पाकिस्तानी लड़कियों से शादी कर देह व्यापार कराते चीनी पति
१८ जून २०१९
एक चीनी आदमी को बेची गई पाकिस्तान की 19 साल की नताशा मसीह ने अपनी मां को फोन किया, लेकिन बता नहीं पा रही थी कि चीन में उसके साथ क्या क्या हो रहा है.
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नताशा ने पाकिस्तान में अपने घर यह बताने के लिए फोन किया था कि उसका नया पति किस कदर उसका शोषण कर रहा है. आखिरकार वह फूट फूट कर रोने लगी और उसने अपनी मां को पूरा किस्सा बताया. वह अपनी मां से गुहार लगा रही थी कि मुझे वापस बुला लो. नताशा ने बताया कि उसके पति ने उसे चीन के एक दूर दराज के इलाके में एक होटल में छिपा रखा है और वह कई हफ्तों से उसे अन्य लोगों के साथ सेक्स करने को मजबूर कर रहा है. नताशा के मुताबिक उसके पति ने उससे कहा, "मैंने तुम्हें पाकिस्तान में खरीदा था. तुम मेरी हो. मेरी प्रॉपर्टी हो."
जहां भी हो सकता था, नताशा की मां ने वहां जाकर मदद की गुहार लगाई. वह फैसलाबाद के झुग्गी बस्ती इलाके में बने एक छोटे से चर्च में गईं. वहां मौजूद लोगों ने 1,100 किलोमीटर दूर बैठी नताशा को होटल से छुड़ाने की योजना बनाई.
वैसे नताशा अकेली नहीं हैं. मोटी रकम के एवज में चीनियों से सैकड़ों पाकिस्तानी लड़कियों की शादियां की गई हैं. अपनी बेटी का सौदा करने वाले लोग ज्यादातर ईसाई परिवारों के होते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति पाकिस्तान में बहुत ही खराब है.
हैवोकस्कोप रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कई देशों में होने वाले देह व्यापार के आंकड़े जमा किये हैं. इसमें भारत को भी बड़ा बाजार बताया गया है. एक नजर इन देशों पर.
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12. इंडोनेशिया: 2.25 अरब डॉलर
इंडोनेशिया में देह व्यापार गैरकानूनी है. इसे नैतिक अपराध माना जाता है. लेकिन इसके बावजूद मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया में देह व्यापार काफी फैला हुआ और संगठित है. यूनिसेफ के मुताबिक इंडोनेशिया में देह व्यापार से जुड़ी 30 फीसदी युवतियां नाबालिग है.
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11. स्विट्जरलैंड: 3.5 अरब डॉलर
स्विट्जरलैंड में देह व्यापार के अड्डे को आम तौर पर "सेक्स रूम" कहा जाता है. इसे सरकार से वित्तीय मदद भी मिलती है. यह शहर के केंद्र से बाहर होते हैं. वहां शावर, लॉकर, डेस्क और वॉशिंग मशीन भी होती है. ज्यूरिख शहर ने तो देह व्यापार के ठिकाने को शहर से दूर बसाने के लिए 26 लाख डॉलर भी दिए.
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10. तुर्की: 4 अरब डॉलर
तुर्की में देह व्यापार कानूनी है लेकिन देह व्यापार को बढ़ावा देना प्रतिबंधित है. तुर्की का अप्रावसन कानूनी देह व्यापार के लिए तुर्की आने की इजाजत नहीं देता है. लेकिन इसके बावजूद तुर्की 10वें नबंर पर है.
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9. फिलीपींस: 6 अरब डॉलर
देह व्यापार फिलीपींस में गैरकानूनी है. लेकिन सब जानते हैं कि फिलीपींस सेक्स टूरिज्म के लिए किस हद तक बदनाम है. बहुत ज्यादा गरीबी और इंटरनेट तक आसान पहुंच ने इस देश को सेक्स टूरिज्म के लिए चुंबक जैसा बना दिया है. बच्चे और नाबालिग भी इसका शिकार हो रहे हैं.
