दक्षिण एशिया के कई देशों में माशिकी सैकड़ों सालों से लोगों की प्यास बुझाते रहे हैं. लेकिन पाकिस्तान में आज भी लोगों को पानी पिलाने वाले माशिकी चिंता में हैं कि उनका पेशा और कितने दिन जिंदा रह पाएगा.
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पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में मोहम्मद रमजान मश्क कहे जाने वाले बकरी के चमड़े से बने एक बड़े थैले में पानी भरते हैं और फिर उसे लेकर कई सीढ़ियां चढ़ कर एक घर में पहुंचाते हैं. रमजान पिछले 40 सालों से भी ज्यादा से माशिकी यानी लोगों को पानी पिलाने वाले का काम कर रहे हैं. लेकिन जैसे जैसे पानी वाली कंपनियां और टैंकर शहर के लोगों तक पानी पहुंचा रहे हैं, यह सदियों पुराना पेशा अब गायब हो रहा है.
लेकिन कम से कम रमजान के पाक महीने में मोहम्मद रमजान की सेवाओं की बहुत मांग रहती है. इस महीने में गर्मी की वजह से रोजा रखना काफी चुनौती भरा हो सकता है. रमजान से पानी लेने वाले कराची के निवासी मोहम्मद इमरान कहते हैं, "रमजान में इन बेचारे माशिकियों को चार-पांच मंजिला ऊंची इमारतों में हमारे घरों तक पानी पहुंचाने में बड़ी कठिनाई होती है. लेकिन टैंकर वाले अक्सर हमारे फोन तक नहीं उठाते और पैसे भी बहुत लेते हैं. हम इनके बड़े एहसानमंद हैं."
कराची में रहने वाले करीब दो करोड़ लोगों के लिए रोज 120 करोड़ गैलन पानी चाहिए होता है. लेकिन अधिकारी कहते हैं कि शहर के दो मुख्य पानी के स्त्रोतों से सिर्फ करीब 58 करोड़ गैलन पानी ही मिल पाता है. इसमें से कुछ पानी जर्जर हालत में पड़े बुनियादी ढांचे और पानी की चोरी की वजह से बर्बाद भी हो जाता है. जानकारों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और भारत द्वारा नदियों के ऊपरी हिस्सों में बनाए गए बांधों की वजह से भी पानी की आपूर्ति कम हो जाती है.
संकरी सीढ़ियां चढ़ते हुए मोहम्मद रमजान थोड़ी देर सांस लेने के लिए रुकते हैं. उनके चमड़े के मश्क में 35 लीटर तक पानी भरा जा सकता है. रमजान कहते हैं, "रमजान के महीने में लोगों के लिए पानी लेने की जगहों पर जाकर पानी लेना खास तौर पर मुश्किल हो जाता है. ऐसे में मैं उनके लिए पानी ले जाता हूं, इस उम्मीद में कि अल्लाह मुझे इसके लिए आशीर्वाद देंगे...मैं अपनी जीविका भी इसी से चलाता हूं."
दक्षिण एशिया में ऐसे माशिकी सैकड़ों सालों से रहे हैं. प्राचीन काल में ये यात्रियों और जंग के दौरान योद्धाओं को पानी पिलाते थे. लेकिन रमजान को चिंता है कि उनके जैसे माशिकियों के दिन अब जल्द ही लदने वाले हैं. वो कहते हैं, "हर जगह टैंकरों से पानी जा रहा है; मिनरल वॉटर कंपनियां घर घर पानी पहुंचा रही हैं. इस वजह से ऐसा लगता है कि माशिकी का पेशा अब ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगा."
सीके/एए (रॉयटर्स)
अजीब पेशे, बढ़िया पगार
नाले की सफाई के लिए नीचे उतरना या फिर कत्ल की जगह से खून साफ करना. भारत में भले ये पेशे निम्न दर्जे के माने जाते हों लेकिन कई देशों में इनके लिए बढ़िया पगार मिलती है.
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बगलें सूंघना
बगलों की गंध और पसीने को सूंघ कर उस पर शोध करने वाले लोग गंध के परीक्षण में माहिर होते हैं. इस तरह का डाटा अक्सर डियोडरेंट जैसे कॉस्मेटिक बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. कॉस्मेटिक कंपनियों की फैक्ट्रियों में इस तरह की नौकरियां होती हैं. इन विशेषज्ञों की सालाना आमदनी 50,000 अमेरिकी डॉलर तक होती है.
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'फार्ट' टेस्टर
बगल की गंध की तरह शरीर की दूसरी गंध का परीक्षण इनका काम है. मानव शरीर की अधोवायु की जानकारी मेडिकल कारणों से इस्तेमाल में लाई जाता है. पेट के पाचन तंत्र से निकलने वाली गंध बहुत सी बीमारियों के बारे में संकेत देती हैं. इस डाटा के आधार पर इलाज तय करने में मदद मिलती है. इस पेशे में 40,000 अमेरिकी डॉलर तक सालाना आमदनी मिलती है.
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नाले का मुआयना
विकसित देशों में इस तरह के मुख्य नाले बहुत बड़े बड़े होते हैं. किसी पेशेवर को नाले में उतरकर प्रदूषण, जाम और ऐसी गैर कानूनी सामग्री की जांच करनी होती है जिसे लोग अक्सर सीवर में बहा देते हैं. जाहिर है इस दौरान उन्हें गंदगी और बदबू का सामना करना होता है, लेकिन इस पेशे में सालाना 35,000 से 60,000 अमेरिकी डॉलर के बीच कमाई होती है.
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पालतू जानवरों का खाना
इस जांच को अंजाम देने वाले खुद पालतू कुत्ते या बिल्ली का खाना खाते हैं. उन्हें खाने के स्वाद, प्रकृति और गंध की जांच करनी होती है. इस खाने को निगलना जरूरी नहीं. इस पेशे वाला व्यक्ति सालाना करीब 40,000 डॉलर तक कमाता है.
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अनोखे व्यंजन
इस पेशे को अपनाने वालों का काम होता है अनोखे व्यंजनों को चखना. वे टिड्डा का अन्य पतंगे और जीव भी हो सकते हैं. फीयर फैक्टर जैसे टीवी कार्यक्रमों के लिए प्रोडक्शन कंपनियां खास तौर पर इस तरह के लोगों को टेस्ट के लिए नौकरी देती हैं. प्रतिभागियों से पहले वे इन्हें खाकर देखते हैं. ये 800 डॉलर प्रतिदिन कमाते हैं.
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मौका-ए-वारदात की सफाई
पुलिस के सबूत इकट्ठा कर लेने के बाद उनका काम होता है घटनास्थल की सफाई करना. अक्सर इस तरह की लाशें भी होती हैं जो बुरी हालत में होती हैं. चारों तरफ खून बिखर जाता है. ये काम मुश्किल और बेहद हिम्मती लोगों के लिए ही है. इनकी सालाना कमाई 50,000 से 70,000 अमेरिकी डॉलर है.
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शव को तैयार करना
मृत व्यक्तियों के पास जाने में भी कई लोगों को डर लगता है. अमेरिका और यूरोप में शव को ताबूत के लिए तैयार करना खास लोगों का काम होता है. शवों को परिजनों के सामने लाने से पहले तैयार करने वाले ये पेशेवर सालाना करीब 40,000 डॉलर तक कमाते हैं.