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दोबारा डालें वोट, ट्रंप ने मतदाताओं से कहा

२८ अक्टूबर २०२०

अमेरिका में कुछ राज्यों में मतदाता वोट डालने के बाद भी अपना वोट बदल सकते हैं. राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कई मतदाताओं को ऐसा ही करने के लिए कहा है. क्या असर होगा इसका चुनाव के नतीजों पर?

USA Präsidentschaftswahl 2020
तस्वीर: Go Nakamura/Reuters

ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा कि उन्हें गूगल पर देख कर पता चला है कि कई लोग जो शुरूआती मतदान की सुविधा का फायदा उठा कर अपना मत डाल चुके हैं वो यह जानना चाह रहे हैं कि क्या वे अपना वोट बदल सकते हैं. ट्रंप ने कहा कि ऐसे लोगों को वो बताना चाहेंगे कि अधिकतर राज्यों में मतदाता बिल्कुल ऐसा कर सकते हैं और उन्हें यह करना ही चाहिए. 

समीक्षक राष्ट्रपति की अपील को चुनाव के बाद की स्थिति काफी मुश्किल होने के अंदेशे का एक और संकेत मान रहे हैं. चुनाव अभियान की शुरुआत से यह अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है कि अगर ट्रंप चुनाव हार गए तो संभव है कि वो और उनके समर्थक हार को आसानी से स्वीकार ना करें और सत्ता के हस्तांतरण में अवरोध पैदा करें. खुद ट्रंप से इस संभावना के बारे में पूछा गया है लेकिन उन्होंने कभी भी जोर दे कर इस संभावना से इनकार नहीं किया है.

अगर ऐसा हुआ तो वो स्थिति काफी पेचीदा और अप्रिय भी हो सकती है. अभी तक 6.6 करोड़ से भी ज्यादा मतदाता शुरूआती मतदान में अपना वोट डाल चुके हैं, जो कि 2016 के कुल मतदान का लगभग 50 प्रतिशत है. इनमें से 4.4 करोड़ वोट डाक के जरिए डाले गए हैं और 2.2 करोड़ चुनावी कार्यालयों में जा कर. सर्वेक्षणों में यह भी दावा किया जा रहा है कि शुरूआती मतदान के रुझान डेमोक्रेटों के पक्ष में हैं और रिपब्लिकन पीछे हैं.

ऐसे में ट्रंप के ट्वीट के बाद मतदान से जुड़ी अनिश्चितताएं बढ़ गई हैं. हालांकि असलियत यह है कि वोट बदलने की सुविधा सिर्फ कुछ ही राज्यों में है और उन राज्यों में भी अलग अलग काउंटियों में अलग अलग नियम हैं. विस्कॉन्सिन में मतदाता तीन बार अपना वोट बदल सकते हैं, जब कि कनेक्टिकट में यह स्थानीय अधिकारियों की अनुमति पर निर्भर करता है.

कई जगह वोट बदलने के कानूनों से संबंधित मामले अदालतों में चल रहे हैं, जहां रिपब्लिकन पार्टी धीरे धीरे अपनी विचारधारा वाले जज भरती जा रही है.तस्वीर: Go Nakamura/Reuters

कुछ राज्यों में वोट एक तय तारीख तक ही बदला जा सकता है, जबकि कुछ दूसरे राज्यों में ऐसा मतदान के दिन तक किया जा सकता है. कई जगह वोट बदलने के कानूनों से संबंधित मामले अदालतों में चल रहे हैं, जहां रिपब्लिकन पार्टी धीरे धीरे अपनी विचारधारा वाले जज भरती जा रही है.

सोमवार को जब ट्रंप द्वारा मनोनीत की हुई जज एमी कोनी बैरेट की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति हुई, उसी दिन अदालत ने एक ऐसे ही मामले में फैसला दिया कि विस्कॉन्सिन में तीन नवंबर को मतदान के बाद प्राप्त होने वाले डाक मतों की गिनती नहीं की जाएगी.

ऐसे में ऐसा लग रहा है कि अगर ट्रंप और बाइडेन में से किसी की भी भारी बहुमत से विजय नहीं हुई, तो नतीजे पेचीदा रहेंगे और मतगणना कई दिनों तक भी चल सकती है.

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