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8. थाइलैंड: 6.4 अरब डॉलर
यह देश भी सेक्स टूरिज्म के लिए मशहूर है. थाइलैंड में देह व्यापार कानूनी है. यहां खास जगहों पर ही देह व्यापार की अनुमति है. स्थानीय अधिकारी कभी कभार यौनकर्मियों की रक्षा भी करते हैं. वियतनाम युद्ध के बाद से ही थाइलैंड सेक्स टूरिज्म के लिए मशहूर हुआ.
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7. भारत: 8.4 अरब डॉलर
आबादी के लिहाज से दुनिया के दूसरे बड़े देश, भारत में देह व्यापार से जुड़ा कानून बड़ा उलझा हुआ है. पैसे के लिए सेक्स करना कानूनी है लेकिन सार्वजनिक जगहों पर, होटल में ऐसा करना, अड्डा चलाना या इसे बढ़ावा देना गैरकानूनी है. निजी आवास में बालिग के साथ आपसी सहमति से सेक्स करना कानूनी है.
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6. दक्षिण कोरिया: 12 अरब डॉलर
हालांकि दक्षिण कोरिया में यह गैरकानूनी है लेकिन कोरियन वुमेन्स डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट कुछ और ही कहानी बयान करती है. दक्षिण कोरिया में देह व्यापार का कारोबार 12-13 अरब डॉलर का है. यह जीडीपी का 1.6 फीसदी है. रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया के 20 से 64 साल के 20 फीसदी पुरुष महीने में औसतन 580 डॉलर देह व्यापार पर खर्च करते हैं.
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5. अमेरिका: 14.6 अरब डॉलर
अमेरिका में आम तौर पर देह व्यापार कानूनी है. हालांकि नेवाडा राज्य के कुछ इलाकों में यह गैरकानूनी है. अमेरिका में देह व्यापार के लिए आधिकारिक तौर पर आवेदन किया जा सकता है. इस कारोबार से जुड़े लोगों को टैक्स, कर्मचारियों की हिफाजत, न्यूनतम मजदूरी, बीमा, मेडिकल जांच के नियम मानने पड़ते हैं.
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4. जर्मनी: 18 अरब डॉलर
अनुमान के मुताबिक जर्मनी में 40,000 सेक्स वर्कर हैं. यह कानूनी है लेकिन सामाजिक दशा और अधिकारों से जुड़े कई नियम हैं. यौनकर्मियों को दूसरे पेशों की तरह सामाजिक सुरक्षा मिल सकती है. देह व्यापार के लिए मजबूर करना या स्थिति का लाभ उठाना अपराध है.
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3. जापान: 24 अरब डॉलर
देह व्यापार जापान के इतिहास के साथ जुड़ा है. 1956 के एंटी प्रोस्टिट्यूशन एक्ट के मुताबिक, "कोई भी व्यक्ति यौनकर्मी नहीं बनेगा और ना ही ग्राहक बनेगा." कानूनी कमियों के चलते जापान में सेक्स उद्योग शुरू हुआ, यह उद्योग खुद को देह व्यापार नहीं कहता है.
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2. स्पेन: 26.5 अरब डॉलर
यूएन यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 39 फीसदी स्पेनिश पुरुषों ने एक बार यौनकर्मी से संबंध बनाए हैं. 2009 में स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक सर्वे किया जिसमें 32 फीसदी पुरुषों ने यह स्वीकारा. यह हॉलैंड और ब्रिटेन की तुलना में 14 फीसदी ज्यादा है.
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1. चीन: 73 अरब डॉलर
दुनिया का सबसे बड़ा यौन कारोबार उस देश में होता है जहां देह व्यापार गैरकानूनी है. चीन में सरकार यौनकर्मियों के साथ अपराधियों की तरह पेश आती है. समय समय पर छापे मारे जाते हैं लेकिन इसके बावजूद चीन के मसाज पार्लरों, बारों और नाइट क्लबों में यह फलता फूलता रहा है.
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समाचार एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट में पहले बताया गया है कि किस तरह ईसाई पादरी, पाकिस्तानी और चीनी दलाल मिल कर इस धंधे में पैसा बना रहे हैं. पैसे के लालच में आकर परिवार चीनी नागरिकों के साथ अपनी बेटियों को भेज देते हैं और चीन में जाकर उनके दमन और शोषण की खबरें आती हैं.
