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पाइलट अनुभवी थे: एयर इंडिया

२२ मई २०१०

पश्चिम भारत के मैंगलोर में एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान की दुर्घटना के बाद एयर इंडिया के अधिकारियों ने कहा है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान के पाइलट और कोपाइलट बहुत अनुभवी थे और उन्हें हज़ारों घंटे की उड़ान का अनुभव था.

तस्वीर: AP

जनवरी 2008 में फ़्लीट में शामिल किए गए अत्याधुनिक बोइंग विमान 737-800 का नेतृत्व सर्बियाई मूल के ब्रिटिश नागरिक स्लात्को ग्लूजित्सा कर रहे थे जबकि भारतीय नागरिक एचएस अहलूवालिया विमान के कोपाइलट थे. मुंबई में एयर इंडिया की आपात रेसपॉंस टीम की ज्योति राउत ने कहा है कि दोनों की दुर्घटना में मौत हो गई.

55 वर्षीय ग्लूजित्सा एयर इंडिया के लिए काम करने वाले बहुत से विदेशी पाइलटों में शामिल हैं. एयर इंडिया के कार्मिक निदेशक अनूप श्रीवास्तव का कहना है कि उन्हें 7000 उड़ान किलोमीटर का अनुभव था और वे दुबई मैंगलौर रूट पर कई बार उड़ान भर चुके थे. अहलूवालिया को कॉकपिट में 3650 घंटों का अनुभव था. दोनों पाइलटों ने 17 मई को मैंगलोर की उड़ान भरी थी.

मैंगलोर की उड़ान को कठिन माना जाता है क्योंकि हवाई अड्डा एक पहाड़ी पर स्थित है और रनवे से 30 मीटर की दूरी पर ही ढलान है. हालांकि मौसम साफ था लेकिन इलाके में गुरुवार से ही भारी वर्षा हो रही थी.

नई दिल्ली में एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन वीपी अग्रवाल ने कहा है कि पाइलटों ने कोई आपात संदेश नहीं भेजा जिससे तकनीकी गड़बड़ी का अंदेशा हो. अग्रवाल के अनुसार, "जिस समय जहाज़ उतर रहा था उस समय दृष्टिक्षेत्र (विज़िबिलिटी) 6 किलोमीटर था जो उतरने के लिए पर्याप्त है."

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: आभा मोंढे

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