लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में गुरुवार को पुद्दुचेरी और देश के 11 राज्यों की 95 लोकसभा सीटों के लिए हुए मतदान में करोड़ों मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा के मामले सामने आए.
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रायगंज संसदीय क्षेत्र में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सांसद व उम्मीदवार मोहम्मद सलीम पर कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमला किया. उन्होंने वहां दोबारा चुनाव कराने की मांग की है. अधिकारियों के अनुसार, मतदान में हेराफेरी की रिपोर्ट की जांच के लिए वह मतदान केंद्र पर गए थे.
दार्जिलिंग सीट के चोपरा से सर्वाधिक हिंसा की खबर आई, जहां मतदाताओं ने अपनी सुरक्षा के लिए सभी मतदान केंद्रों पर सीआरपीएफ जवानों को तैनात करने की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया. वर्ष 2009 और 2014 में इस सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी.
ग्रामीणों ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस समर्थित गुंडों द्वारा धमकाए जाने की शिकायत की है और उन्होंने राज्य पुलिस के जवानों की सुरक्षा में वोट डालने से इंकार कर दिया. उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है.
श्रीनगर में एक मतदान केंद्र पर हुई पत्थरबाजी में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया. लोकसभा चुनाव का अलगाववादियों द्वारा बहिष्कार करने की अपील किए जाने के बाद श्रीनगर में ज्यादातर मतदान केंद्रों पर मतदान बहुत कम रहा.
देश के बाकी हिस्सों में मतदान आम तौर पर शांतिपूर्ण रहा. हालांकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में खराबी की रिपोर्ट कई राज्यों से मिली जिसके कारण कुछ जगहों पर कुछ देर मतदान बंद रहा. गुरुवार को हुए मतदान में कुल 15.7 करोड़ मतदाता 95 लोकसभा सीटों के लिए 1,606 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के पात्र थे.
कर्नाटक में गर्मी और धूलभरी हवाओं के चलने की परवाह किए बगैर भारी तादाद में मतदाओं ने मतदान केंद्रों पर जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया. सुबह सात बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक 14 संसदीय क्षेत्रों में करीब 40 फीसदी मतदान हुआ. कर्नाटक में मुख्य मुकाबला कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन और भाजपा के बीच है.
तमिलनाडु में भी मतदान की रफ्तार तेज रही। प्रदेश की 39 लोकसभा सीटों में से 38 पर चुनाव हो रहे हैं. वेल्लोर में चुनाव स्थगित हो गया है. इस चरण में तमिलनाडु की 18 विधानसभा सीटों के लिए भी मतदान हुए. तमिलनाडु में मुख्य मुकाबला अन्नाद्रमुक और द्रमुक की अगुवाई वाले गठबंधनों के बीच है. प्रदेश में दोपहर एक बजे तक 40 फीसदी मतदान हुआ. पुद्दुचेरी की भी एकमात्र लोकसभा सीट के लिए मतदान हुआ.
2019 के चुनावों में ये सब पहली बार हो रहा है
भारतीय चुनाव आयोग अब तक 16 आम चुनाव करवा चुका है. लेकिन आयोग चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष रखने के लिए समय-समय पर कई चीजें आजमाता रहा है. लोकसभा चुनाव 2019 में आयोग ये नए कदम उठाने जा रहा है.
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उम्मीदवारों की तस्वीरें
देश के कुल वोटरों में से 30 करोड़ निरक्षर हैं. आयोग ने इनका ध्यान रखते हुए अब राजनीतिक दल के चिन्हों के साथ वोटिंग मशीन में उम्मीदवारों की तस्वीर लगाने का फीचर भी जोड़ा है. साथ ही धांधली और वोटिंग मशीन में किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए मतदाता को वोट डालने के बाद एक चिट दी जाएगी. इसके अलावा वोटिंग मशीन ले जाने वाले वाहनों की निगरानी के लिए उन्हें जीपीएस से जोड़ा गया है.
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आरोपों की स्वघोषणा
मौजूदा संसद के करीब 186 सांसदों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं. इसमें से 112 ऐसे हैं जिन पर हत्या और बलात्कार जैसे संगीन आरोप लगे हैं. इस बार कानूनी मामलों में फंसे उम्मीदवार को कम से कम तीन अखबार या टीवी विज्ञापनों के जरिए अपने ऊपर चल रहे मामलों के बारे में आम लोगों को बताना होगा. ये विवरण उस इलाके के लोगों को देना होगा, जहां से उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.