पुलिस की छानबीन बताती है कि ऐसी बहुत सारी पाकिस्तानी लड़कियों को चीन में ले जाकर उनसे देह व्यापार कराया जाता है. पाकिस्तानी जांच एजेंसी के छापों में हाल में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया जो इस तरह के गिरोह चलाते हैं. एक अधिकारी ने बताया, "एक पीड़ित लड़की से बात करने पर पता चला कि उनका वहां शोषण होता है." पुलिस की जांच इंसानी तस्करी के बड़े मामलों की तरफ इशारा करती है लेकिन पाकिस्तानी सरकार इस बारे में लगभग खामोश है.
वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच अधिकारियों से इस बारे में चुप्पी बनाए रखने को कहा, क्योंकि वे नहीं चाहते कि इसकी वजह से चीन के साथ पाकिस्तान के आर्थिक संबंध खतरे में पड़ें. दो अधिकारियों ने अपना नाम ना जाहिर करने की शर्त पर यह बात बताई.
पाकिस्तान में चीन अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है. 75 अरब डॉलर की लागत से वहां चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर बनाया जा रहा है. पाकिस्तान को लगता है कि यह परियोजना उसके लिए आर्थिक संभावनाओं के नए द्वार खोलेगी.
चीन में पाकिस्तानी राजदूत ने स्थानीय टीवी चैनलों से कहा कि लड़कियों को तस्करी के जरिए चीन में नहीं लाया जा रहा है और ना ही उन्हें देह व्यापार में धकेला जा रहा है. हाल में पाकिस्तान का दौरा करने वाले चीनी उप राष्ट्रपति ने भी इंसानी तस्करी से इनकार किया. लेकिन पाकिस्तान में ईसाई समुदाय के एक कार्यकर्ता सलीम इकबाल कहते हैं, "चीन इनकार करता है कि ऐसा हो रहा है, लेकिन हमारे पास सबूत हैं." उन्होंने कई लड़कियों को चीन से वापस लाने में मदद की है और इस बारे में सबूत जमा किए हैं और पुलिस को सौंपे हैं.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और मानवाधिकार कार्यकर्ता इजाज आलम आगस्टीन का अनुमान है कि लगभग 500 पाकिस्तानी महिलाओं को तस्करी के जरिए चीन ले जाया गया है. वहीं इकबाल इनकी संख्या 750 से 1000 हजार बताते हैं.
कई राज्यों में मानव तस्करी के मामले बढ़ गये है. 2016 के आंकड़ों के हिसाब से सबसे ऊपर है पश्चिम बंगाल तो उससे थोड़ा ही पीछे रहा राजस्थान. देखिये भारत में कहां कहां हैं सबसे बुरे हालात.
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पश्चिम बंगाल
2016 में मानव तस्करी के सबसे ज्यादा मामले पश्चिम बंगाल में दर्ज हुए. देश भर में एक साल में कुल 8,132 शिकायतों में से 3,576 केवल इसी राज्य से आईं.
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राजस्थान
मानव तस्करी के कुल मामलों में से 60 फीसदी से ज्यादा मामले केवल पश्चिम बंगाल और राजस्थान से मिले. राजस्थान से 1,422 शिकायतें आयीं.
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गुजरात और महाराष्ट्र
राजस्थान के बाद 548 मामलों के साथ गुजरात का नंबर आता है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 517 मामलों के साथ महाराष्ट्र में भी ऐसा ही हाल रहा.
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केंद्र शासित प्रदेश
केंद्र शासित (यूटी) प्रदेशों में दिल्ली मानव तस्करी की शियाकतों के मामले में सबसे ऊपर है. यूटी के कुल 75 मामलों में से 66 केवल दिल्ली में थे. हालांकि पिछले साल ये आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा 87 था.
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तमिलनाडु और कर्नाटक
दक्षिण भारतीय राज्यों में सबसे बुरा हाल तमिलनाडु का रहा. वहां 2016 में मानव तस्करी के 434 मामले दर्ज हुए. इसके बाद कर्नाटक में 404 मामले सामने आए.
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आंध्र प्रदेश और तेलांगना
आंध्र प्रदेश में 239 और तेलांगना में 229 मामलों के साथ हालात एक से रहे. केरल में मात्र 21 शिकायतें दर्ज हुईं.
