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स्विट्जरलैंड में पर्यावरण को बचाने वाले कानून खारिज

१४ जून २०२१

स्विट्जरलैंड के लोगों ने एक ऐसे कानून के विरोध में वोट किया है, जिसके जरिए देश को पैरिस समझौते के लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलती.

Schweiz | Landwirtschaft: Traktor sprüht Pflanzenschutzmittel
तस्वीर: Christian Beutler/KEYSTONE/picture alliance

रविवार को हुए एक जनमत संग्रह में स्विट्जरलैंड के लोगों ने सरकार द्वारा प्रस्तावित एक कानून को खारिज कर दिया. इस कानून में कार्बन उत्सर्जन कम किए जाने पर कदम उठाने के प्रावधान थे.

स्विट्जरलैंड के लोगों ने तीन प्रस्तावों पर मतदान किया, जिनमें नया कार्बन उत्सर्जन कानून भी था. 51.6% लोगों ने इस कानून के विरोध में मतदान करते हुए इसे खारिज कर दिया. यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड एक प्रत्यक्ष लोकतंत्र है, जहां लोग सरकार के प्रस्तावों पर सीधे मतदान करते हैं. रविवार को आया नतीजा सरकार के लिए करारी हार है क्योंकि नए कानून में उसने कार ईंधन पर सरचार्ज लगाने और विमान टिकटों पर लेवी लगाने का प्रस्ताव रखा था.

कानून को ना

पर्यावरण मंत्री सिमोनेटा सोमारुगा ने कहा कि लोगों द्वारा यह कानून खारिज कर दिए जाने का अर्थ यह होगा कि अब स्विट्जरलैंड के लिए 2030 तक अपने कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्य हासिल करना बेहद मुश्किल हो जाएगा. पैरिस समझौते के तहत उसे 2030 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को 1990 के स्तर से आधा करना है. उन्होंने कहा, "आज की 'ना' पर्यावरण की रक्षा को 'ना' नहीं, बस एक कानून को 'ना' है. पिछले दिनों में हुई बहसें दिखाती हैं कि लोग पर्यावरण की सुरक्षा को तो मजबूत करना चाहते हैं लेकिन इस कानून के जरिए नहीं.”

सोमारुगा ने कहा कि अपने पर्यावरण संबंधी लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में अब सरकार कुछ ऐसे अन्य कदम उठा सकती है, जिन पर विवाद नहीं है. इनमें ईंधन के आयात पर कर लगाकर पर्यावरण सुरक्षा परियोजना में निवेश शामिल है. इसके अलावा पर्यावरण संबंधी नीतियों पर नई आम सहमति बनाने पर भी काम किया जाएगा.

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अन्य प्रस्ताव, जिन्हें लोगों ने रविवार को खारिज कर दिया, खेती में रसायनों के इस्तेमाल से जुड़े थे. एक प्रस्ताव कृत्रिम कीटनाशकों पर पूरी तरह प्रतिबंध का था. यह प्रस्ताव पास होता तो स्विट्जरलैंड ऐसा करने वाला दुनिया का सिर्फ दूसरा देश होता. अब तक सिर्फ भूटान में यह प्रतिबंध लागू है. तीसरा प्रस्ताव उन किसानों को सब्सिडी देने के बारे में था, जो रसायनों का इस्तेमाल नहीं करते. इसका मकसद खेती में रसायनों के इस्तेमाल को कम करना था.

वर्तमान समस्याएं ज्यादा अहम

इन प्रस्तावों के समर्थकों का तर्क था कि रसायन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं लेकिन विरोधियों ने दावा किया कि कृत्रिम कीटनाशकों पर प्रतिबंध से खाने का सामान महंगा होगा, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में नौकरियां जाएंगी और देश की आयात पर निर्भरता बढ़ेगी. कृत्रिम कीटनाशकों से जुड़ा प्रस्ताव लिखने वालों में शामिल रहीं एनोएटे जिल्सन ने कहा कि इन नतीजों का अर्थ यह नहीं है कि स्विस लोग पर्यावरण को लेकर चिंतित नहीं हैं, बस वे मौजूदा समस्याओं को लेकर ज्यादा चिंतित हैं.

उन्होंने कहा, "लोगों के लिए भविष्य की समस्याओं के बारे में सोचना बहुत मुश्किल होता है. वे उन समस्याओं की गंभीरता को नहीं समझ पाते. अब जबकि कोविड-19 के कारण वे बहुत सी मुश्किलों से जूझ रहे हैं, तब वे अपनी आज की समस्याओं के बारे में ज्यादा सोच रहे हैं.”

खेती में प्रयोग होने वाले रसायन बनाने वाली कंपनियों सिन्जेन्टा और बायर ने जनमत संग्रह के नतीजों का स्वागत किया है. बायर ने कहा, "यह एक उत्पादक और संसाधनों का समुचित इस्तेमाल करने वाली खेती के पक्ष में समझदार मतदान है.”

दो अन्य जनमत संग्रहों में लोगों ने महामारी की मार झेल रहे उद्योगों को वित्तीय मदद देने और आतंकवाद से निपटने के लिए पुलिस के अतिरिक्त शक्तियां देने वाले कानूनों को क्रमशः 60 और 57 फीसदी मतों से पास कर दिया.

वीके/सीके (रॉयटर्स, डीपीए)

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