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दागी नेताओं के रिकॉर्ड
भारतीय थिंक टैंक 'द एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म' (एडीआर) ने 2014 की एक रिपोर्ट में कहा था कि ऐसे उम्मीदवार जिन पर संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं उनकी जीतने की संभावनाएं काफी प्रबल होती हैं. इस साल सभी उम्मीदवारों को अपने पिछले पांच साल के इनकम टैक्स रिटर्न का ब्यौरा भी सार्वजनिक करना होगा. साथ ही विदेश में अपनी संपत्ति और देनदारियों का ब्यौरा देना भी उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य किया गया है.
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ऑनलाइन निगरानी
वेब कैमरों के जरिए इंटरनेट पर पांच हजार से अधिक मतदान और गिनती केंद्रों की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी. इसके अलावा एक स्मार्टफोन ऐप के जरिए नागरिक मतदान केंद्र पर हुए किसी भी प्रकार के अभद्र व्यवहार, चुनावी गड़बड़ी, शराब या ड्रग्स जैसी बातों की शिकायत कर सकेंगे. गुमनाम शिकायतकर्ता किसी भी फोटो और वीडियो को इस ऐप कर अपलोड कर सकेंगे जिस पर अधिकारियों को 100 मिनट के भीतर कार्रवाई करनी होगी.
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फीडबैक और सोशल मीडिया
आयोग ने इस बार एक टोल-फ्री हेल्पलाइन भी शुरू की है. इस हेल्पलाइन के जरिए मतदाता कोई जानकारी और शिकायत दर्ज कराने के अलावा वोटिंग से जुड़ा अपना फीडबैक भी दे सकेंगे. इस बार उम्मीदवारों को अपने चुनावी दस्तावेज में सोशल मीडिया खातों की भी जानकारी देनी होगी. इस नए कदम का मकसद चुनावों में सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल पर रोक लगाना है.
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ऑनलाइन विज्ञापन
अब चुनाव आयोग सोशल मीडिया के विज्ञापनों पर भी नजर रखेगा. साथ ही राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों के चुनावी विज्ञापन को उनके चुनावी खर्च के साथ जोड़ा जाएगा. फेसबुक ने साफ किया है कि पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से वह राजनीतिक विज्ञापनों में उसे छपवाने वाले की जानकारी देगा. यह नई नीति फोटो शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम पर भी लागू होगी.
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थर्ड जेंडर
यह पहला मौका है जब भारत के तकरीबन 39,000 नागरिकों ने स्वयं को बतौर "थर्ड जेंडर" रजिस्टर किया है. देश में ट्रांसजेंडर्स लोगों की आबादी करीब 50 हजार है, लेकिन अब से पहले उन्हें पुरुष या महिला के रूप में स्वयं को रजिस्टर करना होता था.
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महिलाओं का बूथ
इन चुनावों में पहली बार हर निर्वाचन क्षेत्र को एक मतदान केंद्र सिर्फ महिलाओं के लिए तैयार करना होगा. हालांकि कर्नाटक में यह संख्या कहीं ज्यादा है. राज्य में ऐसे तकरीबन 600 मतदान केंद्र होंगे, जहां स्टाफ से लेकर सुरक्षा तक की सारी जिम्मेदारी महिलाएं संभालेंगी. (एएफपी/एए)
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ओडिशा में आरंभ में मतदान की रफ्तार मंद रहने के बाद धीरे-धीरे रफ्तार तेज हो गई. इस चरण में प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों के साथ-साथ विधानसभा की 35 सीटों के लिए मतदान हुए. ओडिशा में सत्ताधारी पार्टी बीजद ने कहा कि वह सत्ता में वापसी को लेकर आश्वस्त है, लेकिन भाजपा का दावा है कि उसे जीत मिलने जा रही है.
बिहार में लोकसभा की 40 सीटों में से पांच सीटों पर इस चरण में मतदान हुआ जिसमें अपरान्ह एक बजे तक 32 फीसदी मतदान हुआ था. प्रदेश के पांचों लोकसभा क्षेत्रों के दर्जनभर गांवों में लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया. वे विकास की कमी की वजह से नाराज हैं.
उत्तर प्रदेश में भी आठ लोकसभा सीटों के लिए गुरुवार को मतदान हुए, जिनमें मथुरा, हाथरस, अमरोहा, आगरा, फतेहपुर-सीकरी, अलीगढ़, नगीना और बुलंदशहर शामिल हैं.
दूसरे चरण के मतदान में महाराष्ट्र में 48 लोकसभा क्षेत्रों में से 10 पर वोट डाले गए. शुरुआत में मतदान की रफ्तार सुस्त रहने के बाद बाद में रफ्तार पकड़ी. इस चरण में छत्तीसगढ़ और मणिपुर में भी मतदान हुआ.