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असम
पूर्वोत्तर के राज्यों में 91 मामलों के साथ असम का हाल सबसे खराब रहा. फिर भी 2014 के मुकाबले हालात बहुत बेहतर हुए हैं जब राज्य में 380 ऐसे मामले दर्ज किए गए थे.
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एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग स्क्वॉड
पूर्वोत्तर के कई राज्यों में सरकारों ने मानव तस्करी को रोकने के लिए खास दस्ते बनाए हैं. ऐसे 10 दस्ते असम में, 8 अरुणाचल में और 5 मणिपुर में हैं.
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पूर्वी राज्य
झारखंड में 109, पड़ोसी राज्य ओडीशा में 84 और बिहार में 43 मानव तस्करी के मामले सामने आए. उत्तर प्रदेश में 79 और मध्य प्रदेश में 51 मामले दर्ज हुए.
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अंतरराष्ट्रीय सहयोग
भारत सरकार ने बांग्लादेश और संयुक्त अरब अमीरात के साथ भी सहयोग के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. आरपी/एके (पीटीआई)
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जांचकर्ताओं ने हाल के दिनों में ऐसी कई लड़कियों से पूछताछ की जिन्हें चीनी नागरिकों को बेचा गया था. इनमें से एक सुमेरा भी है जिसे उसके भाइयों ने बेचा था. वह बताती है कि अपने चीनी पति के यहां से भागने के बाद महीनों तक वह खामोश रही. यहां तक कि उसने जांचकर्ताओं से भी बात करने से मना कर दिया था. लेकिन अब वह अपनी बात कह रही है. उसका कहना है, "अगर मैंने पहले बता दिया होता कि मेरे साथ क्या हुआ है तो हो सकता है कि दूसरी बहुत सी पाकिस्तानी लड़कियों को बचा लिया जाता. लेकिन मैं बहुत डरी हुई थी. मुझे अपने भाइयों का डर था. लेकिन अब मैं चाहती हूं कि जो मेरे साथ हुआ, दूसरी लड़कियों के साथ ना हो."
अब सुमेरा तीस साल की है और पाकिस्तान के शहर गुजरावालां की एक ईसाई बस्ती में एक ब्यूटी पार्लर चलाती है. वह बताती है, "जो आप देख रहे हैं, मैं उससे काफी अलग हुआ करती थी. मेरे पास उम्मीद थी. मुझे अपने भविष्य पर भरोसा था. अब मुझे कुछ नहीं पता."
एजेंटों से पैसे लेने के बाद पिछले साल जुलाई में सुमेरा के भाइयों ने उसे शादी करने के लिए मजबूर किया. उसके पति ने पहले तो उसे इस्लामाबाद में एक मकान में रखा. सुमेरा बताती है कि उसे लगभग एक हफ्ते वहां रखा गया और हर रात चीनी पुरुष उसका बलात्कार करते थे.
चीन जाने से पहले सुमेरा ने अपनी चीनी पति को इस बात के लिए राजी कर लिया कि वह एक बार अपनी बहनों से मिलना चाहती है. वह कहती है, "जब मैं अपने घर पहुंची तो मैं अपने भाइयों पर चिल्लाई. मैंने कहा कि मुझे क्यों बेचा, उस पैसे से तुमने क्या किया?" सुमेरा के भाइयों ने उसे पीटा, लेकिन वह भाग कर अपने एक रिश्तेदार के यहां जाने में कामयाब रही.
कहते हैं वैश्यावृति दुनिया का सबसे पुराना पेशा है. लेकिन इस पेशे के बारे में खुल कर बात करने से लोग अक्सर परहेज करते हैं. कई देशों में यह कानूनी है और यौनकर्मी अन्य किसी भी पेशे की तरह सरकार को टैक्स भी चुकाते हैं.
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नीदरलैंड्स और बेल्जियम
देह व्यापार में एम्सटर्डम का रेड लाइट एरिया शायद दुनिया का सबसे मशहूर हिस्सा है. अन्य देशों से विपरीत, जहां लोग छिप छिपा कर रेड लाइट एरिया में जाते हैं, एम्सटर्डम में टूरिस्ट खास तौर से इस इलाके को देखने पहुंचते हैं. बेल्जियम में भी देह व्यापार कानूनी है.
