पाकिस्तानः सूफी दरगाह पर धमाका, 6 मरे
२५ अक्टूबर २०१०यह धमाका सुबह सुबह की नमाज के कुछ देर बाद ही 12वीं सदी के सूफी हजरत बाबा फरीद की दरगाह पर हुआ. शहर के मुख्य अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया है कि हमले में छह लोग मारे गए हैं जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. धमाके में सात महिलाओं समेत पंद्रह लोग घायल भी बताए जाते हैं. धमाके में आसपास की कई दुकानों को भी नुकसान हुआ है.
शहर के पुलिस प्रमुख मोहम्मद काशिफ ने बताया कि बम एक मोटरसाइकल पर रखा गया था. उन्होंने कहा, "शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक दो आदमी मोटरसाइकल पर आए और उसे दरगाह के गेट के पास खड़ा कर दिया. थोड़ी देर बाद उसमें धमाका हो गया."
अभी तक किसी गुट ने धमाके की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन तालिबान उग्रवादी इस तरह दरगाहों पर हमले करते रहे हैं. तालिबान आम तौर पर इस्लाम को लेकर सूफी सोच से नफरत करते हैं और इसीलिए वे सूफी दरगाहों पर लोगों के जाने को सही नहीं मानते. लेकिन पाकिस्तान में लोग अकसर सूफी दरगाहों पर जाते हैं.
हाल के महीनों में तालिबान और अल कायदा ने इस तरह की दरगाहों पर हमले तेज कर दिए हैं. 1 जुलाई को लाहौर में दाता दरबार के नाम से मशहूर 11वीं सदी के सूफी अब्दुल हसन अली हजवेरी की दरगाह पर धमाका किया गया जिसमें चालीस लोग मारे गए. इसी महीने कराची में 8वीं सदी के सूफी अब्दुल्लाह शाह गाजी की दरगाह को भी चरमपंथियों ने निशाना बनाया. इस धमाके में आठ लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए.
अमेरिका के समर्थन वाली पाकिस्तान सरकार को तालिबानी चरमपंथियों से जूझना पड़ रहा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एमजी