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पाकिस्तानी स्कूली बच्चे ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

२ फ़रवरी २०११

एक पाकिस्तानी छात्र ने ओ लेवल एग्जाम में 23 ए ग्रेड हासिल कर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. ओ लेवल एक विश्व विख्यात टेस्ट है जिसमें कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में दाखिले की तैयारी के तहत 14 से 16 साल के बच्चे हिस्सा लेते हैं.

खुला कैम्ब्रिज का रास्तातस्वीर: Ruth Rach

वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले 17 वर्षीय इब्राहिम शाहिद एक यूनिवर्सिटी प्रोफेसर के बेटे हैं. इस्लामाबाद के बीकन हाउस स्कूल में पढ़ने वाले शाहिद के पिता इलेक्ट्रिकल इंजीनयरिंग पढ़ाते हैं. उन्होंने पिछले महीने ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की तरफ से 24 विषयों की परीक्षा में 23 ए ग्रेड हासिल किए हैं. अपनी इस कामयाबी से वह बहुत खुश हैं. शाहिद का कहना है, "इससे मेरे देश का नाम रोशन हुआ है. ओ लेवल के स्तर पर ऐसा पहले कभी नहीं हुआ."

खुद को साबित करना था

शाहिद अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता पिता और टीचरों को देते हैं. उन्होंने प्राइमरी स्तर की दो साल की पढ़ाई ऑस्ट्रेलिया में की. वह बताते हैं, "ऑस्ट्रेलिया में मेरे टीचर ने मेरे पिता से कहा, 'मिस्टर शाहिद आपका बेटा एक औसत छात्र है और कभी भी पढ़ाई में बड़ी कामयाबी हासिल नहीं कर सकता.' इसके बाद मैंने खुद को साबित करने की ठानी."

शाहिद ने अभी यह फैसला नहीं किया है कि उन्हें यूनिवर्सिटी में कौन सा विषय पढ़ना है. लेकिन भौतिकशास्त्र और अर्थशास्त्र में उनकी खासी दिलचस्पी है. शाहिद को आर्थिक तंगी और मुश्किलों से घिरे अपने देश पाकिस्तान की बहुत चिंता है. वह कहते हैं, "मैं अपने देश के लिए कुछ करना चाहता हूं- कुछ अनोखा." शाहिद कहते हैं कि प्रतिभाशाली लोग पाकिस्तान से बाहर जा रहे हैं.

कदीर खान से प्रेरित

पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम के जनक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित अब्दुल कदीर खान को शाहिद अपनी प्रेरणा मानते हैं. पाकिस्तान में कदीर खान को एक नायक माना जाता है, लेकिन पश्चिमी जगत उन्हें विश्व शांति के लिए बड़ा खतरा मानता है. 2004 में कदीर खान ने ईरान, लीबिया और उत्तर कोरिया को परमाणु तकनीक बेचने की बात मानी. फरवरी 2009 तक उन्हें नजरबंद रखा गया. शाहिद का कहना है, "मैं डॉक्टर कदीर खान से प्रेरित हूं. मैं अपने देश की सेवा करना चाहता हूं. भावी पीढ़ियों को मेहनत में विश्वास रखना होगा. उन्हें हिम्मत नहीं हारनी है. उन्हें असंभव को संभव बनाने के लिए मेहनत करनी होगी."

कैम्ब्रिज का ओ लेवल एग्जाम पूरी दुनिया में विख्यात है जिसमें यूनिवर्सिटी में दाखिले की तैयारी के तहत 14 से 16 साल की उम्र के बच्चे हिस्सा लेते हैं. इसे खास कर अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए तैयार किया गया है. खास कर उन छात्रों के लिए जिनकी मातृभाषा अंग्रेजी नहीं है.

शाहिद के टीचर अपने शिष्य की कामयाबी पर खुश हैं. उनका कहना है कि पाकिस्तान को लेकर ऐसी अच्छी खबरें कभी कभार ही सुनने को मिलती हैं और यह उम्मीद की किरण हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एमजी

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