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फ्रांस और जर्मनी
इन दोनों देशों में देह व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कड़े नियम हैं. जर्मनी के कुछ शहरों में यौनकर्मियों को सड़कों पर ग्राहक खोजने के लिए खड़े होने की अनुमति नहीं है. वहीं फ्रांस में 2014 में नया कानून लागू किया गया जिसके तहत सेक्स के लिए पैसे देना अपराध है.
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स्वीडन और नॉर्वे
फ्रांस ने जो कानून लागू किया है, उसकी शुरुआत 1999 में पहली बार स्वीडन ने की. इसीलिए इसे 'स्वीडिश मॉडल' और 'नॉर्डिक मॉडल' कहा जाता है. नॉर्वे और आइसलैंड भी इसी कानून का पालन करते हैं. इस मॉडल के तहत ये देश यौनकर्मियों को अपराधी ना कह कर, देह व्यापार पर लगाम कसने की कोशिश कर रहे हैं.
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ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड
इन दोनों देशों में देह व्यापार को पूरी तरह कानूनी मान्यता प्राप्त है. ऑस्ट्रिया में देह व्यापार में आने के लिए कम से कम 19 साल का होना जरूरी है. महिलाओं को नियमित रूप से अपना मेडिकल टेस्ट कराना होता है और टैक्स भी चुकाना होता है. जर्मनी में भी ऐसा ही है.
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ग्रीस और तुर्की
जर्मनी की तरह ग्रीस में भी वैश्यावृति एक कानूनी पेशा है. अन्य लोगों की तरह यौनकर्मियों को अपना मेडिकल बीमा भी कराना होता है. तुर्की में भी इसी तरह के कानून हैं. वहां यौनकर्मियों के लिए खुद को पंजीकृत कराना और आईडी कार्ड बनवाना अनिवार्य है.
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ब्रिटेन और आयरलैंड
ब्रिटेन में भी यौनकर्मियों के पास अधिकार हैं लेकिन गैर सरकारी संगठनों के विरोध के चलते वक्त के साथ कुछ नियम बदले गए हैं. मिसाल के तौर पर किसी यौनकर्मी की तलाश में रेड लाइट इलाके में धीमी गति पर गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं है. आयरलैंड में भी कड़ा नियंत्रण है.
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स्पेन और पुर्तगाल
दरअसल यूरोप के अधिकतर देश देह व्यापार को अपराध नहीं मानते. हर देश के अपने कुछ अलग नियम हैं और उन्हीं के अनुरूप स्वीकृति है. स्पेन में किसी अन्य व्यक्ति को देह व्यापार में धकेलना या उससे मुनाफा कमाना अपराध है. व्यक्ति अपनी इच्छा से इस पेशे से जुड़ सकता है.
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मेक्सिको और ब्राजील
लगभग सभी लातिन अमेरिकी देशों में देह व्यापार की अनुमति है. ड्रग्स और माफिया के लिए मशहूर मेक्सिको में मानव तस्करी भी बड़ी समस्या है. सुनियोजित रूप से सेक्स रैकेट चलाना अपराध है लेकिन फिर भी यहां ऐसा आम है.
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न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया
जहां पूरे न्यूजीलैंड में देह व्यापार की अनुमति है, वहीं पड़ोसी ऑस्ट्रेलिया के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग कानून हैं. न्यूजीलैंड में 2003 में बदले गए कानून के बाद से बालिगों के लिए यह व्यापार कानूनी हो गया है. कनाडा में भी इसे गैरकानूनी नहीं माना जाता.
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भारत और थाईलैंड?
भारत के लगभग हर शहर में कोई ना कोई छिपा हुआ इलाका है जहां देह व्यापार चलता है. दिल्ली की जीबी रोड पूरे देश में मशहूर है. दरअसल भारत में देह व्यापार गैरकानूनी नहीं है लेकिन दलाली करना, चकला चलाना और सार्वजनिक जगहों पर ग्राहक ढूंढना अपराध है. वैश्यावृति के लिए मशहूर एशिया के अधिकतर देशों, जैसे थाईलैंड और फिलीपींस में यौनकर्म गैरकानूनी है.
