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समाजएशिया

पहले अपहरण, फिर शादी और सालों बाद गिरफ्तारी

समीरात्मज मिश्र
१५ जुलाई २०२०

आगरा में युवती के अपहरण का अभियुक्त बस्तर में जा कर किसान बन गया. सोचा नक्सली इलाके में पुलिस नहीं आएगी. छह साल बाद घर लौटा, तो हुआ गिरफ्तार.

Symbolbild - Venezuela - Verhaftung
तस्वीर: picture-alliance/J. Tack

आगरा जिले में एक व्यक्ति ने लड़की का अपहरण किया, फिर उससे शादी की. शादी के बाद यूपी छोड़ वहां से करीब 1200 किलोमीटर दूर बस्तर के जंगलों में जाकर बस गया. वहां उस व्यक्ति ने जमकर नई तकनीक के माध्यम से खेती की और लाखों रुपये कमाए. फिर उसे अपने पैतृक गांव की याद सताई. वह लौटा और छह साल पुराने मामले में गिरफ्तार हो गया.

कहानी कुछ फिल्मी लग रही है, लेकिन है हकीकत.

आगरा जिले के बिरहरू गांव के युवक यमुनेंद्र पर करीब छह साल पहले एक युवती के अपहरण का केस दर्ज हुआ था. पुलिस यमुनेंद्र को तब गिरफ्तार नहीं कर पाई थी और बाद में उसके ऊपर बीस हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया गया था. फिर भी यमुनेंद्र उर्फ कंजा पुलिस की पकड़ में नहीं आया. छह साल बाद वह पुलिस की पकड़ में आया, वह भी बेहद नाटकीय ढंग से.

युवती का अपहरण करने के बाद कंजा आगरा से सैकड़ों किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला बस्तर में जाकर बस गया. कंजा ने कृषि विज्ञान में परास्नातक यानी एमएससी की पढ़ाई की थी. बस्तर में वह बंटाई पर जमीन लेकर खेती करने लगा. साथ में खाद और कीटनाशक की दुकान भी खोल ली.

आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने मीडिया को बताया कि छह साल फरार रहने के दौरान यमुनेंद्र पर 20 हजार का इनाम घोषित हो गया था. इस दौरान वह कभी गांव नहीं आया. लेकिन पिछले दिनों पता चला कि वह गांव आया हुआ है, तो चेकिंग के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया. एसएसपी ने बताया कि यमुनेंद्र जिस युवती का अपहरण कर ले गया था, उसी से उसने शादी भी कर ली थी. यानी जिस युवती के अपहरण के जुर्म में यमुनेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी, वह युवती अब यमुनेंद्र की पत्नी है.

पुलिस के मुताबिक, फरवरी 2014 में युवती के पिता ने यमुनेंद्र के खिलाफ सैंया थाना में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था और तभी से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी लेकिन कुछ सुराग नहीं मिल रहा था. इस दौरान यमुनेंद्र न ही अपने घर आया, न रिश्तेदारी में गया और न ही दोस्तों के पास गया. यमुनेंद्र का किसी से कोई संपर्क भी नहीं रहा.

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गिरफ्तारी के बाद यमुनेंद्र ने पुलिस को बताया कि वह आगरा से जाने के बाद बस्तर के जंगलों में बसे एक गांव तारागुणा में रह रहा था. यमुनेंद्र के मुताबिक, उसने नक्सल प्रभावित क्षेत्र को इसलिए चुना, क्योंकि उसने सुन रखा था कि आगरा पुलिस वहां जाने से डरती है. यमुनेंद्र के भीतर यह भरोसा इन खबरों के आधार पर हुआ कि बस्तर के कई साइबर अपराधी आगरा के लोगों से ठगी कर चुके हैं लेकिन पुलिस इन्हें पकड़ने बस्तर नहीं गई.

हालांकि आगरा के एसएसपी बबलू कुमार ने इसकी वजह कुछ और बताई. उनका कहना था, "यमुनेंद्र पहले बस्तर की एक फर्टिलाइजर कंपनी के लिए काम करता था. काम के सिलसिले में उसे कई बार बस्तर भी आना-जाना पड़ता था. इस वजह से उसे इलाके की अच्छी जानकारी थी. चूंकि यह रिमोट इलाका भी पड़ता है, इसलिए युवती के अपहरण के बाद वह सीधे वहां गया. उसे लगा कि यहां जल्दी उसे न तो कोई पहचान पाएगा और न ही वह पुलिस की पकड़ में आ सकता है." हालांकि पुलिस के पास इस सवाल के जवाब नहीं हैं कि जब यमुनेंद्र के बारे में यह मालूम था कि वह बस्तर की फर्टिलाइजर कंपनी से जुड़ा हुआ है, तो उसने बस्तर जाकर पता क्यों नहीं किया और वहां की पुलिस को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी.

बहरहाल, बस्तर जाकर यमुनेंद्र ने वहां खेती करने का फैसला किया. चूंकि खेती और उससे जुड़ी तकनीकों के बारे में उसे अच्छी जानकारी थी, इसलिए उसने अपनी पढ़ाई का इस्तेमाल वहां किया. जल्दी ही वह धान की खेती के अलावा मिर्च और करेले की खेती करने लगा और उसे काफी लाभ हुआ. आस-पास के किसानों को भी उसने नगदी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया और उनका मार्गदर्शन किया. यमुनेंद्र के पास बस्तर में खुद की जमीन पहले नहीं थी लेकिन वह जमीन बंटाई पर लेकर खेती करता था. बाद में कुछ जमीन उसने खरीदी भी लेकिन ज्यादातर खेती वह बंटाई पर ही करता है. आस-पास के तमाम लोग उसके पास अच्छी खेती के लिए टिप्स लेने आते हैं. इस वजह से यमुनेंद्र की इलाके में लोकप्रियता भी हो गई है.

यमुनेंद्र बताता है कि जिस युवती का वह अपहरण करके ले गया था यानी जो अब उसकी पत्नी बन गई है, लॉकडाउन के पहले से ही आगरा चलने की जिद कर रही थी. यमुनेंद्र के मुताबिक, "पत्नी की इच्छा थी कि अपने घर या फिर रिश्तेदारी में चलें क्योंकि लंबे समय से बस्तर में ही रहते-रहते मन ऊब रहा था. पत्नी ने कहा कि आगरा में ही रहेंगे. बंटाई पर खेत तो वहां भी मिल जाएंगे. वहीं खेती कर लेंगे." यमुनेंद्र ने पहले तो मना किया लेकिन बाद में युवती की जिद के आगे झुक गया और आगरा पहुंच गया. आगरा पहुंचने के कुछ दिन बाद वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया. यमुनेंद्र ने बताया कि वह एक रिश्तेदार के पास जा रहा था और इसी दौरान चेकिंग में पुलिस की पकड़ में आ गया.

पुलिस का कहना है कि अपहृत युवती को कोर्ट में पेश किया जाएगा और फिर उसके बयान के आधार पर ही मुकदमे की दिशा तय होगी. कानूनी जानकारों के मुताबिक युवती यदि स्वेच्छा से यमुनेंद्र के साथ रहने को तैयार होती है, तो मुकदमा खारिज हो जाएगा क्योंकि युवती और यमुनेंद्र दोनों ही बालिग हैं.

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