगू से लोग मारे जा रहे हैं.
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तेल भंडारों का क्या
बिजली खूब कटती है. ईंधन की कमी है. वेनेजुएला के जिन लोगों के पास तेल के इतने भंडार हैं, वे बेहाल हैं. 2014 में तेल की कीमतों में आयी 50-फीसदी तक की कमी से तेल पर निर्भर देश की हालत चरमरा गयी. 2013 में तेल से 80 अरब डॉलर आय हुई थी. वहीं 2016 में केवल 20 अरब डॉलर.
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आर्थिक संकट की जड़ें
2013 में गुजरे हूगो चावेज ने एक ऐसा देश छोड़ा था जहां गरीबी दर कम थी. शिक्षा और स्वास्थ्य का हाल बेहतर था और आर्थिक वृद्धि हो रही थी. लेकिन उन्हीं की सोशलिस्ट परंपरा का एक असर कुप्रबंधन भी था. ना केवल उनके कदमों से देश की तेल कंपनियों पर नियंत्रण काफी नहीं था, बल्कि वे 2006 से ही तेल उत्पादन घटने के बावजूद इस पर काफी खर्च करते गये.
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मादुरो ने भी आगे बढ़ाया
चावेज के चुने हुए उत्तराधिकारी मादुरो को भी सत्ता में चार साल हो गए और दो और साल बाकी हैं. विपक्ष उनसे कुर्सी खाली करने की मांग करता रहता है और उन्हें आर्थिक बर्बादी का जिम्मेदार बताता है. मादुरो पर विपक्ष अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाता है.
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सरकार विपक्ष के पीछे पड़ी
इसी साल अप्रैल में मादुरो ने विपक्ष के नेता हेनरिक कैपरिलेस को चुप कराने के लिए उन्हें 15 साल के लिए किसी सरकारी पद को संभालने के लिए अयोग्य घोषित करवा दिया. उन पर "प्रशासनिक गड़बड़ियों" का आरोप लगाया गया. कैपरिलेस के नेतृत्व में मादुरो के नाम पर जनमत संग्रह कराने का आंदोलन चल रहा था. इससे प्रदर्शनकारी और भड़क उठे.
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विपक्ष और विद्रोही हुआ
विरोध प्रदर्शनों के अलावा, विपक्ष ने करीब 20 लाख लोगों के हस्ताक्षर इकट्ठा किए हैं. इनकी मांग मादुरो के नाम पर रेफरेंडम कराए जाने की है. यह अनिवार्य संख्या से करीब 10 गुना ज्यादा है. सुप्रीम कोर्ट विरोधी की एक कार्रवाई में विपक्ष ने मादुरो के खिलाफ एक सांकेतिक सुनवाई भी करवायी.
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सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन
पिछले सितंबर में 10 लाख से भी अधिक नागरिक काराकस में सड़कों पर उतरे थे. विपक्ष ने 19 अप्रैल को फिर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. इसे वे "मदर ऑफ ऑल प्रोटेस्ट्स" बता रहे हैं और इसी दिन मादुरो के सत्ता में आने के चार साल पूरे होंगे. (कैथलीन शुस्टर/आरपी)
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ऐसी महिलाओं में 35 साल की जोली भी शामिल है जो वेनेजुएला में अखबार बांटने का काम करती थी. जब वेनेजुएला में अखबार छापने के लिए कागज ही नहीं बचे तो उसे अपनी नौकरी गंवानी पड़ी. वह बताती है, "हमने कभी नहीं सोचा था कि हमें देह व्यापार करना पड़ेगा. हम यह काम कर रहे हैं क्योंकि हमारे देश में संकट है."
चार साल की मंदी और वर्षों के वित्तीय कुप्रबंधन का नतीजा है कि आज वेनेजुएला को यह हालात देखने पड़ रहे हैं. गरीबी तेजी से पांव पसार रही है और खाने पीने की चीजों के साथ साथ दवाओं की भारी किल्लत हो रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक वेनेजुएला में इस साल मुद्रास्फीति की दर 14 लाख प्रतिशत रहने की उम्मीद है और अगले साल तो यह एक करोड़ प्रतिशत हो सकती है.
जोली अपने तीन बच्चों को वेनेजुएला में अपनी मां के पास छोड़ कर आई है. जब वह वेनेजुएला की सीमा से कोलंबिया में दाखिल हुई तो उसके पास पासपोर्ट भी नहीं था. पासपोर्ट छोड़िए, तन पर जो कपड़े पहन रखे थे, उनके सिवा उसके पास कुछ नहीं था. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि 2015 से 19 लाख लोग बेहतर जिंदगी की आस में वेनेजुएला छोड़ कर जा चुके हैं.
एके/एनआर (एएफपी)
जहां टमाटर के लिए खर्च करने पड़ें पांच लाख
वेनेजुएला में खरीदारी करनी हो तो आपको नोटों को बोरे में भर कर ले जाना होता था. वहां की मुद्रा बोलिवार की हालत इतनी बुरी थी कि सरकार को एक लाख बोलिवार को एक के बराबर करना पड़ा. जानिए, इस बदलाव से पहले वहां कैसे हैं दाम.
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करोड़ों का चिकन
ढाई किलो चिकन के लिए करीब डेढ़ करोड़ बोलिवार खर्च करना पड़ता है. रॉयटर्स के फोटोग्राफर कार्लोस गार्सिया रॉलिंस ने ये तस्वीरें ली हैं.
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लाखों के टमाटर
एक किलो टमाटर के लिए पचास लाख बोलिवार खर्च करने पड़ते हैं. नए बदलाव के बाद यह कीमत पचास बोलिवार हो जाएगी.
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टॉयलेट पेपर
टॉयलेट पेपर के एक रोल के लिए 26 लाख बोलिवार कीमत देनी होती है. एक अमेरिकी डॉलर ढाई लाख बोलिवार के बराबर होता है.
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सैनिटरी पैड
35 लाख का सैनिटरी पैड का एक पैकेट. यानी खरीदने जाना हो तो नोटों के बंडल से पूरा बोरा भर कर ले जाना होगा.
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डायपर
बच्चों के डायपर का तो और भी बुरा हाल है. डायपर के एक पैकेट के लिए आठ लाख बोलिवार की कीमत चुकानी होगी.
तस्वीर: Reuters/C. G. Rawlins
चीनी
बताइए किसका भार ज्यादा है? चीनी का या फिर नोटों का? एक किलो चीनी के बदले 25 लाख बोलिवार खर्च करने होते हैं.
तस्वीर: Reuters/C. G. Rawlins
पनीर
चीज या पनीर खाना काफी महंगा पड़ सकता है. एक किलो पनीर चाहिए तो 75 लाख बोलिवार देना पड़ेगा.