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नताशा वसीह भी फैसलाबाद के एक ईसाई इलाके वसीरपुरा में रहती है. यहां रहने वाले ज्यादातर लोग घरों में काम करके अपने पेट पालते हैं. नताशा शादी नहीं करना चाहती थी. लेकिन वह कहती है, "मैं क्या करती, मेरा परिवार गरीब है." नताशा के पिता के एक दोस्त ने उन्हें मशविरा दिया कि बेटी की शादी किसी चीनी व्यक्ति से कर दें. नताशा के परिवार को पैसों की जरूरत थी जिसमें नताशा के अलावा चार बेटियां और हैं. नताशा कहती है कि शादी से इनकार करने का विकल्प उसके पास था ही नहीं.
नवंबर में नताशा का पति उसे चीन के पश्चिमोत्तर इलाके में ले गया. पहले उसे जंगल वाले एक इलाके में बने छोटे से मकान में रखा गया. वहां ना तो किचन थी और ना ही बाथरूम. नताशा को पता चला कि उसी घर में दो महिलाएं और तीन पुरुष भी रह रहे थे जो उसके पति के दोस्त थे. जल्द ही नताशा का पति उसे उन पुरुषों के साथ सेक्स करने पर मजबूर करने लगा.
इसके बाद नताशा का पति उसे पास के शहर उरुमछी के एक लग्जरी होटल में ले गया. वहां उसने नताशा को एक कमरे में बंद कर दिया और उससे देह व्यापार कराने लगा. नताशा बताती है, "हमेशा दो-तीन लोग वहीं रहते थे. उनके अलावा कई और लोग भी आते थे. वह मुझे उन सबके साथ सेक्स करने को कहता था. मैं नरक जैसे हालात में रह रही थी. चुपचाप रहती थी और बस वहां से निकलने की दुआ मांगती थी." इसी होटल से नताशा ने अपने माता पिता को फोन किया था.
फैसलाबाद में चर्च के एक सदस्य फारूक मसीह ने नताशा की मदद करने के लिए एक ग्रुप बनाया. मसीह बताते हैं कि वे समझ नहीं पा रहे थे कि कैसे नताशा को छुड़ाए. तभी ग्रुप के एक सदस्य ने बताया कि उसका भाई चीन में पढ़ रहा है. यह छात्र नताशा के पति से संपर्क करने को तैयार हो गया है. उसने ग्राहक बनकर नताशा के पति से बात की और पैसे देकर नताशा के साथ सोने की इच्छा जताई. नताशा तक पहुंचने के लिए यह सब किया गया.
छात्र ने नताशा को मैसेज भेजा कि वह उसे बचाने के लिए आ रहा है. उसने नताशा से सारी जानकारी ले ली कि कब उसका पति होटल में आता है और कब चला जाता है. आखिरकार वह दिन आया. छात्र ने नताशा को फोन किया और होटल से बाहर आने को कहा, जहां वह टैक्सी में उसका इंतजार कर रहा था.
नताशा कहती है, "मैंने उसे देखा और जल्दी से अपने कपड़े समेटे और टैक्सी में जाकर बैठ गई. मैंने उसका नाम नहीं पूछा. कुछ नहीं पूछा. बस इतना कहा, शुक्रिया भाई." और जल्द ही वह पाकिस्तान जाने वाले विमान पर सवार थी.
फारूक मसीह तब से और लड़कियों को इस मकड़जाल से बचाने में मदद कर रहे हैं. इसी बीच, नताशा भी अन्य लड़कियों के साथ अपने अनुभव बता रही है ताकि वे इसमें ना फंसे. साथ ही वह जांचकर्ताओं से भी बात कर रही है. उसने ऐसी भी खबरें सुनी हैं कि उसका चीनी पति फिर पाकिस्तान आया है और वह किसी और लड़की से शादी करने की फिराक में है.
नताशा कहती है, "मैं किस्मत वाली हूं. बहुत सारी लड़कियां जिन्हें उनके पति चीन में ले गए, वे अब भी उन्हीं भयानक हालात में रह रही हैं. अब मुझे पता है कि आजादी क्या होती है और गुलामी क्या होती है. चीन में मेरे पति ने मेरे साथ गुलामों जैसा बर्ताव किया था."